नई दिल्ली : स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन एक तरफ कह रहे हैं कि कोरोना की तीसरी (corona third wave) लहर ठहराव की स्थिति में आ गई है. पॉजिटिविटी रेट कम है. नए मामले 20 से 21 हजार के आसपास रह रहे हैं. हॉस्पिटल एडमिशन भी अधिक नहीं हैं. इससे लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. वहीं, दूसरी तरफ एम्स के डॉक्टर का मानना है कि ओमीक्रोन को जिस तरीके से लोग हल्के में ले रहे हैं उतना हल्का यह बिल्कुुुल नहीं है. इसका भी स्वरूप बदल रहा है. आने वाले छह हफ्ते काफी मुश्किल भरी रहने वाले हैं. क्योंकि इस दौरान कोरोना के सर्वाधिक मामले बढ़ने वाले हैं.
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स के कार्डियो- रेडियो डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर अमरिंदर सिंह मल्ही बताते हैं कि कोरोना की तीसरी लहर को हल्के में लेने की आवश्यकता नहीं है। इसमें ठहराव नहीं आया है। 30,000 के आसपास कोरोना पॉजिटिव केस पहुंच चुका है और 40 लोगों के कोरोना संक्रमण से मृत्यु भी हुई है. पॉजिटिविटी रेट भी 30 फीसदी तक पहुंच गई है. दिल्ली में ऑक्सीजन पर 7, 500 से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज हैं. वेंटिलेटर पर भी 80-90 मरीज हैं. इसलिए यह कहना कि कोरोना के मामले स्थिर हो गए हैं , गलत है. अगले 2 से 3 हफ्ते में दिल्ली में कोरोना संक्रमितों की संख्या सर्वाधिक हो सकती है. पूरे भारत में अगले 6 हफ्ते तक कोरोना की तीसरी लहर तांडव मचा सकती है.
ये भी पढ़ें : छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ नोएडा में मामला दर्ज
डॉ अमरिंदर बताते हैं कि बचाव ही सुरक्षा का सबसे कारगर उपाय है और यह बचाव सावधानी से ही हो सकता है. सभी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कड़ाई से किया जाए. जैसे पहली लहर के दौरान कर रहे थे. अच्छे से मास्क पहनना है. न तो कपड़े वाला और ना ही कोई ब्रांडेड मास्क पहनना है. केवल एन-95 मास्क ही पहनना है, जिससे अधिकतम सुरक्षा मिल सकती है. बाहर बिल्कुल न निकले. इमरजेंसी हो तभी बाहर निकले. जब सभी लोग कोरोना एप्रोप्रियेट बिहेवियर करने लगेंगे तब जाकर हम कह सकते हैं कि हमने कोरोना संक्रमण पर विजय प्राप्त कर ली है.