ETV Bharat / bharat

आतंकियों को फंडिंग करने वाले यासीन को सजा आज, श्रीनगर में बंद का माहौल

author img

By

Published : May 25, 2022, 12:41 PM IST

Updated : May 25, 2022, 5:04 PM IST

कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को दिल्ली की एक अदालत टेरर फंडिंग मामले में सजा सुना सकती है. इसे देखते हुए श्रीनगर के विभिन्न इलाकों में हड़ताल जैसे हालात देखे जा रहे हैं. श्रीनगर के कई इलाकों में दुकानें बंद हैं.

श्रीनगर में बंदी का माहौल
श्रीनगर में बंदी का माहौल

श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) : कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को दिल्ली की एक अदालत टेरर फंडिंग मामले में सजा सुना सकती है. इसे देखते हुए श्रीनगर के विभिन्न इलाकों में हड़ताल जैसे हालात देखे जा रहे हैं. श्रीनगर के कई इलाकों में दुकानें बंद हैं. सड़कों पर लोगों और वाहनों की आवाजाही कम है. पुराने शहर के कुछ इलाकों में भी दुकानें बंद रहीं, लेकिन सार्वजनिक परिवहन सामान्य रहा.

हालांकि, शिक्षण संस्थान और अन्य सरकारी कार्यालय खुले हैं. लाल चौक की कुछ दुकानों सहित मैसूमा और आसपास के इलाकों में ज्यादातर दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे. कानून-व्यवस्था की किसी भी प्रकार की समस्या से बचने के लिए शहर में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है.

श्रीनगर में बंदी का माहौल

बता दें कि दिल्ली की अदालत ने प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक को गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत 19 मई को दोषी करार दिया था. जुर्माना की राशि तय करने के लिए एनआईए को वित्तीय स्थिति की समीक्षा करने का निर्देश दिया था. मलिक को अधिकतम सजा के तौर पर मृत्युदंड, जबकि न्यूनतम सजा के तौर पर उम्र कैद सुनाई जा सकती है.

10 मई को, मलिक ने अदालत के सामने अपने अपराध कबूल किया था. मलिक ने अदालत में कहा था कि वह खुद के खिलाफ लगाए आरोपों का विरोध नहीं करता. इन आरोपों में यूएपीए की धारा 16 (आतंकवादी कृत्य), 17 (आतंकवादी कृत्यों के लिए धन जुटाना), 18 (आतंकवादी कृत्य की साजिश) और धारा 20 (आतंकवादी गिरोह या संगठन का सदस्य होना) तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक षडयंत्र) और 124-ए (राजद्रोह) शामिल हैं. अदालत ने मलिक सजा पर फैसला सुनाने के लिए मामले की सुनवाई 25 मई को निर्धारित की थी.

इस बीच, अदालत ने फारूक अहमद डार उर्फ ​​बिट्टा कराटे, शब्बीर शाह, मुसर्रत आलम, मोहम्मद यूसुफ शाह, आफताब अहमद शाह, अल्ताफ अहमद शाह, नईम खान, मोहम्मद अकबर खांडे, राजा मेराजुद्दीन कलवाल, जहूर अहमद शाह वटाली, अब्दुल राशिद शेख और नवल किशोर कपूर और बशीर अहमद भट सहित कश्मीरी अलगाववादी नेताओं को बरी कर दिया था.

पढ़ें: पाकिस्तान ने यासीन मलिक को दोषी करार दिए जाने की निंदा की

जम्मू-कश्मीर के प्रतिबंधित संगठन जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख यासीन मलिक को एनआईए कोर्ट ने टेरर फंडिंग मामले में दोषी ठहराया है. मलिक ने भी अपना गुनाह कुबूल कर लिया है, लेकिन पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को यह नागवार गुजर रहा है. दरअसल, मलिक को दोषी ठहराए जाने के बाद पाकिस्तान पूरी तरह बौखला गया है. वह दुनिया के सामने यासीन को सियासी कैदी बता रहा है. इतना ही नहीं उसने मानवाधिकारों का हवाला देते हुए दुनिया के अन्य देशों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दोषी ठहराए जाने की अपील तक कर डाली है.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने सोशल मीडिया पर लिखा- दुनिया को जम्मू और कश्मीर में सियासी कैदियों के साथ भारत सरकार के रवैये पर ध्यान देना चाहिए. प्रमुख कश्मीरी नेता यासीन मलिक को फर्जी आतंकवाद के आरोपों में दोषी ठहराना भारत के मानवाधिकारों के उल्लंघन की आलोचना करने वाली आवाजों को चुप कराने की कोशिश है. मोदी सरकार को इसके लिए दोषी ठहराया जाना चाहिए.

Last Updated : May 25, 2022, 5:04 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.