नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े व्यापारिक संगठनों में से एक कॉन्फेडरेशन फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे पत्र में देश में कोरोनो वायरस की श्रृंखला को तोड़ने के लिए लॉकडाउन लागू करने का आग्रह किया है. कैट ने कहा है कि ऐसे समय में जब कोरोना से ग्रस्त लोगों का आंकड़ा प्रतिदिन 4 लाख से अधिक है. देश के लोगों को कोरोना से बचाने के लिए राष्ट्रीय लॉकडाउन लगाना अब वक्त की जरूरत है.
देश में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए कैट ने प्रधानमंत्री को "बाल चिकित्सा कार्य बल" बनाने का भी सुझाव दिया है, जहां बच्चे के संक्रमण होने की सम्भावना को लेकर आवश्यक कदम अभी से उठाये जा सकें. इसके अलावा आइसोलेशन या उपचार केंद्रों के लिए नए डिजाइन बनाने की आवश्यकता होगी, क्योंकि संक्रमित बच्चे के माता-पिता को भी उसके साथ रहना होगा.
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कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में कहा है कि देश के व्यापारी उनके इस विचार से सहमत हैं कि लॉकडाउन कोरोनो वायरस के लिए अंतिम उपाय होना चाहिए क्योंकि यह अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा और आजीविका कमाने के लिए मध्यम और निम्न वर्ग के लिए कठिनाई पैदा करेगा, लेकिन मौजूदा स्थिति में अब अंतिम विकल्प के रूप में देश में राष्ट्रीय लॉकडाउन लगाना जरूरी हो गया है.
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प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि देश में लगभग सभी राज्य सरकारों ने अपने-अपने राज्यों में तालाबंदी, आंशिक तालाबंदी और इसी तरह के अन्य प्रतिबंध लगाए हैं. लेकिन फिर भी कोरोना के मामलों की संख्या हर दिन बढ़ रही है. प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग ऑक्सीजन न मिलने के कारण से परेशां हो रहे हैं. अस्पतालों में बिस्तरों की अनुपलब्धता, गंभीर कोविड दवाओं और आवश्यक चिकित्सा उपकरणों की कमी ने देश में स्थिति को विकट बना दिया है. राज्यवार लॉकडाउन से कोई बहुत खास फर्क नहीं पड़ा है.