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भारतीय छात्रों में विदेशों में पढ़ने का क्रेज, करते हैं करोड़ों रुपये खर्च

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Published : Jan 8, 2023, 12:35 PM IST

Updated : Jan 8, 2023, 1:27 PM IST

ज्यादातर भारतीय छात्र विदेश में पढ़ाई करने की ख्वाहिश रखते हैं. इसी क्रम में हर साल लाखों स्टुडेंट्स हाईयर एजुकेशन के लिए विदेशों (Indian students to study abroad) की ओर रुख करते है और करोड़ों डॉलर खर्च करते हैं. पर सवाल है कि ऐसा क्यों होता है, भारतीय छात्रों का विदेशों में पढ़ने का इतना क्रेज क्यों है ? हर साल कितने छात्र विदेश जाते हैं और किस राज्य के छात्रों की संख्या सर्वाधिक है, जानें इस रिपोर्ट में....

education in abroad
प्रतिकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली: भारत के लाखों छात्र हर साल विदेश में पढ़ाई (Indian students to study abroad) करने जाते है. एक अनुमान के अनुसार, लगभग 13 लाख भारतीय छात्र दुनिया के 79 अलग-अलग देशों में पढ़ाई कर रहे हैं. इस पर लगभग 13 सौ करोड़ डॉलर खर्च आता है. इसी संदर्भ में नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत (NITI Aayog CEO Amitabh Kant) ने ट्वीट किया है कि यूजीसी द्वारा भारत में विदेशी विश्वविद्यालयों का कैंपस खोलने का फैसला स्वागत योग्य है. उन्होंने बताया कि 2024 तक विदेशों में पढ़ने करने वाले भारतीय छात्रों की संख्या 18 लाख होने का अनुमान है.

  • The no of Indian students opting for higher education abroad would rise to 1.8 mn with their overseas spending rising to $80 Bln by 2024. In this context, UGC allowing foreign universities to set up campuses in India with autonomy to decide fee structure is a highly welcome move.

    — Amitabh Kant (@amitabhk87) January 6, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वहीं रेडसीयर नाम की कंसल्टिंग फर्म की एक रिपोर्ट ‘हायर एजुकेशन अब्रॉड' के मुताबिक 2024 तक विदेश में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या लगभग 20 लाख हो जाएगी. अब सवाल उठता है कि आखिर क्यों भारतीय छात्रों में विदेश में पढ़ने का इतना क्रेज है.

भारी भरकम सैलरी पैकेज - रेडसीर कंस्लटिंग ने एक सर्वे किया है जिससे पता चलता है कि भारतीय छात्रों द्वारा विदेश में पढ़ने का एक प्रमुख कारण वेतन है. भारत से पढ़ाई करने वाले छात्रों को औसतन 4-8 आठ लाख रुपए का वार्षिक पैकेज मिलता है. वहीं विदेशों से पढ़ाई करके आने वाले 30-40 फीसदी छात्रों को 50 लाख से अधिक पैकेज पर नौकरी मिल जाती है. भारी भरकम पैकेज भारतीय छात्रों को विदेश में पढ़ने के लिए रिझाता है.

खर्च में कमी - इसके अलावा विदेश में पढ़ाई करने का एक फायदा ये है कि वहां स्‍कॉलरशिप, अनुदान और वर्किंग स्‍टडी के जरिये छात्र पढ़ाई का खर्च 85 फीसदी तक कम कर सकते हैं. विदेशी यूनिवर्सिटीज में मिलने वाली स्‍कॉलरशिप में ट्यूशन फीस में छूट, हॉस्‍टल खर्च व हवाई टिकट में आर्थिक मदद आदि मिलती है.

इन 5 देशों में भारतीय छात्रों की रुचि अधिक - भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार दुनिया के 79 देशों के शिक्षण संस्थानों में 13,24 954 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं. ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन (BOI) के अनुसार भारतीय छात्र ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, यूएई और ऑस्ट्रेलिया के शिक्षण संस्थानों में ज्यादा दिलचस्पी दिखाते हैं. साल 2022 के जुलाई में भारत सरकार ने संसद को सूचित किया था कि विदेशों में भारत के 11 लाख 33 हजार 749 छात्र पढ़ रहे हैं. यह संख्या उस समय की है जब कोविड महामारी अपने चरम पर थी और कई लाख भारतीय छात्र विदेश नहीं जा पाए थे. वरना तो हालत यह है कि सिर्फ पिछले तीन (अप्रैल-जून) महीने में ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने के लिए करीब एक लाख छात्र पहुंचे. जिनमें से अधिकतर भारतीय थे.

Indian students to study abroad
आकड़ों में विदेशों में पढ़ने वाले भारतीय छात्र

भारत में 28 राज्य है लेकिन कुछ चुनिंदा राज्यों से विदेश जाने वाले छात्रों की संख्या अधिक है. इनमें आंध्र प्रदेश और पंजाब 12 फीसदी के साथ पहले व दूसरे स्थान पर हैं. वहीं महाराष्ट्र से 11 फीसदी, गुजरात से 8 फीसदी, तमिलनाडु से 7 फीसदी और कर्नाटक से 5 फीसदी छात्र विदेशों में पढ़ाई करने जाते हैं.

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Last Updated :Jan 8, 2023, 1:27 PM IST
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