नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitaraman) ने तीन सितंबर को वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद (Financial Stability and Development Council-FSDC) की बैठक बुलाई है. इस बैठक में वित्तीय क्षेत्र की स्थिति पर विचार किया जाएगा. साथ ही बैठक में महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था के शुरुआती पुनरोद्धार को समर्थन देने के लिए रणनीति पर चर्चा की जाएगी.
यह FSDC की 24वीं बैठक होगी. चालू वित्त वर्ष में यह इसकी पहली बैठक होगी. एफएसडीसी की पिछली बैठक 15 दिसंबर, 2020 को हुई थी.
FSDC की यह बैठक सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product-GDP) के पहली तिमाही के आंकड़े आने के तत्काल बाद होगी. पहली तिमाही में GDP की वृद्धि दर करीब 20 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है. पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद में 24.4 प्रतिशत की गिरावट आई थी.
कुछ वृहद आर्थिक संकेतकों में शुरुआती पुनरोद्धार देखने को मिल रहा है. कर संग्रहण बेहतर हुआ है, ऋण की वृद्धि बढ़ी है, विनिर्माण क्षेत्र का प्रदर्शन सुधरा है और निर्यात बढ़ा है.
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सूत्रों ने बताया कि FSDC की यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये होगी. वित्त मंत्री वित्तीय क्षेत्र के नियामकों से संरचना निवेश न्यास (इनविट्स) आदि के लिए निवेश नियमों को उदार करने को कह सकती हैं. इन माध्यमों का इस्तेमाल राजमार्ग, बिजली और रेल ट्रैक जैसी परिसंपत्तियों के मौद्रिकरण में होगा.
इससे पहले इसी महीने सीतारमण ने छह लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय मौद्रिकरण पाइपलाइन (एनएमपी) की घोषणा की थी.
इस बैठक में वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे. एफएसडीसी की बैठक में महामारी से उबरने के लिए सरकार द्वारा घोषित विभिन्न पैकेज से जुड़े पहलुओं की भी समीक्षा की जाएगी.
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी), भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा), पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) तथा अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण के प्रमुख भी एफएसडीसी के सदस्य हैं.
(पीटीआई-भाषा)