नई दिल्ली : जहांगीरपुरी हिंसा मामले के एक आरोपी अकबर को अदालत ने गंभीर बीमारी को देखते हुए सात दिन की अंतरिम जमानत दी है. आरोपी जहांगीरपुरी हिंसा के बाद से फरार हो गया था, जिसके बाद पुलिस ने उसे 2 अगस्त को गिरफ्तार किया, जिसके बाद से आरोपी जेल में बंद था.
मामला 16 अप्रैल, 2022 को हनुमान जयंती के अवसर पर एक जुलूस के दौरान जहांगीरपुरी क्षेत्र में दो समूहों के बीच हुई हिंसा से जुड़ा है. इस मामले में अन्य आरोपियों के खिलाफ पहले ही आरोप पत्र दायर किया जा चुका है. रोहिणी स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश स्मिता गर्ग की अदालत ने जेल अधिकारियों द्वारा दायर मेडिकल रिपोर्ट पर विचार करने के बाद अकबर उर्फ सांवर को चिकित्सा आधार पर जमानत दी है.
अदालत ने कहा कि आरोपी की चिकित्सा स्थिति को ध्यान में रखते हुए आरोपी को 7 सितंबर से 13 सितंबर, 2022 तक अंतरिम जमानत दी जाती है. अदालत ने आरोपी को 30 हजार रुपये के निजी मुचलके एवं इतने ही रुपये मूल्य के जमानती के आधार पर जमानत दी गई है.
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अदालत ने आदेश दिया कि अंतरिम जमानत की अवधि समाप्त होने के बाद आरोपी को 14 सितंबर को जेल अधीक्षक के समक्ष आत्मसमर्पण करना होगा. आरोपी के वकील ने कहा कि आरोपी अपने पैर में संक्रमण से पीड़ित है और लगातार दर्द में है और जेल डिस्पेंसरी का दौरा करने वाले डॉक्टरों ने उसे बताया है कि उसके अंग का विच्छेदन ही एकमात्र विकल्प बचा है. अदालत ने यह भी कहा कि आरोपी की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें अंतरिम जमानत दी जाए ताकि उनका उचित इलाज हो सके.