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चीन की निर्भरता को कम करने के लिए भारत ने किया पहला अंतरराष्ट्रीय समझौता, जानिए क्या

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By PTI

Published : Nov 15, 2023, 2:52 PM IST

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉस्पेरिटी (IPEF) की मंत्रिस्तरीय बैठक में हिस्सा लेने के लिए अभी सैन फ्रांसिस्को में हैं. बता दें, इस समझौते से भारत जैसे सदस्य देशों की चीन पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी. (Ipef, piyush goyal, global supply chian, what is ipef, indo pacific economic framework for prosperity, indo pacific economic framework)

India signed the first international agreement to reduce China's dependence
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल

नई दिल्ली: भारत, अमेरिका और IPEF Group के 12 अन्य सदस्यों ने ग्लोबल सप्लाई चेन में फ्लेक्सिबिलिटी लाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. इससे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उत्पादन केंद्रों के संभावित स्थानांतरण और सप्लाई चेन के झटकों से होने वाले आर्थिक संकटों को कम करने में मदद मिलेगी. इस समझौते पर सैन फ्रांसिस्को में हस्ताक्षर किए गए हैं. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉस्पेरिटी (IPEF) की मंत्रिस्तरीय बैठक में हिस्सा लेने के लिए अभी सैन फ्रांसिस्को में हैं. बता दें, इस समझौते से भारत जैसे सदस्य देशों की चीन पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी.

India signed the first international agreement to reduce China's dependence
भारत जैसे सदस्य देशों की चीन पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी

भारत ने किया पहला अंतरराष्ट्रीय समझौता
कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रकोप ने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को गंभीर रूप से बाधित किया, क्योंकि अधिकतर देश दवा संबंधी कच्चे माल जैसे विभिन्न उत्पादों के लिए चीन पर निर्भर हैं. गोयल ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर बुधवार को लिखा कि भारत ने अमेरिका और 12 अन्य आईपीईएफ भागीदारों के साथ आईपीईएफ सप्लाई चैन रेजिलेंस एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए. यह अपनी तरह का पहला अंतरराष्ट्रीय समझौता है जो वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करेगा और अनुकूलनशीलता तथा स्थिरता को बढ़ावा देगा. समूह के सदस्यों ने इस समझौते पर इस साल 27 मई को डेट्रॉयट में बातचीत संपन्न की थी.

  • Held a bilateral meeting with US Secretary of Commerce @SecRaimondo on the sidelines of the IPEF Ministerial Meeting and discussed the growing India-US commercial cooperation & business engagement.

    An MoU on “Enhancing Innovation Ecosystems through an Innovation Handshake” was… pic.twitter.com/TCIiXPQkmo

    — Piyush Goyal (@PiyushGoyal) November 15, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इस समझौते से जानिए क्या होगा फायदा
इस समझौते से आपूर्ति श्रृंखला विविधीकरण, निवेश जुटाना, वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में भारत की बेहतर पहुंच, एमएसएमई को समर्थन और एक निर्बाध क्षेत्रीय व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करने में मदद मिलेगी, जो भारतीय उत्पादों के प्रवाह को सुविधाजनक बनाएगा. वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, समझौते पर मंत्री ने अन्य आईपीईएफ भागीदार देशों के मंत्रियों के साथ हस्ताक्षर किए. बयान के अनुसार, इस समझौते से आईपीईएफ आपूर्ति श्रृंखला के अधिक लचीला, मजबूत तथा अच्छी तरह से एकीकृत होगी. इसके पूरे क्षेत्र की आर्थिक वृद्धि तथा प्रगति में योगदान देने की उम्मीद है.

India signed the first international agreement to reduce China's dependence
पहला अंतरराष्ट्रीय समझौता

उद्योग मंत्री ने सहयोग बढ़ाने दिया जोर
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गोयल ने आईपीईएफ के सामूहिक लक्ष्यों को साकार करने के लिए सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया- खासकर स्वच्छ अर्थव्यवस्था की ओर बदलाव के लिए किफायती वित्तपोषण जुटाने और प्रौद्योगिकी सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर. उन्होंने भारत द्वारा सुझाए गए जैव-ईंधन गठबंधन सहित आईपीईएफ के तहत परिकल्पित सहकारी कार्यों के शीघ्र कार्यान्वयन का भी आग्रह किया. इसके अलावा आईपीईएफ भागीदार देशों के मंत्रियों ने स्वच्छ और निष्पक्ष अर्थव्यवस्था के स्तंभों में हुई पर्याप्त प्रगति पर भी सार्थक चर्चा की

समझौते का जल्द होगा पूरा
आईपीईएफ मंत्रिस्तरीय बैठक से इतर गोयल ने अमेरिका की वाणिज्य मंत्री जीना रायमोंडो, मलेशिया के अंतरराष्ट्रीय व्यापार एवं उद्योग मंत्री, तेंगकू जफरुल अजीज के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं.आसियान देशों के अपने समकक्षों के साथ बातचीत के दौरान मंत्री ने मुक्त व्यापार समझौते की समीक्षा प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने का सुझाव दिया. आईपीईएफ का गठन पिछले साल 23 मई को जापान की राजधानी तोक्यो में अमेरिका और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के अन्य भागीदार देशों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है. ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई दारुस्सलाम, फिजी, भारत, इंडोनेशिया, जापान, कोरिया गणराज्य, मलेशिया, न्यूजीलैंड, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, अमेरिका और वियतनाम इसके सदस्य देश हैं.

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