नई दिल्ली: राजधानी में इन दिनों आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच में चल रही सियासी खींचतान सड़क पर पहुंच चुकी है. दोनों राजनीतिक दलों के द्वारा एक दूसरे के ऊपर न सिर्फ गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं बल्कि सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन भी किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में बीजेपी के द्वारा इस पूरे हफ्ते तीन अलग-अलग मामलों को लेकर केजरीवाल सरकार के खिलाफ दिल्ली की सभी 70 विधानसभा में विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे, जिसके लिए सभी तैयारियां भी पूरी कर ली गई है, ताकि बीजेपी अपनी बात दिल्ली के लोगो तक पहुच सकें।
प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता के नेतृत्व में जिन तीन मुद्दों को लेकर केजरीवाल सरकार को घेरने की तैयारी करी गई है. उनमें पहला मुद्दा दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले सरकारी स्कूलों में नए तैयार किए गए कमरों की लागत को लेकर है. बीजेपी का कहना है कि दिल्ली सरकार के द्वारा सरकारी स्कूलों में हाल ही में जो बनवाए गए है उन कमरों की लागत 25 लाख से ज्यादा दिल्ली सरकार के द्वारा बताई गई है. जबकि सामान्य तौर पर एक कमरे को बनाने की लागत 5लाख तक आती है. ऐसे में इस पूरे मामले में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है. यह पूरा भ्रष्टाचार दिल्ली के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की जानकारी में रहते हुए हुआ है. पूरे मामले को लेकर बीजेपी के द्वारा हाल ही में उपराज्यपाल को शिकायत भी की गई थी. वहीं इस बीच इस पूरे मामले की जांच को लेकर लोकायुक्त दिल्ली के द्वारा भी भ्रष्टाचार की जांच की इंक्वायरी के आर्डर किए जा चुके हैं. यह कार्रवाई सांसद मनोज तिवारी और प्रवेश वर्मा के द्वारा की गई शिकायतों के बाद की गई है. इस पूरे मामले पर दिल्ली सरकार को 20 अक्टूबर तक रिपोर्ट सबमिट करनी है.
दूसरा मुद्दा दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे को लेकर है. इसको लेकर बीजेपी के द्वारा केजरीवाल सरकार पर गंभीर आरोप लगाया जा रहा है कि दिल्ली में अब तक जितने भी सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, उसमें से ज्यादातर सीसीटीवी कैमरे या तो काम नहीं कर रहे हैं या फिर जो सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं उसमें रिकॉर्डिंग के लिए एसडी कार्ड उपलब्ध नहीं है. ऐसे में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने का क्या फायदा जब सीसीटीवी कैमरों में रिकॉर्डिंग ही नहीं हो सकती है. यह कैमरे सिर्फ दिखावा के लिए लगाए गए हैं. इन कैमरों की खरीद में भी बड़े स्तर पर घोटाला हुआ है और निजी कंपनियों को फायदा अप्रत्यक्ष रूप से दिल्ली सरकार के द्वारा दिया गया है. इस बीच दिल्ली सरकार के द्वारा राजधानी दिल्ली में की पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत आने वाले लगभग 1400 किलोमीटर की सड़कों पर 28,000 कैमरे लगाए जाने को लेकर जो घोषणा की गई है. उसको लेकर भी बीजेपी ने हमला करते हुए कहा है कि इस पूरे मामले में भी बड़े स्तर पर दिल्ली सरकार के द्वारा भ्रष्टाचार कर निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है.
तीसरा मामला मॉनसून के सीजन कुछ बरसातों के बाद ही बदहाल हो चुकी दिल्ली की सड़कों भी है. इसको लेकर पिछले काफी लंबे समय से विपक्ष की भूमिका निभा रही दिल्ली बीजेपी के द्वारा पूरे मामले को लेकर सवाल उठाया जा रहा है. बीजेपी का कहना है कि पिछले 7 सालों में जब से आम आदमी पार्टी की सरकार आई है. दिल्ली में विकास कार्यों पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया गया ना ही राजधानी दिल्ली की सड़कों की जो खराब हालत थी उसे सुधारने के ऊपर दिल्ली सरकार के द्वारा कोई काम किया गया है.हाल ही में दिल्ली सरकार के द्वारा सड़कों की बदहाल हालत को सुधारने के लिए जो अभियान शुरू किया गया था उसका भी जमीनी स्तर पर कोई अता पता नहीं है.
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