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ऑस्ट्रेलिया एंबेसी पर भी टूटा अफगानी रिफ्यूजियों का अरमान, अब जाएंगे कहां !

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Published : Aug 19, 2021, 4:31 PM IST

कुछ महीने पहले अफगानिस्तान के कई लोग भारत में वीजा पर आए थे, लेकिन अब वीजा अवधि समाप्त होने वाली है. कुछ लोग तो यहां पढ़ने के लिए आए थे. इसी को लेकर अफगानी शरणार्थी बुधवार को दिल्ली में ऑस्ट्रेलियाई दूतावास पर आए, लेकिन यहां भी बहुतों के अरमान टूट गए. अब सवाल यह है कि यह लोग कहां जाएंगे. अफगानिस्तान पर पूरी तरह से तालिबान ने कब्जा कर लिया है.

afghan refugees gather outside of australian embassy in delhi
टूटा अफगानी रिफ्यूजियों का अरमान

नई दिल्ली : तालिबानी संगठन से त्रस्त अफगानिस्तान के हजारों लोग पहले ही अलग-अलग देशों में शरणार्थी के तौर पर गुजर-बसर कर रहे थे. उन्हें यकीन था कि एक न एक दिन उनके देश अफगानिस्तान में भी अमन-चैन कायम होगा और वे पहले की तरह अपने वतन लौट जाएंगे. सब अपने दोबारा साथ रहेंगे, लेकिन 15 अगस्त को तालिबानियों ने जिस तरह अफगानिस्तान में तख्ता पलट दिया, शरणार्थियों की सभी उम्मीदें टूट चुकी हैं.

दो साल से दिल्ली में रह रही शरणार्थी साईदा कहती हैं वे दो साल पहले तालिबान के डर से अफगानिस्तान छोड़ दिल्ली आई थीं. बस जैसे-तैसे यहां समय काट रही हैं. इंतजार में थीं कि अपने देश अफगानिस्तान में हालात ठीक होंगे तो तुरंत लौट जाएंगे, लेकिन अब जो कुछ हुआ है. इससे उनका भविष्य अंधकारमय हो गया है. तालिबानियों के चलते फ्यूचर बर्बाद हो गया.

अफगानी शरणार्थियों की मुसीबत
साईदा जैसी सैकड़ों अफगानी शरणार्थी गुरुवार सुबह चाणक्यपुरी स्थित अलग-अलग देशों के दूतावास पहुंचे हुए थे. इस सभी को सूचना मिली थी ऑस्ट्रेलिया, कनाडा समेत अन्य देश अपने यहां अफगान के शरणार्थियों को आश्रय देना चाहते हैं. बस इस सूचना के बाद सभी यहां पहुंच गए, लेकिन वहां दूतावास के कर्मचारियों ने बताया कि जो अफगानिस्तान के लोग अगस्त में भागकर आये हैं. उन्हें शरणार्थी बनाने पर विचार किया जाएगा, तो वहां पहुंचे बहुतों के अरमान टूट गए.
afghan refugees gather outside of australian embassy in delhi
दिल्ली में अफघानी शरणार्थी

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इन अफगानी शरणार्थियों के कहना था कि उनकी हालत बदतर होती जा रही है क्योंकि वे यहां पढ़ाई करने के लिए, बीमारी का इलाज कराने के लिए आए थे और यहां रह रहे थे. उनके परिवार अफगानिस्तान में फंसे हुए हैं और उनसे इनकी बात नहीं हो रही है. अफगानिस्तान के कई लोग भारत में कुछ महीने पहले ही वीजा पर आए थे, लेकिन अब वीजा अवधि समाप्त होने वाली है. कुछ लोग तो यहां पढ़ने के लिए आए थे. अब यह लोग कहां जाएंगे. अफगानिस्तान पर पूरी तरह से तालिबान ने कब्जा कर लिया है.

afghan refugees gather outside of australian embassy in delhi
अफगानी शरणार्थियों ने लगाई मदद की गुहार

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एक अफगानी महिला कहती हैं कि अफगानी लोगों का फ्यूचर खराब हो गया. हम दोबारा वहां कब जाएंगे, कुछ नहीं मालूम. आज जानकारी मिली कि ऑस्ट्रेलिया एंबेसी पर कोई फॉर्म मिल रहा है, जिससे उनको रिसेटेलमेंट का कुछ ऑप्शन मिलने वाला है. इसकी सूचना मिलते ही काफी संख्या में पुरुष, महिलाएं और बच्चे आस्ट्रेलिया एंबेसी पर सुबह-सुबह पहुंच गए थे, लेकिन यहां आने पर पता चला कि यहां सिर्फ जो अगस्त महीने में अफगानिस्तान से आए हैं.

afghan refugees gather outside of australian embassy in delhi
ऑस्ट्रेलिया एंबेसी के बाहर अफगानी शरणार्थी

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अफगानी रिफ्यूजी बताते हैं कि हम लोग कहीं जाना चाहते हैं. काम धंधा करना चाहते हैं क्योंकि भारत में बिजनेस, नौकरी नहीं कर सकते. अपना दुख दर्द बताते हुए कहा कि आज तालिबान ने जो अफगानिस्तान के साथ किया है काफी निंदनीय है, लेकिन कई बड़े देशों ने कोई मदद नहीं की, जिसकी वजह से आज एक बार फिर अफगानिस्तान के लोग गुलाम हो गए.

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