नई दिल्ली: दिल्ली बार काउंसिल (BCD) ने वकीलों को चेतावनी दी है कि कि अगर किसी ने भी कोरोना सहायता के लिए कोई भी गलत आवेदन दिया था तो वह अभी माफी मांग सकते हैं और उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की जाएगी.
बीसीडी ने एक एडवाइजरी जारी कर कहा है कि अगर कोरोना सहायता के नाम पर किसी ने पैसा ले लिया है और उनका आवेदन गलत है तो उन्हें ये पैसा हलफनामे के साथ वापस करना होगा.बीसीडी ने कहा है कि कोरोना सहायता के लिए आए आवेदनों में से 200 आवेदनों की जांच करने पर पता चला कि 10 वकीलों ने फर्जी कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट लगाई थी. इस पर संज्ञान लेते हुए बीसीडी ने उन वकीलों को निलंबित कर दिया था.
उन वकीलों पर कार्रवाई तय करने के लिए एक विशेष अनुशासन कमेटी का गठन किया गया. इस कमेटी में बीसीडी सदस्य मुरारी तिवारी, बीसीडी सदस्य संजय राठी और बीसीडी सचिव पीयूष गुप्ता शामिल हैं. इन वकीलों की फर्जी रिपोर्ट देखने के बाद बीसीडी ने सभी चार हजार वकीलों की कोरोना रिपोर्ट्स की जांच के लिए संबंधित पैथोलॉजिकल लेबोरेटरीज से संपर्क करने का फैसला किया है.
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बीसीडी ने उन वकीलों को माफी मांगने की सलाह दी है जिन्होंने अपनी फर्जी रिपोर्ट बीसीडी को दी है. बीसीडी ने कहा है कि ये मौका एक बार ही मिलेगा और उसके बाद दोषी पाए गए वकीलों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.