नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के द्वारा दिल्ली विधानसभा चुनाव में अप्रत्याशित जीत दर्ज करने के बाद रामलीला मैदान में रविवार को आयोजित किए जाने वाले शपथ ग्रहण समारोह में शिक्षकों को बुलाने पर विरोध शुरू हो गया है. दरअसल शिक्षा निदेशालय की ओर से शुक्रवार को एक सर्कुलर जारी किया गया था. जिसमें शिक्षकों को शपथ ग्रहण समारोह में जाना जरूरी कहा गया है.
वहीं इस पर राजकीय शिक्षक संघ ( जीएसटीए ) के महासचिव अजय वीर यादव ने विरोध जताते हुए कहा कि 'आप' अपने शपथ ग्रहण समारोह में शिक्षकों को भीड़ के रूप में बुलाना चाहती है और निदेशालय कि ओर से जो सर्कुलर जारी किया गया है. उसमें शिक्षकों को जाना जरूरी किया गया है, ना कि स्वैच्छिक है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने आमंत्रण देकर बुलाया होता तो खुशी होती.
'आप' के प्रचंड बहुमत में शिक्षकों का भी योगदान है'
अजय वीर यादव ने कहा कि 'आप' के प्रचंड बहुमत में शिक्षकों का भी योगदान है. क्योंकि शिक्षा के स्तर को बढ़ाना और शिक्षा के नाम पर वोट मांगना उसमें शिक्षकों की बराबर दौड़ भाग थी. उन्होंने कहा कि सरकार की योजना थी, लेकिन मेहनत शिक्षकों की थी, जिसके कारण दिल्ली एक शिक्षा का मॉडल बन पाया है.
साथ ही कहा कि हमें खुशी थी कि शपथ ग्रहण समारोह होने जा रहा है और इंतजार था कि शिक्षक संघ को भी बुलाया जाएगा. लेकिन उसमें एक अजीब-सा आदेश आया कि आना जरूरी है और इसमें हर स्कूल से करीब 20 टीचर आएंगे और उनकी हाजिरी लगेगी. यादव ने कहा कि जरूरी करना बिल्कुल भी ठीक नहीं था. सरकार अगर शिक्षकों को वाकई में बुलाना चाहती थी तो एक निमंत्रण पत्र देना चाहिए था, जिसमें शिक्षक सपरिवार शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचते.
'कुर्सी भरने के लिए बुलाया जा रहा है'
यादव ने इस तरह के आदेश के जांच भी करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि इस आदेश के जरिए ऐसा प्रतीत हो रहा है कि 'आप' अपने शपथ ग्रहण समारोह में रामलीला मैदान को भरने के लिए 30,000 शिक्षकों को बुला रही है और जिससे कि वहां कुर्सियों को भरा जा सके ना कि शिक्षकों को किसी सम्मान देने के लिए बुलाया जा रहा है. साथ ही कहा कि शपथ ग्रहण समारोह में जाना है या नहीं इस पूरे मामले को लेकर होने वाली जीएसटीए की मीटिंग में फैसला लिया जाएगा.