ETV Bharat / city

दिल्ली चीफ सेक्रेटरी के साथ मारपीट का मामला: सीएम केजरीवाल समेत 11 विधायक आरोपों से बरी

author img

By

Published : Aug 11, 2021, 12:30 PM IST

Updated : Aug 11, 2021, 12:48 PM IST

Chief Minister Arvind Kejriwal acquitted
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बरी

दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आज दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से मारपीट के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत 11 आम आदमी पार्टी के विधायकों को आरोपों से बरी कर दिया है.

नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आज दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से मारपीट के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत आम आदमी पार्टी के 11 विधायकों को आरोपों से बरी कर दिया है. कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के विधायकों प्रकाश जारवाल और अमानतुल्लाह खान के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया है. एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सचिन गुप्ता ने ये आदेश दिया.

कोर्ट ने जिन्हें आरोपों से बरी किया है उनमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राजेश ऋषि, नितिन त्यागी, प्रवीण कुमार, अजय दत्त, संजीव झा, ऋतुराज जा, राजेश गुप्ता, मदनलाल और दिनेश मोहनिया शामिल हैं.

Chief Minister Arvind Kejriwal acquitted
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बरी
दरअसल, 19 फरवरी की देर रात एक बैठक बुलाई गई, जिसमें मुख्य सचिव अंशु प्रकाश भी शामिल हुए थे. ये बैठक दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल के आवास पर हुई थी. अंशु प्रकाश ने आरोप लगाया कि केजरीवाल के सामने ही AAP विधायकों ने उनके साथ मारपीट की थी. हालांकि वहां मौजूद रहे पूर्व विधायक संजीव झा ने अंशु प्रकाश के आरोप को गलत बताया था. संजीव झा का कहना था कि महज 3 मिनट में उनके साथ मारपीट कैसे हो सकती है.

बता दें कि मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से मारपीट के मामले में विधायक प्रकाश जारवाल और अमानतुल्लाह खान समेत विधायक नितिन त्यागी, ऋतुराज गोविंद, संजीव झा, अजय दत्त, राजेश ऋषि, राजेश गुप्ता, मदन लाल, प्रवीण कुमार और दिनेश मोहनिया भी आरोपी बनाए गए थे. इनमें से दो विधायक अमानतुल्लाह खान और प्रकाश जारवाल पर आरोप तय किए गए हैं.


सिविल लाइंस स्थित मुख्यमंत्री निवास पर 19 फरवरी 2018 में आधी रात को बुलाई गई मीटिंग के बाद दिल्ली सरकार के चीफ सेक्रेटरी रहे अंशु प्रकाश ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और 11 विधायकों ने उनके साथ हाथापाई की थी.

इस घटना में केजरीवाल के सलाहकार वीके जैन ने गवाह के तौर पर बयान दिया था. उस बयान की प्रति सीएम, डिप्टी सीएम और विधायकों को उपलब्ध कराए जाने का आदेश दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया था. अब दिल्ली हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा था.

तब सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि अपराधिक न्यायिक व्यवस्था में ये लाजिमी है कि अभियोजन पक्ष, चार्जशीटेड लोगों को गवाह के बयान की प्रति मुहैया कराए ताकि वो अपना समुचित बचाव कर सकें. दिल्ली के पूर्व चीफ सेक्रेटरी अंशु प्रकाश पर हुए हमले के मामले में दिल्ली पुलिस को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली. दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था.

Last Updated :Aug 11, 2021, 12:48 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.