नई दिल्ली: रेटिंग एजेंसी क्रिसिल (Rating Agency CRISIL) ने मंगलवार बताया है कि भारत वित्त वर्ष 2024 और 2030 के बीच इंफ्रास्ट्रक्चर (infrastructure) पर लगभग 143 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगा. ये 2017 से शुरू होने वाले पिछले सात वित्तीय वर्षों में खर्च किए गए 67 लाख करोड़ रुपये से दोगुने से भी अधिक है. इनमें 36.6 लाख करोड़ रुपये ग्रीन निवेश होंगे, जो वित्त वर्ष 2017-2023 के दौरान खर्च की गई राशि की तुलना में पांच गुना अधिक है. क्रिसिल ने अपने इंफ्रास्ट्रक्चर ईयरबुक 2023 (Infrastructure Yearbook 2023) में कहा है कि वित्त वर्ष 2024 और 2030 के बीच भारत का इंफ्रास्ट्रक्चर खर्च 2017-2023 की तुलना में दोगुना होकर 143 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा.
क्रिसिल लिमिटेड के प्रबंध निदेशक (Managing Director) और सीईओ (CEO) अमीश मेहता ने कहा कि एजेंसी को उम्मीद है कि भारत का सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product) बढ़ेगा वित्तीय वर्ष 2031 तक औसतन 6.7 फीसदी की दर से सबसे तेजी से विस्तार करने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था होगी. उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2031 तक प्रति व्यक्ति आय अब 2,500 अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 4,500 अमेरिकी डॉलर हो जाएगी, जिससे एक मध्यम आय वाला देश बनेगा.
भारत कई नए क्षेत्रों में गति पकड़ेंगा
इनमें इंफ्रास्ट्रक्चर में सड़कें और राजमार्ग के सात बिजली पारेषण, नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable energy) और बंदरगाहों (ports) का कुल स्कोर 7-प्लस (10 में से) है, जो पिछले कुछ वर्षों के सुधारों और विकास की गति को रेखांकित करता है. रेटिंग एजेंसी ने कहा आने वाले समय में भारत की कि सड़क और बिजली जैसे प्रमुख क्षेत्रों के प्रमुख विकास योगदानकर्ता बने रहने की उम्मीद है. जबकि ईवी, सौर, पवन और हाइड्रोजन जैसे तुलनात्मक नए क्षेत्र गति पकड़ेंगे.
भारत की कुल ऑटोमोबाइल बिक्री (automobile sales) में ईवी की हिस्सेदारी 2030 तक 30 फीसदी तक पहुंचने की संभावना है. वहीं, 2028 तक दोपहिया ईवी की सेल अन्य सेक्शन से आगे निकलने की उम्मीद है, जबकि ईवी बसों की मांग राज्य परिवहन उपक्रमों द्वारा संचालित होगी. इस रिपोर्ट में फाइनेसिंयल ईयर 2023 और 2030 के बीच 4 गुना बढ़ोतरी की उम्मीद जताई है.