ETV Bharat / business

थोक महंगाई दर 14.55 प्रतिशत पर पहुंची, चार माह का उच्च स्तर

author img

By

Published : Apr 18, 2022, 1:16 PM IST

Updated : Apr 18, 2022, 2:16 PM IST

मार्च महीने में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति घटकर 8.06 प्रतिशत पर आ गई, जो फरवरी में 8.19 प्रतिशत थी.

wpi-inflation-hits-4-month-high-in-mar
मार्च में थोक महंगाई दर

नई दिल्ली : थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति (WPI) मार्च में चार महीने के उच्च स्तर 14.55 प्रतिशत पर पहुंच गई. यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से कच्चे तेल और कमोडिटी की कीमतों तेजी के चलते हुई, जबकि इस दौरान सब्जियों की कीमतों में कमी देखी गई. सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल 2021 से लेकर लगातार 12वें महीने में थोक महंगाई दर दो अंकों में बनी हुई है. इससे पहले नवंबर 2021 में थोक महंगाई दर 14.87 प्रतिशत थी. फरवरी 2022 में थोक महंगाई दर 13.11 प्रतिशत थी, जबकि मार्च 2021 में यह 7.89 प्रतिशत थी.

समीक्षाधीन माह यानी मार्च में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 8.06 प्रतिशत रही, जो फरवरी में 8.19 प्रतिशत थी. इस दौरान सब्जियों की महंगाई दर 26.93 फीसदी से घटकर 19.88 फीसदी रही. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'मार्च 2022 में ऊंची मुद्रास्फीति मुख्य रूप से कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस, खनिज तेल, मूल धातुओं आदि की कीमतों में वृद्धि के चलते रही. रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान के कारण भी महंगाई बढ़ी.'

यह भी पढ़ें- पेट्रोलियम मंत्रालय के सीजीडी क्षेत्र को गैस का नया आवंटन रोकने से चढ़े सीएनजी, पीएनजी दाम

समीक्षाधीन माह में विनिर्मित वस्तुओं की मुद्रास्फीति 10.71 प्रतिशत रही, जो फरवरी में 9.84 प्रतिशत थी. ईंधन और बिजली की मुद्रास्फीति 34.52 प्रतिशत थी. कच्चे तेल की मुद्रास्फीति मार्च में बढ़कर 83.56 प्रतिशत हो गई, जो फरवरी में 55.17 प्रतिशत थी. पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों के मुताबिक, मार्च में खुदरा मुद्रास्फीति 6.95 प्रतिशत रही. यह लगातार तीसरा महीना है, जब उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति आरबीआई द्वारा तय छह प्रतिशत की सीमा से अधिक है.

(PTI)

Last Updated : Apr 18, 2022, 2:16 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.