नई दिल्ली: भारत में रह रहे सैकड़ों अफ़ग़ानी रिफ्यूजी शरणार्थी दूसरे देशों के दूतावासों के बाहर हर रोज़ इस उम्मीद में खड़े हो जाते हैं कि शायद अमेरिका/ऑस्ट्रेलिया जैसे देश उन्हें अपने देशों में रिफ्यूजी का दर्ज़ा दे दें. इनमें से कुछ वो अफ़गानी महिलाएं भी हैं जिनके पति अफ़ग़ानिस्तानी फ़ौज में थे और तालिबान ने उन्हें मौत के घाट उतार दिया.
आज अपनी मांगों को लेकर अफगानी शरणार्थियों ने वसंत विहार स्थित UNHRC दफ्तर के बाहर सैकड़ों की तादाद में प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने रोते हुए बताया कि भारत में कोरोना महामारी ने हालात बद से बदतर कर दिए. हम यहां पिछले 11 सालों से रिफ्यूजी बनकर रह रहे हैं, लेकिन हम यहां अपने बच्चों को नहीं पढ़ा पा रहे हैं. हमारी मांग है कि हमें भी कनाड़ा, यूएसए, ऑस्ट्रेलिया या कहीं ऐसी जगह शिफ्ट कर दिया जाए, जहां हम अपना कारोबार और शिक्षा पा सकें.
अफगानिस्तान की एक महिला ने बताया कि कोविड के समय सभी सरकारें अपने लोगों की मदद कर रही थी भारत सरकार ने भी अपने लोगों की मदद की, लेकिन हमारे पास डाक्यूमेंट्स ना होने के बावजूद हमें राशन नहीं दिया गया. हमको किराया भरना पड़ता है तो हमारी यही मांग है कि भारत सरकार से हमारी मदद करे. अभी कोविड का समय चल रहा है और यहां भी हालात ठीक नहीं हैं.
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एक महिला ने बताया कि हम बहुत ग़रीब हैं. बड़ी मुश्किल से यहां आए हैं. यहां UNHCR के बिना न मैं काम कर सकती हूं, न बच्चों को पढ़ा सकती हूं. वह पिछले 11 सालों से भारत में रह रही हैं और उनके बच्चे भी आज बड़े हो गए, लेकिन उन्हें दुख इस बात का है कि वह आज तक अपने बच्चों को पढ़ा लिखा नहीं पाई. वह मांग करती है कि उन्हें बाहर भेज दिया जाए.
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दरअसल, UNHCR कार्ड संयुक्त राष्ट्र द्वारा दूसरे देशों में रह रहे शरणार्थियों को दिया जाता है जिससे उन्हें उस देश के संसाधनों और योजनाओं में भागीदारी मिलती है. आज अफगानिस्तानी शरणार्थी यूएनएचआरसी दफ्तर में जाकर बात किए तो उन्हें उन्होंने बताया कि 15 दिन का मैंने टाइम दिया गया है लेकिन वह पिछले कई दिनों से यहां पर चक्कर लगा रहे हैं तो यह कह कर टाल दिया गया हर बार मसला की कोविड का समय चल रहा है लेकिन आज तालिबान ने अफगानिस्तान के लोगों की जो हालत की है उससे हम काफी हताश और निराश हैं.
हम पिछले कई सालों से भारत में रह रहे हैं. हम यूएनएचआरसी से यही मांग करते हैं कि हमें बाहर भेज दिया जाए कहीं अन्य देश में शिफ्ट कर दिया जाए.