नई दिल्ली : दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने जंतर-मंतर पर धर्म विशेष के खिलाफ भड़काऊ नारा लगाने के आरोपी प्रीत सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी है. एडिशनल सेशंस जज अनिल अंतिल ने कहा कि देश का संविधान एक जगह एकत्र होकर अपनी राय रखने की स्वतंत्रता का अधिकार देता है, लेकिन इस अधिकार का उपयोग प्रतिबंधों के साथ किया जाना चाहिए.
कोर्ट ने कहा कि आरोपी प्रीत सिंह को दूसरे आरोपियों के साथ साफ-साफ देखा जा सकता है कि उसने भड़काऊ भाषण दिया है. बता दें कि 23 अगस्त को कोर्ट ने एक आरोपी पिंकी चौधरी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि हमारा देश तालिबान नहीं है. यहां कानून का शासन है, जहां बहुसांस्कृतिक समाज के लोग रहते हैं.
कोर्ट ने कहा था कि जब पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. वहीं कुछ लोग असहिष्णु और स्वकेंद्रित विश्वास पर टिके हुए हैं. कोर्ट ने कहा था कि आरोपी के खिलाफ लगे आरोप गंभीर हैं और प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि आरोपी संबंधित अपराध में शामिल था. कोर्ट ने कहा था कि इतिहास ने भी ऐसी घटनाओं को माफ नहीं किया है, जिसमें सांप्रदायिक तनाव की वजह से दंगे हुए और कई जाने गईं और संपत्तियों को नुकसान हुआ.
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इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने पिछले 11 अगस्त को वकील अश्विनी उपाध्याय को जमानत दे दी थी. दिल्ली पुलिस ने अगस्त को 9 अगस्त को अश्विनी उपाध्याय और बाकी आरोपियों को पूछताछ के लिए बुलाया था. पूछताछ के बाद 10 अगस्त को सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में 9 अगस्त को FIR दर्ज किया था. बता दें कि 8 अगस्त को जंतर-मंतर पर भारत जोड़ो आंदोलन के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो गया था, जिसमें धर्म विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक नारेबाजी की गई थी.
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