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परियोजनाओं के पर्यावरण प्रभाव के सही आकलन के लिये उचित हरित रेटिंग की जरूरत: दास

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Published : Aug 12, 2023, 8:12 AM IST

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एक सेमिनार में हरित परियोजनाओं के लिये पर्याप्त कोष के प्रबंधन पर जोर दिया. उन्होंने हरित रेटिंग पर भी प्रकाश डाला.

There should be realistic green ratings to assess actual environmental impact of projects RBI Governor
परियोजनाओं के पर्यावरण प्रभाव के सही आकलन के लिये उचित हरित रेटिंग की जरूरत: दास

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को परियोजनाओं के सही मायने में पर्यावरणीय प्रभाव को प्रतिबिंबित करने वाली उचित हरित रेटिंग की जरूरत बतायी. इसके साथ ही उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि विकासशील देशों को हरित परियोजनाओं के लिये पर्याप्त कोष मिले.

वित्त मंत्रालय और आरबीआई की तरफ से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर आयोजित जी-20 सेमिनार को संबोधित करते हुए दास ने कहा कि वैश्विक वृद्धि के लिये प्रमुख जोखिम जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ मुद्रास्फीति, वित्तीय स्थिरता और भू-राजनीतिक दबाव है. उन्होंने कहा, 'हमारा ध्यान हरित (ऊर्जा) बदलाव के लिये पर्याप्त और सस्ता वित्तपोषण की उपलब्धता के जरिये जलवायु परिवर्तन जैसी दीर्घकालिक संरचनात्मक चुनौतियों पर होना चाहिए.

हालांकि, हमें हरित बदलावों के लिये वित्तीय स्थिरता पर पड़ने वाले असर को लेकर सचेत रहने की भी जरूरत है.' आरबीआई गवर्नर ने कहा, 'हरित पूंजी प्रवाह आज ईएसजी (पर्यावरण, सामाजिक, संचालन व्यवस्था) रेटिंग पर निर्भर है. हाल के शोध से पता चलता है कि ये ईएसजी रेटिंग इन निवेश की वित्तीय और गैर-वित्तीय प्रभावों को पर्याप्त रूप से प्रतिबिंबित नहीं करती हैं.'

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उन्होंने कहा, 'इसीलिए यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि हरित रेटिंग परियोजनाओं के वास्तविक पर्यावरणीय प्रभाव को प्रतिबिंबित करे ताकि ‘गलत हरित दावों’ से बचा जा सके.' दास ने आर्थिक गतिविधियों और वृद्धि संभावनाओं को नुकसान पहुंचाये बिना व्यवस्थित रूप से हरित बदलाव की जरूरत बताई. उन्होंने कहा कि यह और भी अधिक आवश्यक है क्योंकि हरित परियोजनाओं के लिए वास्तविक वित्तीय प्रवाह अत्यधिक विषम है और काफी हद तक विकसित अर्थव्यवस्थाओं में केंद्रित है. दास ने कहा, ‘इसीलिए, उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में हरित पूंजी प्रवाह को बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता है.'

(पीटीआई-भाषा)

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