नई दिल्ली: कम ब्याज पर लोन दिलाने के नाम पर ठगी करने के मामले में आरोपी को आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है. आरोपी ने अपने पिता के साथ मिलकर कारोबारी से चार करोड़ रुपये की ठगी की थी. इस मामले में आरोपी के पिता को बीते अगस्त महीने में ही आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार कर लिया था. आरोपी को रिमांड पर लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है.
पीड़ित को कम ब्याज पर लोन दिलाने की कही थी बात
संयुक्त आयुक्त ओपी मिश्रा के अनुसार फोकस इमेजिंग एंड रिसर्च सेंटर प्राइवेट लिमिटेड के निर्देशक डॉ. प्रशांत सरीन ने आर्थिक अपराध शाखा में ठगी की एफआईआर दर्ज कराई थी. उन्होंने बताया कि जुलाई 2018 में उनकी मुलाकात एक दोस्त के माध्यम से संजय सक्सेना से हुई. उन्होंने बताया कि सोने और डायमंड का बड़ा कारोबारी है. वह लोन भी उपलब्ध कराता है और उन्हें 8% वार्षिक ब्याज पर 75 करोड़ रुपये मुहैया करा देगा. कई बैठक करने के बाद उन्हें बताया गया कि 2 किस्तों में उन्हें 75 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. पहली किश्त 36 करोड़ की जबकि दूसरी 40 करोड़ की होगी.
दस्तावेज के नाम पर लिए चार करोड़ रुपये
उन्होंने कारोबारी को बताया कि लोन के लिए स्टाम्प पेपर खरीदने होंगे और दस्तावेज साइन करने होंगे. 7 साल के लिए यह लोन बाद में उन्हें 6 फीसदी पर देने की बात कही गई. विभिन्न कार्रवाई के नाम पर उनसे चार करोड़ रुपये ले लिए गए. इसके बाद बताया गया कि अकाउंट फ्रीज होने की वजह से उन्हें अभी लोन नहीं दिया जा सकता. मामले की जांच के दौरान पता चला कि संजय सक्सेना ने अपने बेटे आशीष सक्सेना के साथ मिलकर जालसाजी की है. इसके साथ ही उनसे लिए गए दस्तावेज का गलत इस्तेमाल भी किया है.
ब्लेंक पेपर पर लिए थे हस्ताक्षर
कारोबारी से खाली पेपर पर आरोपियों ने हस्ताक्षर करवाये थे. उन्होंने दिखाया कि कारोबारी की वजह से उन्हें घाटा हुआ है. मामला दर्ज कर ईओडब्ल्यू ने छानबीन की. पुलिस को पता चला कि प्रशांत सरीन ने उनके बैंक खाते में 3.85 करोड़ रुपये भेजे हैं. यह भी पता चला कि उनसे खाली दस्तावेज पर आरोपियों ने साइन करवाये थे. इसका गलत इस्तेमाल उन्होंने अपने बेटे आशीष सक्सेना के साथ मिलकर किया. संजय सक्सेना खुद को बड़ा कारोबारी बताता था. वह नेताओं एवं ब्यूरोक्रेट्स से अपने संबंध होने की बात कहता था. लोगों से ठगी गई रकम से पिता-पुत्र मौज करते थे.
आरोपी कारोबारी का बेटा भी गिरफ्तार
एफआईआर दर्ज करने के बाद पुलिस टीम ने 16 अगस्त को संजय सक्सेना को गिरफ्तार कर लिया था. वहीं इस मामले की छानबीन के बाद मुख्य आरोपी आशीष सक्सेना को गिरफ्तार कर लिया गया. वह अपने पिता के साथ मिलकर इस पूरे फर्जीवाड़े को चलाता था. उसे अदालत के समक्ष पेश किया गया जहां से उसे 2 दिन की रिमांड पर भेजा गया है.