नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में चाइनीज मांझे का कहर (Havoc of Chinese Manjha in Delhi) सिर्फ लोगों के ऊपर ही नहीं, बल्कि बेजुबान पक्षियों और जानवरों पर भी जमकर बरस रहा है. बीते 1 हफ्ते में दिल्ली में जहां लगभग 350 पक्षी चाइनीज मांझे में उलझ कर बुरी तरह से घायल हो गए हैं. वहीं बड़ी संख्या में पक्षियों की जान भी चली गई है, जबकि मासूम जानवर भी चीनी मांझे के कहर से अछूते नहीं रहे हैं. चाइनीज मांझी से दो दर्जन के लगभग स्ट्रीट डॉग्स के घायल होने के मामले भी सामने आ चुके हैं.
वहीं दिल्ली में इसी चाइनीज मांजे की चपेट में आकर तीन लोगों की न सिर्फ अब तक दुखद मृत्यु हो चुकी है, बल्कि एक दर्जन हादसे के शिकार हो चुके हैं. यह सब कुछ तक है जब दिल्ली पुलिस के द्वारा इस साल चाइनीज मांझे को ना सिर्फ पूरी तरीके से प्रतिबंधित कर दिया गया था, बल्कि इसकी बिक्री करने वालों के खिलाफ लगातार छापेमारी मारकर कार्रवाई की जा रही है.
देश की राजधानी दिल्ली में चाइनीज मांझे से सावधान (Beware of Chinese Manjha) रहने की जरूरत है. इन दिनों चाइनीज मांझे की चपेट में आकर घायल होने की कई दर्दनाक खबरें चर्चा में आयीं थीं. कुछ घटनाएं अभी भी आ रही हैं. इन सबके बीच जो जानकारी निकलकर सामने आ रही है, उसके अनुसार राजधानी दिल्ली में चाइनीज मांझे की चपेट से बेजुबान जानवर और पक्षी भी नहीं बच पाए हैं.
बीते 1 सप्ताह में अकेले दिल्ली के अंदर 345 से ज्यादा पक्षी चाइनीज मांझे की चपेट में आकर न सिर्फ बुरी तरह से घायल हो चुके हैं, बल्कि बड़ी संख्या में पक्षियों की जान भी गई है. वहीं, पुरानी दिल्ली के इलाके में कुछ बेजुबान स्ट्रीट डॉग भी चाइनीज मांझे की चपेट में आकर घायल हो चुके हैं.
ऐसे हैं पक्षियों के चैरिटेबल अस्पताल के आंकड़े
पुरानी दिल्ली में स्थित पक्षियों के चैरिटेबल अस्पताल के डॉ. रामेश्वर यादव ने फ़ोन पर हुई बातचीत में जानकारी देते हुए बताया कि यह आंकड़ा और भी ज्यादा बड़ा सकता है, क्योंकि उनके पास जो मामले आए हैं. उन्होंने सिर्फ उसी आधार पर यह जानकारी दी है. जबकि बड़ी संख्या में ऐसे भी मामले हैं, जिनके बारे में कोई जानकारी अभी उपलब्ध नहीं हो पाई है. डॉ रामेश्वर यादव (Dr Rameshwar Yadav) के अनुसार पिछले साल भी ऐसी मामले सामने जरूर आए थे, लेकिन उनकी संख्या काफी कम थी. क्योंकि पिछली बार कोरोना की वजह से लोगों ने पतंगबाजी न के बराबर की थी. वहीं इस साल कोरोना के मामले कम होने और पाबंदी न होने के चलते लोगों ने जमकर पतंगबाजी की है. वही चाइनीज मांझे की बिक्री भी ज्यादा हुई है, जिसके चलते इस बार पक्षियों के बड़ी संख्या में घायल होने के मामले सामने आए हैं.
गौरतलब है कि प्रतिबंध के बावजूद राजधानी दिल्ली में इस साल बड़ी संख्या में चोरी छुपे तरीके से ही सही लेकिन चाइनीज मांझे की बिक्री काफी बड़े स्तर पर हुई है. दिल्ली में चाइनीज मांझे की वजह से 3 लोगों की दुखद मृत्यु हो चुकी है. वहीं कुछ लोग बुरी तरह से घायल भी हुए हैं. दिल्ली के अंदर शाहदरा, करोलबाग, लाल किला, नजफगढ़, गीता कॉलोनी और जीटी करनाल रोड बायपास पर पक्षियों के छोटे बड़े अस्पताल हैं. जहां इनका इलाज किया जा रहा है.
पुरानी दिल्ली में सबसे अधिक मामले
पुरानी दिल्ली का इलाका एक ऐसा इलाका जहां पर पतंगबाजी के बड़े बड़े शौकीन हैं और यहां पर हर साल पतंगबाजी के कई मुकाबले भी होते थे. लेकिन कोरोना की वजह से इन मुकाबलों पर पूरी तरह से लगाम लग गई थी. वहीं इस साल हालात सामान्य होने की वजह से जमकर पतंगबाजी हुई है. जबकि चाइनीज मांझे का इस्तेमाल पतंगबाजी में होने के चलते इस साल घायल पक्षियों की सबसे ज्यादा संख्या पुरानी दिल्ली के क्षेत्र में आई है.
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लाल किले स्थित पक्षियों के चैरिटी अस्पताल के डॉक्टर रामेश्वर यादव ने बताया कि 14 अगस्त को 76, 15 अगस्त के दिन लगभग 150 के आसपास पक्षी अस्पताल लाए गए थे, जिन्हें चाइनीस मांझे से चोट लगी थी.16 अगस्त को यह आंकड़ा 50 रहा, जबकि 17 अगस्त को भी लगभग इतने ही मामले सामने आए थे. यह उन पक्षियों की संख्या है, जो घायल होने पर अस्पताल लाए गए थे. जिनमें बड़ी संख्या में कबूतर, चील, तोते, कोयल और कई प्रवासी पक्षी भी शामिल हैं.
चाइनीज मांझे के कहर से इस साल इंसानों के साथ-साथ पक्षी और बेजुबान जानवर भी नहीं बच पाए हैं. पुरानी दिल्ली के क्षेत्र हो या फिर नॉर्थ वेस्ट दिल्ली का क्षेत्र बेजुबान स्ट्रीट डॉग्स भी इस साल चाइनीज मांझे की चपेट में आकर घायल हुए हैं. एक जानकारी के मुताबिक पुरानी दिल्ली के क्षेत्र में ऐसे एक दर्जन मामले सामने आए हैं, जिसमें स्ट्रीट डॉग्स चाइनीज मांझे में फंसकर घायल हो गए थे. वहीं नॉर्थ वेस्ट दिल्ली में भी इस तरह के मामले सामने आए हैं.
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जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस के द्वारा की गई सख्ती और लगातार छापेमारी के बावजूद दिल्ली में चोरी-छिपे ही सही लेकिन चाइनीज मांझे की जमकर खरीददारी हुई है. दिल्ली में लगभग 1 दर्जन से ज्यादा दुर्घटनाओं के मामले चाइनीज मांझे की वजह से अब तक हो चुके हैं, जिसमें 3 लोगों की दुखद मृत्यु भी हो चुकी है.
दिल्ली पुलिस के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार छापेमारी के दौरान अब तक सबसे ज्यादा चाइनीज मांझे की बरामदगी नॉर्थवेस्ट जिले में हुई है, जहां पर 11923 चाइनीस मंझे की चरखिया जब्त की गई है. जबकि सेंट्रल दिल्ली के क्षेत्र में भी 1325 चाइनीज मांझे के चरखे जब्त किए गए हैं.
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