नई दिल्ली : वेस्ट टू वंडर पार्क की तर्ज पर दिल्ली में एक और पार्क बनकर तैयार है. साउथ MCD ने दिल्ली के पंजाबी बाग में भारत दर्शन पार्क बनाया है, जिसमें कबाड़ से देश भर की 16 ऐतिहासिक इमारतें और मंदिर आदि बनाए गए हैं. 15 अगस्त तक फिनिशिंग का काम पूरा कर इसे शुरू किया जा सकता है.
दरअसल, इस पार्क में कबाड़ से चारमीनार, हवा महल, विक्टोरिया मेमोरियल, ताजमहल और मीनाक्षी मंदिर जैसे स्कल्पचर बनाए गए हैं. स्ट्रक्चर संबंधी तमाम काम यहां पूरा कर लिया गया है. मंगलवार को ईटीवी भारत की टीम ने पार्क में पहुंचकर यहां हो रहे काम का जायज़ा लिया. पार्क में काम कर रहे कारीगरों ने बताया कि हर इमारत में करीब 10 टन लोहे का इस्तेमाल हुआ है. यहां साइकिल के पुराने टायर खराब पड़े पुर्जे और लोहे के अन्य पार्ट्स का इस्तेमाल हुआ है.
10 एकड़ की इस जगह में थोड़ी-थोड़ी दूरी पर लाइटनिंग और एम्फीथिएटर की व्यवस्था की गई है. यहां बनाए गए तमाम स्कल्पचर की जानकारी देते हुए कारीगर बताते हैं कि साइकल और गाड़ियों के लोहे के खराब पड़े पार्ट काट-काट कर यहां स्मारक की शक्ल दी जा रही है. जैसे लोहे की गाड़ियों का इस्तेमाल कर हाथी बनाया जा रहा है. स्ट्रीट लाइट के बेकार पड़े लोहे को काट कर मंदिर की चोटी बनाई गई है.
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विक्टोरिया मेमोरियल में वॉल के टेक्सचर के लिए लोहे के पाइप का इस्तेमाल किया गया है. इसके अलावा गाड़ी की क्लच का इस्तेमाल यहां ताजमहल में किया गया है. पार्क की टिकट को लेकर अभी कुछ भी साफ नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि शुरुआत में इसमें एंट्री पाने वालों को 100 रुपये तक की फीस देनी पड़ सकती है. इसे लेकर चर्चाओं का दौर चल रहा है. कुछ अधिकारी इस फीस को 500 रुपये तक तो कुछ इसे 50 रुपये तक सीमित करने का सुझाव दे रहे हैं. हालांकि इस संबंध में आखिरी फैसला निगम नेता ही लेंगे. साथ ही यहां वेस्ट टू वंडर पार्क की तर्ज पर ही स्कूली बच्चों को छूट भी दी जाएगी.
निगम में नेता सदन इंद्रजीत सहरावत बताते हैं कि पार्क को प्रधानमंत्री मोदी के स्वदेश भ्रमण की परिकल्पना के आधार पर बनाया गया है. इसमें भारत की ही कुछ महत्वपूर्ण जगहों को कबाड़ से बनाया गया है. वो कहते हैं पार्क के मेंटेनेंस को ध्यान में रखते हुए यहां टिकट तो रखी ही जाएगी, लेकिन अभी इसको लेकर कोई राशि तय नहीं हुई है. वह कहते हैं कि इसे अगस्त तक पूरा कर सितंबर तक चालू कर दिया जाएगा.
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भारत दर्शन पार्क की योजना 3 साल पहले बनाई गई थी. साउथ एमसीडी के तत्कालीन मेयर नरेंद्र चावला ने इसकी इजाजत दी थी और निगम के लिए काफी महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट बताया गया था. बताया गया कि पहले फंड की कमी और फिर कोरोना ने प्रोजेक्ट के लिए मुश्किलें पैदा की. हालांकि अब यह पार्क बनकर तैयार है और जल्दी ही शुरू कर दिया जाएगा.