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निगमों के एकीकरण का बिल आज होगा पेश, कई बड़े बदलाव वाला होगा विधेयक।

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Published : Mar 25, 2022, 1:51 PM IST

दिल्ली में तीनों नगर निगमों के चुनावों को लेकर सियासी सुगबुगाहट के बीच आज संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के द्वारा तीनों नगर निगमों को एक करने के संबंध में दिल्ली नगर निगम संशोधन विधेयक 2022 को पेश किया जा सकता है.

Bill for integration of corporations will be presented today
Bill for integration of corporations will be presented today

नई दिल्ली: संसद के अंदर आज दिल्ली की तीनों नगर निगमों के एकीकरण को लेकर महत्वपूर्ण विधेयक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के द्वारा पेश किया जा सकता है. यह विधेयक अपने आप मे काफी अहम होने वाला है, क्योंकि इसमें निगमों के एकीकरण के साथ कई बड़े बदलावों के सुझाव भी दिए गए है. जिससे राजधानी दिल्ली में निगम की रूपरेखा बदलने जा रही है. जानकारी के मुताबिक विधेयक में कुल वार्ड की संख्या को ना सिर्फ कम किया गया है, बल्कि कई और बड़े बदलाव कर निगम की कार्यप्रणाली में बदलाव करने के साथ निगम को कई संविधानिक शक्तियां भी दी गई है.

राजधानी दिल्ली में तीनों नगर निगमों के चुनावों को लेकर सियासी सुगबुगाहट के बीच आज संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के द्वारा तीनों नगर निगमों को एक करने के संबंध में दिल्ली नगर निगम संशोधन विधेयक 2022 को पेश किया जा सकता है. तीनों निगमों के विलय और एकीकरण संबंधी इस विधेयक में नगर निगमों के एकीकरण के बाद उसकी सीटों में भी बदलाव हो सकता है.

जानकारी के मुताबिक एकीकरण के बाद तीनों नगर नगर निगमों के कुल वार्ड की संख्या 250 से अधिक नहीं होगी. साथ ही जब तक एकीकरण के कानून के तहत तीनों निगमों को एक किए जाने के बाद निकाय की पहली बैठक आयोजित नहीं होती तब तक इसके कार्य की देखने के लिए केंद्र के द्वारा विशेष अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी.

तीनों नगर निगमों के एकीकरण के पीछे संसद में पेश किए जाने वाले विधेयक में एक कारण यह भी दिया गया है कि साल 2012 में जब दिल्ली नगर निगम को तीन भागों में विभाजित किया गया था.उस समय निगम के विभाजन असमान तरीके के हुआ था.जिसकी वजह से निगमो को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिसमें क्षेत्रीय डिवीजन और राजस्व सृजन क्षमता के मामले को प्रमुख बताया गया है.

जो जानकारी निकल कर सामने आ रही है उसके अनुसार विधेयक में प्रस्ताव किया गया है कि विलय की गई निकाय में पार्षदों और अनुसूचित जाति के लिए सदस्यों के लिए आरक्षित सीटों की कुल संख्या का निर्धारण केंद्र सरकार अधिकारिक राजपत्र में एक अधिसूचना के माध्यम से करेगी.

इसके अनुसार निगम की स्थापना हो जाने के बाद जनगणना के पूरा हो जाने पर सीटों की संख्या जनसंख्या के आधार पर होगी.यानी सरल शब्दों में कहा जाए तो सीटों का बंटवारा दिल्ली की जनसंख्या के आधार पर होगा और जिसे केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित किया जाएगा. साथ ही सीटों को लेकर परिसीमन और रोटेशन भी दोबारा होगी.

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