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Rice Price: भारत के चावल निर्यात बैन का असर, एशिया में कीमतें 15 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंची

चावल अरबों लोगों की डाइट का महत्वपूर्ण हिस्सा है. दक्षिण पूर्व एशिया और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में रहने वाले लोग अपनी कैलोरी का 60 फीसदी चावल से ही प्राप्त करते हैं. भारत दुनिया के सबसे बड़े चावल निर्यात देशों में से एक है.

Rice Price
चावल की कीमत
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 3, 2023, 4:43 PM IST

नई दिल्ली : चावल एक ऐसा खाद्य पदार्थ जिसके बिना हमारे खाने की थाली अधूरी है. पिछले कुछ समय से भारत ने चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा रखा है. जिसका परिणाम दुनियाभर के देशों पर देखने को मिल रहा है. कई देशों में चावल की महंगाई ने लोगों की रसोई का बजट बिगाड़ रखा है. इसकी कीमतों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. एशियाई बाजार में चावल की कीमत बढ़कर 15 साल के उच्चतम स्तर पर आ गई है.

चावल की कीमत 15 साल के हाई लेवल पर
भारत दुनिया के सबसे बड़े चावल निर्यातक देशों में से एक है. इसके बाद थाईलैंड और वियतनाम जैसे देशों का नाम आता है. बता दें, भारत ने 20 जुलाई से ही चावल समेत अन्य आनाजों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि पिछले सप्ताह ही इस प्रतिबंध को और कड़ा कर दिया गया. उबले और बासमती चावल के निर्यात पर और अधिक प्रतिबंध लगा दी गई. जिसका सीधा असर उन देशों में दिखने लगा जो भारत से चावल आयात पर निर्भर थे. एशियाई बाजार में चावल की कीमत आसमान छूने लगी. 15 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई.

ग्लोबल मार्केट में चावल की कीमत
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ग्लोबल मार्केट में चावल की कीमत फिलहाल 646 डॉलर प्रति टन है. हालांकि इसकी कीमतों में और इजाफा होने की आशंका है. बारिश कम होने यानी सूखे के कारण चावल की पैदावर प्रभावित हुई है. विदित हो कि इस बार थाइलैंड ने पहले ही सूखे की चेतावनी दे दी है. जिससे ग्लोबल मार्केट में चावल की कीमत में और अधिक इजाफा हो सकता है. बहरहाल चीन से राहत मिलने की उम्मीद है क्योंकि वहां चावल की फसल अच्छी हुई है.

भारत ने चावल निर्यात क्यों किया बैन
देश में चावल पिछले साल की तुलना में इस साल महंगा बिक रहा है. जिसे देखते हुए केंद्र सरकार ने घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के लिए चावल निर्यात पर प्रतिबंध लगाने जैसा कदम उठाया. पिछले साल सितंबर में सरकार ने चावल के निर्यात बैन किया था. इसके बाद जुलाई माह में गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर रोक लगाई. वहीं, पिछले सप्ताह के दौरान भारत ने उबले और बासमती चावल पर और कड़े प्रतिबंध लगा दिए.

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नई दिल्ली : चावल एक ऐसा खाद्य पदार्थ जिसके बिना हमारे खाने की थाली अधूरी है. पिछले कुछ समय से भारत ने चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा रखा है. जिसका परिणाम दुनियाभर के देशों पर देखने को मिल रहा है. कई देशों में चावल की महंगाई ने लोगों की रसोई का बजट बिगाड़ रखा है. इसकी कीमतों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. एशियाई बाजार में चावल की कीमत बढ़कर 15 साल के उच्चतम स्तर पर आ गई है.

चावल की कीमत 15 साल के हाई लेवल पर
भारत दुनिया के सबसे बड़े चावल निर्यातक देशों में से एक है. इसके बाद थाईलैंड और वियतनाम जैसे देशों का नाम आता है. बता दें, भारत ने 20 जुलाई से ही चावल समेत अन्य आनाजों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि पिछले सप्ताह ही इस प्रतिबंध को और कड़ा कर दिया गया. उबले और बासमती चावल के निर्यात पर और अधिक प्रतिबंध लगा दी गई. जिसका सीधा असर उन देशों में दिखने लगा जो भारत से चावल आयात पर निर्भर थे. एशियाई बाजार में चावल की कीमत आसमान छूने लगी. 15 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई.

ग्लोबल मार्केट में चावल की कीमत
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ग्लोबल मार्केट में चावल की कीमत फिलहाल 646 डॉलर प्रति टन है. हालांकि इसकी कीमतों में और इजाफा होने की आशंका है. बारिश कम होने यानी सूखे के कारण चावल की पैदावर प्रभावित हुई है. विदित हो कि इस बार थाइलैंड ने पहले ही सूखे की चेतावनी दे दी है. जिससे ग्लोबल मार्केट में चावल की कीमत में और अधिक इजाफा हो सकता है. बहरहाल चीन से राहत मिलने की उम्मीद है क्योंकि वहां चावल की फसल अच्छी हुई है.

भारत ने चावल निर्यात क्यों किया बैन
देश में चावल पिछले साल की तुलना में इस साल महंगा बिक रहा है. जिसे देखते हुए केंद्र सरकार ने घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के लिए चावल निर्यात पर प्रतिबंध लगाने जैसा कदम उठाया. पिछले साल सितंबर में सरकार ने चावल के निर्यात बैन किया था. इसके बाद जुलाई माह में गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर रोक लगाई. वहीं, पिछले सप्ताह के दौरान भारत ने उबले और बासमती चावल पर और कड़े प्रतिबंध लगा दिए.

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