नई दिल्ली: एक तरफ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कोरोना से लड़ाई के मामले में केंद्र के साथ मिलकर काम करने की बात करते रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ उनकी पार्टी और भाजपा के बीच आरोपों-प्रत्यारोपों की राजनीति जारी है. राज्य में सत्ता वाली आम आदमी पार्टी और केंद्र में शासन कर रही बीजेपी के बीच इस बार सियासी रार का कारण पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी बनी है.
कीमतों में बढ़ोतरी
5 मई को दिल्ली सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले वैट को बढ़ाकर 30-30 फीसदी तक कर दिया, इससे दिल्ली में पेट्रोल की कीमत में 1.67 रुपए और डीजल की कीमत में 7.10 रुपए बढ़ोतरी हो गई.
![AAP and BJP raised question each other amid lockdown in Delhi](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/7088332_photo1.jpg)
इसके बाद विपक्षी भाजपा ने इसका विरोध शुरू कर दिया. सबसे पहले सामने आए दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर. उन्होंने एक ट्वीट कर लिखा कि इस वैट वृद्धि का हम पूरी तरह से विरोध करते हैं.
सांसद गंभीर का तंज
पूर्वी दिल्ली से भाजपा सांसद गौतम गम्भीर भी इस मुद्दे पर मैदान में उतरे. गम्भीर ने तंज कसते हुए ट्वीट किया, चुनाव से पहले -सब कुछ मुफ़्त में देंगे, पैसे की कमी नहीं है, 2 महीने बाद - दोगुना टैक्स लेंगे, तनख़्वाह देने के भी पैसे नहीं है. 'आप' का बेजोड़ अर्थशास्त्र. भाजपा नेताओं के इन विरोधी बयानों के बीच ही वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने इसे जरूरत से जोड़ा.
वित्त मंत्री की सीख
सिसोदिया ने इसे लेकर एक ट्वीट किया और इस फैसले को न्यायोचित करार दिया. सिसोदिया ने लिखा कि 'कठिन समय में कड़े फैसलों की जरूरत होती है. उन्होंने इसे एक वित्त मंत्री के रूप में अपनी सीख भी बताया. इसके बाद भाजपा की तरफ से सामने आए प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी और उन्होंने केजरीवाल सरकार के इस फैसले को आश्चर्यजनक बताया.
संजय सिंह ने भी साधा निशाना
मनोज तिवारी ने कहा कि देश के किसी भी दूसरे राज्य ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में ऐसी बढ़ोतरी नहीं की है. उन्होंने दिल्ली की जनता पर इसे दोहरी मार बताया और इस फैसले को वापस लेने की अपील की. अपील का तो कुछ असर नहीं ही हुआ, जवाब में सामने आ गए आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता राज्यसभा सांसद संजय सिंह. उन्होंने इसे भाजपा की ओछी राजनीति करार दिया और कहा कि वे ऐसे मौके की तलाश में रहते हैं.