नई दिल्ली : बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने होलिका दहन के मौके पर अंग्रेजों के समय से चले आ रहे कानूनों की प्रतियां जलाईं. अश्चिनी उपाध्याय ने इन कानूनों को अंग्रेजी कानून बताते हुए इन्हें होली के मौके पर जलाने की अपील की थी.
अश्विनी उपाध्याय ने जिन कानूनों की प्रतियां जलाईं उनमें 1860 का बना हुआ सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1860 का बना हुआ इंडियन पीनल कोड यानी भारतीय दंड संहिता, 1861 का पुलिस एक्ट, 1872 का भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 का इंडियन कॉन्ट्रैक्ट एक्ट, 1857 का जनरल क्लॉजेज एक्ट, 1930 का बना हुआ सेल्स ऑफ गुड्स एक्ट, 1932 का बना हुआ इंडियन पार्टनरशिप एक्ट, 1934 का बना हुआ पेट्रोलियम एक्ट, 1937 में बना हुआ मुस्लिम पर्सनल एक्ट, 1946 का फॉरेनर्स एक्ट, 1938 का फैक्ट्रीज एक्ट, 1948 का मिनिमम वेजेज एक्ट और 1950 का रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल्स एक्ट शामिल है.
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अश्विनी उपाध्याय ने इसके पहले 8 अगस्त 2021 को जंतर-मंतर पर अंग्रेजों के समय का कानून खत्म करने के लिए प्रदर्शन किया था. इस प्रदर्शन के दौरान धर्म विशेष के खिलाफ भड़काऊ नारा लगाने के मामले में अश्विनी उपाध्याय को गिरफ्तार किया गया था. अश्विनी उपाध्याय यदा-कदा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिकाएं दाखिल करते रहते हैं. उन्होंने कहा कि 1950 के रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल्स एक्ट के तहत ही देश की संसद में दागी और अपराधी पहुंच रहे हैं. मुख्यमंत्री से लेकर गृहमंत्री तक अपराधी बन रहे हैं.