नई दिल्ली: तिहाड़ जेल में हुई कैदी अंकित गुर्जर की मौत के मामले में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. जेल से बाहर निकले एक कैदी ने दावा किया है कि जेल अधिकारी एवं कर्मचारियों ने अंकित को बेरहमी से पीटा था. पोस्टमार्टम में भी उसके शरीर पर जगह-जगह चोट के निशान पाए गए हैं. इस मामले में जेल प्रशासन की भूमिका भी संदेह के घेरे में है. उन्होंने खुद अंकित की मौत की जानकारी भी पुलिस को सुबह तक नहीं दी थी.
जानकारी के अनुसार अंकित गुर्जर पर कई आपराधिक मामले दर्ज थे. वह एक साल से भी अधिक समय से तिहाड़ जेल संख्या दो में बंद था. बुधवार सुबह उसके परिवार के सदस्यों को किसी ने कॉल कर बताया कि अंकित को बेरहमी से पीटा गया है. उन्होंने इस घटना को लेकर थाने में शिकायत दी और जेल के समक्ष हंगामा किया.
इसके बाद उन्हें बताया गया कि अंकित की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है. मामले की जांच मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा की जा रही है. एम्स अस्पताल में शुक्रवार को मेडिकल बोर्ड ने शव का पोस्टमार्टम किया और शव परिजनों को सौंप दिया गया.
गुरुवार को इस घटना का एक प्रत्यक्षदर्शी भी सामने आया है. गौरव नामक इस युवक का दावा है कि वह तीन साल से तिहाड़ जेल में बंद था. फिलहाल वह जेल संख्या 3 में उसी जगह पर था जहां अंकित को रखा गया था. उसका कहना है कि देर शाम डिप्टी सुपरिटेंडेंट वहां जांच के लिए आये थे. उन्होंने अंकित गुर्जर के पास से एक मोबाइल बरामद किया.
इसे लेकर अधिकारी ने अंकित को थप्पड़ मारा. गुस्से में अंकित ने भी अधिकारी को थप्पड़ मार दिया. अधिकारी वहां से निकल गए और 20 से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों को लेकर लौटे. गौरव का दावा है कि उन्होंने वह बेरहमी से आधे घंटे से ज्यादा समय तक अंकित को पीटा.
ये भी पढ़ें-सुशील के साथ सेल्फी पुलिसकर्मियों को पड़ेगा महंगा, हो सकते हैं सस्पेंड
उधर पुलिस ने शुक्रवार को एम्स अस्पताल में मेडिकल बोर्ड से अंकित गुर्जर के शव का पोस्टमार्टम करवाया. सूत्रों का कहना है कि उसके शरीर पर कई जगह नील पड़ी हुई थी. उसके शरीर पर बेरहमी से पीटे जाने के निशान थे.
ये भी पढ़ें-जेल में लॉरेंस बिश्नोई से नहीं होगा सुशील का सामना, जेल प्रशासन ने बदला प्लान
परिवार का दावा है कि उसके सिर पर भी चोट के निशान थे. पुलिस का कहना है कि अभी अस्पताल प्रशासन की तरफ से पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं दी गई है. उसमें मौजूद तथ्यों के आधार पर मजिस्ट्रेट आदेश देंगे और उसके अनुसार ही आगे कार्रवाई की जाएगी.
ये भी पढ़ें-तिहाड़ जेल से छोड़े गए चार हजार कैदी, 90 दिन बाद लौटेंगे जेल