नई दिल्ली : राजधानी में इन दिनों सियासी पारा पूरी तरीके से गरमाया हुआ है. दिल्ली पब्लिक स्कूल जो मथुरा रोड पर स्थित है उसके बाहर बड़ी संख्या में अभिभावकों ने एकत्रित होकर मनीष सिसोदिया के दिए गए बयान को लेकर ना सिर्फ अपनी नाराजगी जाहिर की, बल्कि निजी स्कूलों के मनमाने ढंग से बढ़ाई जा रही फीस को लेकर नाराजगी जताई.
अभिभावकों ने ईटीवी भारत से बताया कि पिछले तीन-चार सालों में सभी निजी स्कूल चाहे वह दिल्ली पब्लिक स्कूल हो सेंट थॉमस पब्लिक स्कूल हो या फिर अन्य निजी स्कूल सभी ने अपनी फीस को कई गुना तक बढ़ाया है. जिसका असर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से बच्चों के माता-पिता के ऊपर पड़ रहा है. बढ़ी हुई फीस देने में लोग असमर्थ हैं.
फीस न भर पाने की स्थिति में बच्चों के नाम काटकर उन्हें टर्मिनेशन लेटर दिया जा रहा है. इस वजह से अभिभावक ना सिर्फ परेशान है बल्कि उनकी परेशानियां कई गुना बढ़ गई है. इन सभी समस्याओं को लेकर दिल्ली पेरेंट्स एसोसिएशन ने कई बाद दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया से मिलने का प्रयास भी किया गया, लेकिन अभी तक उन्हें सफलता नहीं मिली.
निजी स्कूलों में फीस बढ़ोतरी के मामले को लेकर धरने पर बैठे अभिभावकों के बीच दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता पहुंचे. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी भी साथ नजर आए. आदेश गुप्ता ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि पिछले कुछ दिनों से बड़ी संख्या में अभिभावक हमारे पास आ रहे हैं और यह शिकायत दे रहे हैं कि पिछले दो-तीन सालों में निजी स्कूलों ने फीस को कई गुना तक बढ़ा दिया है. यह सिलसिला कोरोना काल से जारी है. दिल्ली में पब्लिक स्कूल नहीं बल्कि बड़ी संख्या में सभी निजी स्कूलों ने मनमाने ढंग से नियमों का उल्लंघन करके फीस बढ़ा रहे हैं.
मैं आज दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से कहना चाहता हूं कि उन्होंने बीते दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस में जो फीस बढ़ोतरी न होने को लेकर झूठ बोला है उसके विरोध में आज बच्चों के अभिभावक बड़ी संख्या में विरोध कर अपनी नाराजगी जता रहे हैं.
सैकड़ों की संख्या में बड़े निजी स्कूल है जिन्होंने अपनी फीस मनमाने ढंग से बढ़ा दी है और अभिभावकों को परेशान किया जा रहा है. जिसकी वजह से अभिभावक आज परेशान है. फीस न भर पाने के हालातों में बच्चों के पेरेंट्स को उनके बच्चे का टर्मिनेशन लेटर दिया जा रहा जो गलत है.इसका दिल्ली बीजेपी विरोध करती है. हमारी मांग है कि तत्काल प्रभाव से दिल्ली सरकार इस विषय पर एक्श न लें.
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