नई दिल्ली:शारदीय नवरात्रि में महाअष्टमी का विशेष महत्व है. महाअष्टमी के दिन मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप की पूजा की जाती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव को पाने के लिए मां पार्वती ने वर्षों तक कठोर तप किया था, जिससे उनके शरीर का रंग काला हो गया था. जब भगवान शिव उनकी तपस्या से प्रसन्न हुए तो उन्होंने उनको गौर वर्ण का वरदान दिया. इसलिए वे महागौरी भी कहलाईं.
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महाअष्टमी या दुर्गाष्टमी को व्रत करने और मां महागौरी की आराधना करने से व्यक्ति को सुख, सौभाग्य और समृद्धि प्राप्त होती है. सारे पाप भी नष्ट हो जाते हैं. एम्स में मेडिकल की पढ़ाई कर रही छात्राओं और डॉक्टरों ने महाअष्टमी के मौके पर अपने घर मां दुर्गा की पूजा की(Worshiped Maa Durga). एम्स में डॉक्टरेट की पढ़ाई कर रही इंद्राणी मुखर्जी ने बताया कि बंगाल में जगह-जगह भव्य तरीके दुर्गाष्टमी मनाई जाती है. चूंकि हम दिल्ली में पढ़ाई कर रहे हैं, इसलिए यहीं पर अपने घर में मां दुर्गा की प्रतिमा को सजाते और पूजा अर्चना करते हैं. पूजा में आसपास के लोगों के अलावा एम्स के स्टूडेंट भी आते हैं.
बता दें कि पिछले कॉविड काल के दौरान लोगों ने दुर्गा अष्टमी मां दुर्गा की पूजा अपने घर पर ही की थी. लेकिन इस बार किसी तरह की पाबंदी नहीं होने से लोग अच्छे से दुर्गा पूजा कर पा रहे हैं. एम्स अस्पताल में काफी संख्या में बंगाली डॉक्टर और छात्र-छात्राएं हैं. लेकिन हर कोई पूजा के लिए बंगाल नहीं जा पाता.
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