नई दिल्ली: देश को सूचना अधिकार कानून मिले हुए आज 15 साल पूरे हो गए. इन 15 वर्षों में इस कानून की मदद से करोड़ों लोगों ने अनगिनत जानकारियां हासिल की है, लेकिन कार्यकर्ताओं का कहना है कि अब भी इसमें कई खामियां हैं जो इसके वजूद को कम कर रही हैं.
सुधार की मांग
सूचना अधिकार कानून ने पिछले 15 वर्षों में जानकारियां तो खूब दी हैं, लेकिन अब भी इसमें कई खामी शेष रह गई है. लोगों का कहना है कि अब तक किसी भी सरकार या विभाग ने पूरी जानकारी ऑनलाइन अपलोड नहीं की है. वहीं जवाब देने में भाषा का ख्याल नहीं रखा जाता है. अगर जानकारी हिंदी में मांगी जाती है, तो जवाब अंग्रेजी में मिलता है. इसके अलावा अधिकांश बार सरकार या विभाग अधूरी जानकारी देता है, लेकिन उस पर प्रथम अपीलीय अधिकारी की पूरी जानकारी नहीं होती है.
सीआईसी हो रही है निष्क्रिय
हरपाल राणा बताते हैं कि सूचना के अधिकार कानून के तहत अगर विभाग जानकारी नहीं देता तो उसकी शिकायत केंद्रीय सूचना आयोग से की जा सकती है. लेकिन सीआईसी में शिकायत का निस्तारण काफी देर से हो रहा है, जिसकी वजह से अधिकारियों में कानून के प्रति लापरवाही बढ़ती जा रही है.