ETV Bharat / business

साइबर कॉलर्स से रहें सावधान, मिनटों में आपका बैंक बैलेंस कर सकते हैं जीरो

author img

By

Published : Nov 21, 2022, 1:48 PM IST

concept photo, cyber crime
कॉन्सेप्ट फोटो, साइबर अपराध

आजकल ऑनलाइन का जमाना है. लोग कई तरह की पॉलिसिज को खरीदते हैं, इसके लिए उन्हें ऑनलाइन ही अप्लाई करना होता है. साइबर अपराधी आपको झूठे ईमेल और मैसेज भेजकर प्रीमियम भुगतान करने को कह सकते हैं. इसलिए किसी भी राशि का भुगतान करने से पहले कस्टमर केयर और ऑथेंटिक एजेंट से जरूर संपर्क कर लें.

हैदराबाद : साइबर अपराध की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. कई बार इसकी वजह से आपकी गाढ़ी कमाई पूरी तरह से साफ हो जाती है. पर्याप्त जागरूकता जालसाजों के लिए वरदान बन गया है. इसलिए बैंकिंग लेनदेन में पूरी तरह से सतर्कता बरतने की जरूरत है.

रिपोर्टों के अनुसार हाल के दिनों में बीमा धोखाधड़ी में वृद्धि हुई है. बीमा पॉलिसी आपको आने वाली कठिनाइयों के समय में वित्तीय संकट से बचाती हैं. हमलोग या तो लाइफ इंश्योरेंस, या फिर हेल्थ इंश्योरेंस या फिर व्हीकल इंश्योरेंस वगैरह अपने पास जरूर रखते हैं. इस बीच साइबर अपराध इसमें अपनी पैठ बना लेते हैं. वे पॉलिसी धारकों को कॉल करके यह बताते हैं कि आपकी पॉलिसी लैप्स होने वाली है, इसलिए आप जल्द से जल्द भुगतान करें.

इन जालसाजों का इतना बड़ा जाल रहता है कि वे आपको झूठे ई-मेल और एसएमएस वगैरह भी भेज देते हैं. आपको कई बार यह भ्रम हो जाता है कि यह तो कंपनी की ओर से भेजा गया है. हो सकता है कि वे आपको एक लिंक भेज दें. इसमें यह लिखा रहता है कि पॉलिसी जारी रखने के लिए अविलंब भुगतान करें. आम तौर पर आपकी पॉलिसी जब खत्म होने वाली होती है, या उसकी अवधि लास्ट होती है, तो वे एक दो महीने पहले ई-मेल भेजते हैं. ऐसी स्थिति आने पर आप तुरंत कस्टमर केयर से संपर्क करें, न कि भुगतान करने की सोंचे.

आजकल बहुत से लोग ऑनलाइन पॉलिसी ले रहे हैं. सभी पॉलिसीज ज्यादातर डिजिटल प्रारूप में होती हैं, चाहे वे बीमा सलाहकार से ली गई हों या सीधे संबंधित कंपनी से. इसलिए, 'डीमैट खातों' के यूजर आईडी और पासवर्ड के संबंध में अधिकतम सावधानी बरतने की आवश्यकता है. संदेहास्पद ईमेल लिंक, मालवेयर, कीलॉगिंग सॉफ्टवेयर और स्पाईवेयर जालसाजों को आपके लॉगिन विवरणों को ट्रैक करने और आपकी बीमा पॉलिसियों के बारे में सभी विवरण प्राप्त करने में मदद करते हैं.

'मुफ्त वाईफाई' का इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतने की जरूरत है. मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करना चाहिए और इसे किसी के साथ साझा नहीं करना चाहिए. पासवर्ड बार-बार बदलते रहना चाहिए. फ्री वाई-फाई के इस्तेमाल से बैंक, निवेश, बीमा और ऐसे ऑनलाइन ट्रांजैक्शन से बचें.

जालसाज पॉलिसीधारकों के रिश्तेदारों को यह बताकर भी धोखा दे रहे हैं कि वे नॉमिनी हैं और लाभ के पात्र हैं. वे व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी मांगते हैं ताकि कुल दावा राशि को भुनाया जा सके. साइबर चोर ज्यादातर कुल दावा राशि प्राप्त करने के लिए प्रारंभिक आंशिक भुगतान की मांग करते हैं. बीमा कंपनी कभी भी किसी नॉमिनी से इस तरह की फीस नहीं मांगती है. ऐसे मामलों में, हमें संबंधित कंपनी से सीधे संपर्क करना चाहिए.

कॉल करने वाले 'तीन साल तक प्रीमियम भरने के लिए पर्याप्त, आपका पैसा दोगुना हो जाएगा' जैसे आकर्षक ऑफर दे रहे हैं. ऐसे किसी भी प्रस्ताव के लिए, सीधे बीमा कंपनी के अधिकृत एजेंट, विभाग या ग्राहक सेवा केंद्र से संपर्क करें. हमें पॉलिसी लेने से पहले पॉलिसी, उसकी अवधि और प्रीमियम का विवरण पता करना चाहिए. इससे हमें साइबर जालसाजों को दूर रखने में मदद मिलेगी. ऐसी किसी भी धोखाधड़ी के मामले में, तुरंत पुलिस को सूचना दें और संबंधित कंपनी को लिखित में भेजें.

ये भी पढ़ें : अगर सही क्रेडिट स्कोर नहीं है तो होम लोन मिलने में आएगी दिक्कत, जानें क्या करें

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.