नई दिल्ली: दिल्ली बीजेपी में अध्यक्ष पद की नियुक्ति के बाद अब संगठनात्मक फेरबदल की भी प्रक्रिया चल रही है. प्रदेश बीजेपी में उपाध्यक्ष, महामंत्री, मंत्री, सचिव, मंडल अध्यक्ष, ब्लाक प्रमुख समेत अलग-अलग मोर्चों के पदाधिकारियों बदले जाने हैं. वहीं दिल्ली बीजेपी के नए अध्यक्ष के सामने सबसे बड़ी चुनौती संगठन को संगठित करके रखने की है.
दिल्ली बीजेपी में नए अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद कई पुराने नेता इन दिनों मायूस होकर घर बैठ गए हैं. पार्टी को लेकर इनके जेहन में नाकारात्मक भाव आगामी नगर निगम चुनाव में मुश्किल पैदा कर सकता है. नए अध्यक्ष के सामने भी नगर निगम चुनाव ही सबसे बड़ी चुनौती है. ऐसे में वह दिग्गज कार्यकर्ताओं को पार्टी हित में कहां तक साथ पाते हैं यह देखना बाकी है.
हार के पीछे भी कार्यकर्ताओं की नाराजगी
गत फरवरी में सम्पन्न हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की करारी हार के पीछे पुराने कार्यकर्ताओं की नाराजगी भी एक वजह बताई जाती है. नए अध्यक्ष के चयन को लेकर भी पार्टी के भीतर असंतोष हैं. सूत्रों का कहना है कि प्रदेश प्रभारी और संगठन मंत्री ने शीर्ष नेतृत्व को गुमराह किया. इन लोगों को दिल्ली की जमीनी हकीकत से कुछ लेना-देना नहीं है.
पिछले नगर निगम चुनाव में पुराने पार्षदों को टिकट काटकर घर बैठा दिया गया. संगठन में कुछ लोगों को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश लोगों को कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है.
इनको मिली है जिम्मेदारी
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने दिल्ली बीजेपी के संगठन पुनर्रचना एवं गठन के लिए राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह एवं बीजेपी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष विजया राहटकर को जिम्मेदारी दी है.
दोनों वरिष्ठ नेता तय करेंगे नाम
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तथा महिला मोर्चा की अध्यक्षा दोनों प्रदेश बीजेपी के अलग-अलग पदों और मोर्चों के पदाधिकारियों के नाम से कर तय करेंगे. उसे फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजा जाएगा. उनकी सहमति से सारे पदाधिकारी नियुक्त किए जाएंगे. प्रदेश बीजेपी में संगठनात्मक फेरबदल भी तकरीबन तीन साल के बाद होने जा रहा है.
बता दें कि 2 जून को प्रदेश बीजेपी के नए अध्यक्ष के तौर पर उत्तरी दिल्ली नगर निगम में पार्षद व पूर्व मेयर रहे आदेश गुप्ता को नियुक्त किया गया था. उनकी नियुक्ति के बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि अब संगठनात्मक फेरबदल की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी.