नई दिल्ली: दक्षिणी दिल्ली के कुतुब इंडस्ट्रियल एरिया, सत्संग विहार में स्थित है, दिल्ली सरकार का दिल्ली आर्काइव और इसी दिल्ली आर्काइव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, भगत सिंह आर्काइव और रिसर्च सेंटर. यहां भगत सिंह के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण तस्वीरों और दस्तावेजों को संजो कर रखा गया है. इनमें प्रमुखता भगत से जुड़ी उन यादों की है, जिनका वास्ता दिल्ली से रहा है. उन सभी को यहां संजो कर रखा गया है.
'तब के सेंट्रल असेम्बली की तस्वीर'
दिल्ली की सेंट्रल असेम्बली में बम फेंकना आजादी की लड़ाई की एक महत्वपूर्ण घटना है. 8 अप्रैल 1929 को भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने सेंट्रल असेम्बली में बम फेंका था. सेंट्रल असेम्बली की उस समय की तस्वीर आज भी भगत सिंह आर्काइव में रखी हुई है. यहां उस शिकायती चिट्ठी को भी फ्रेम करके रखा गया है, जो बम की घटना के बाद तत्कालीन एसएसपी ने लिखी थी. इसमें भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त के जिक्र के साथ पूरी घटना का वणर्न है.
'स्कूली बच्चों ने लगाए थे आजादी के नारे'
सेंट्रल असेम्बली पर बम फेंकने की घटना के बाद अंग्रेजी शासन की नींव तो हिली ही, देशभर में क्रांति की ज्वाला भी धधक उठी. खासकर छात्रों-युवाओं में आजादी की लड़ाई को लेकर एक अलग तरीके का उबाल पैदा हो गया. इसकी गवाही भगत सिंह आर्काइव में लगे दस्तावेज भी देते हैं. यहां फ्रेम करके लगाई गई 6 मई 1930 की चिट्ठी बताती है कि तब के दिल्ली म्युनिसिपल बोर्ड हाई स्कूल के प्रिंसिपल से शिकायत की गई थी कि उनके स्कूल के बच्चे अंग्रेज विरोधी और आजादी के नारे लगा रहे हैं.
'भगत सिंह से जुड़ी किताबों का संग्रह'
इतना ही नहीं, तब के एसपी सीआईडी ने तो डिप्टी कमिश्नर को इसकी भी शिकायत भेजी थी कि नौवीं क्लास के कुछ बच्चे भगत सिंह की तस्वीरें और तस्वीरों वाले बटन लगाकर घूम रहे हैं. इससे जुड़ी शिकायती चिट्ठी भी भगत सिंह आर्काइव में देखी-पढ़ी जा सकती है. यहां वाइस रीगल लॉज के उस कमरे और खाट की तस्वीर भी देखी जा सकती है, जहां भगत सिंह को कैदी के रूप में रखा गया था. यहां एक लाइब्रेरी भी है, जिसमें भगत सिंह से जुड़ी हर तरह की किताबें हैं.
'भगत सिंह द्वारा लिखी गईं चिट्ठियां'
यहां भगत सिंह के बचपन के समय की तस्वीर से लेकर जेल के भीतर की भी उनकी तस्वीर है. साथ ही, भगत सिंह द्वारा लिखी गईं कई चिट्ठियों को भी यहां संजो कर रखा गया है. इस भगत सिंह आर्काइव के कार्यालय प्रमुख संजय गर्ग ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि दिल्ली के साथ भगत सिंह का एक अद्भुत रिश्ता रहा है, वह चाहे सेंट्रल एसेंबली में बम फेंकने की बात हो या तिहाड़ में उन्हें अरेस्ट कर रखे जाने की.
'ताकि लोगों तक पहुंचे भगत सिंह के संदेश'
संजय गर्ग ने कहा कि भगत सिंह की विचारधारा और उनके संदेशों को आम लोगों तक, खासकर युवाओं तक पहुंचाने के उद्देश्य दिल्ली सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया और दिल्ली अभिलेखागार के अंतर्गत भगत सिंह आर्काइव एंड रिसर्च सेंटर की स्थापना हुई. उन्होंने बताया कि भगत सिंह के ऊपर सबसे ज्यादा काम करने वाले प्रोफेसर चमनलाल के कलेक्शन को हमने लिया है, साथ ही देश-विदेश में भगत सिंह से जुड़े जितने भी दस्तावेज हैं, उन सबको यहां पर एकत्रित करने की कोशिश हुई है.