Indian Stock Market: FII और अर्थव्यवस्था में सुधार का कमाल, मई में नबंर वन बना रह भारतीय बाजार

author img

By

Published : May 29, 2023, 5:36 PM IST

Indian Stock Market

एफआईआई के निवेश और अर्थव्यवस्था में सुधार के चलते मई में भारतीय बाजार नबंर वन बना रहा. हालांकि कुछ चुनौतिया है भारत के सामने, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

नई दिल्ली: यूरोपीय बाजारों में नकारात्मक रिटर्न और एसएंडपी 500 में सिर्फ एक प्रतिशत रिटर्न के मुकाबले निफ्टी में 2.8 फीसदी की तेजी के साथ भारत मई में अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला बाजार है. अन्य उभरते बाजारों का प्रदर्शन भी कमजोर है. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार का कहना है कि इस उछाल के दो प्रमुख कारक हैं - पहला, एफपीआई का बाजार में पैसा लगाना और दूसरा, भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार.

इस साल के पहले तीन महीनों में भारत में लगातार बिकवाली करने वाले FPI मई में मजबूत लिवाल बने. एफपीआई ने 25 मई तक शेयर बाजारों के जरिए 29,668 करोड़ रुपये का निवेश किया है. उन्होंने कहा कि प्राथमिक बाजार के जरिए उन्होंने अतिरिक्त 5,136 करोड़ रुपये का निवेश किया है. FPI द्वारा यह निवेश भारतीय अर्थव्यवस्था और वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनियों के प्रदर्शन के प्रति उनके विश्वास का प्रतिबिंब है.

नवीनतम मैक्रो डेटा से पता चलता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था को लंबे समय तक परेशान करने वाली बैंकिंग क्षेत्र पर दबाव और कॉर्पोरेट क्षेत्र के जोखिम की 'दोहरी समस्या' अब बीते दिनों की बात हो गई है. रिकॉर्ड लाभ और कम एनपीए के साथ बैंकिंग तंत्र की स्थिति में सुधार हुआ है. कॉपोर्रेट क्षेत्र ऋणमुक्त है और इसलिए कॉपोर्रेट अब उधार ले सकते हैं और निवेश कर सकते हैं और बैंकों के पास उधार देने के लिए पर्याप्त पैसा है. अर्थव्यवस्था में पूंजीगत व्यय पुनरुद्धार अभी नया-नया है, लेकिन गति पकड़ रहा है.

Indian Stock Market
स्टॉक मार्केट

एलकेपी सिक्योरिटीज के अनुसंधान प्रमुख एस. रंगनाथन ने कहा कि मंदी के बादल और चूक के जोखिम ने कई विकसित अर्थव्यवस्थाओं को अपनी चपेट में ले लिया है. सबसे बड़ी आबादी वाले सबसे बड़े लोकतंत्रों में से एक के रूप में भारत राजमार्ग और बुनियादी ढांचे के विकास के पीछे एक शहरी क्रांति का साक्षी है. अमृत जैसी केंद्र सरकार की योजनाओं और जी20 जैसे शिखर सम्मेलनों ने डेवलपर्स को लोगों को उन भीतरी इलाकों की ओर ले जाने के लिए प्रोत्साहित किया है जहां विकास दर अब ऊपर की ओर बढ़ रही है.

44,000 करोड़ रुपये का निवेश FPI निवेश
मुद्रास्फीति आरबीआई के लक्ष्य की ऊपरी सीमा के भीतर है. केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में वृद्धि को विराम दिया है और चौथी तिमाही में भारतीय कंपनियों का प्रदर्शन शेयर बाजार की अपेक्षाओं के अनुरूप रहा है. वैश्विक विकास दर में गिरावट के बीच भारत इस वित्त वर्ष में सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है इसलिए यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि FPI ने इस वित्तीय वर्ष के दौरान अब तक भारतीय इक्विटी में 44,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है.

जैसा कि हॉवर्ड मार्क्‍स ने कहा, निवेशक तब पैसा कमाते हैं जब वे ऐसे काम करते हैं जो अन्य लोग करने को तैयार नहीं होते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब अर्थव्यवस्था का खपत चरण थोड़ा धीमा है, कैपेक्स-संचालित बजट द्वारा संचालित निवेश चरण पर ध्यान केंद्रित किया गया है. पीजीआईएम इंडिया पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज के पोर्टफोलियो मैनेजर सुरजीत सिंह अरोड़ा ने स्पष्ट रूप से कहा कि हम भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक असाधारण के रूप में देखते हैं. निरंतर संपत्ति निर्माण, सौम्य नीतिगत वातावरण, विवेकपूर्ण राजकोषीय प्रबंधन और बेहतर वैश्विक स्थिति पर ध्यान देना देश के आर्थिक विकास के लिए शुभ संकेत है.

Indian Stock Market
विदेशी निवेशकों का भारत पर भरोसा

ये भी पढ़ें

भारत के समक्ष ये चुनौतियां
अरोड़ा ने कहा कि इसके अलावा, भारतीय कंपनियों द्वारा कम लिवरेज और वित्तीय प्रणाली की बेहतर बैलेंस शीट विकास के लिए चारा प्रदान करती है क्योंकि अर्थव्यवस्था में मांग का स्तर आय के स्तर के साथ आगे बढ़ता है. अरोड़ा ने कहा कि हालांकि वैश्विक घटनाएं एक चुनौती हो सकती हैं, हम मानते हैं कि भारत न केवल इन चुनौतियों का सामना करने के लिए अच्छी तरह से तैयार है, बल्कि लंबी अवधि में इसका लाभ भी उठा सकता है. उच्च प्रति व्यक्ति आय और निर्यात के साथ पैठ के कारण उपभोग और विनिर्माण की अगुवाई में भारत विकास करेगा.

डीएसपी एसेट मैनेजर्स ने एक रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था और कॉरपोरेट आय मजबूत बनी हुई है. कई लार्ज कैप कंपनियों ने बाजार के अनुमानों से बेहतर प्रदर्शन किया है, जिससे बाजार की धारणा मजबूत बनी हुई है. वित्तीय परिणामों के इस सीजन पिछले कुछ सप्ताह का भारतीय शेयर बाजार के लिए यह वास्तव में एक अच्छा प्रदर्शन रहा है. कई लोगों का मानना है कि बाजार काफी आत्मसंतुष्ट हो गया है, लेकिन आंकड़े दूसरी तरफ इशारा करते हैं. भारत अस्थिरता सूचकांक (वीआईएक्स) ने हाल ही में सबसे कम रीडिंग दर्ज की है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसा बेहद कम वीआईएक्स आम तौर पर आने वाले समय में उछाल वाले बाजार का एक अच्छा संकेतक है.
(आईएएनएस)

ये भी पढ़ें

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.