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Prakash Raj on Manipur violence: प्रकाश राज बोले- सांप्रदायिक हिंसा के दौरान महिलाएं, बच्चे ज्यादा पीड़ित होते हैं

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By PTI

Published : Sep 11, 2023, 9:04 AM IST

केरल के कोट्टायम में डीसी बुक्स के स्वर्ण जयंती समारोह में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए फिल्म अभिनेता प्रकाश राज ने मणिपुर हिंसा पर चिंता जताई. इस दौरीन उन्होंने तीखी टिप्पणी भी की. उन्होंने कहा कि जब नागरिक आंखें बंद करके किसी एक नेता का अनुसरण करेंगे तो समाज दूषित हो जाएगा.

Women children suffer most during communal violence says actor Prakash Raj
प्रकाश राज बोले- सांप्रदायिक हिंसा के दौरान महिलाएं, बच्चे सबसे ज्यादा पीड़ित होते हैं

कोट्टायम: अभिनेता प्रकाश राज ने मणिपुर में हिंसा पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सांप्रदायिक हिंसा में सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं और बच्चों को होती है. डीसी बुक्स के स्वर्ण जयंती समारोह के हिस्से के रूप में शनिवार को यहां एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जब नागरिक किसी नेता का आंख मूंदकर अनुसरण करेंगे तो समाज खराब हो जाएगा.

प्रकाश राज ने कहा कि यह स्पष्ट है कि समाज खराब हो जाएगा जब नागरिक आँख बंद करके और निर्विवाद रूप से किसी नेता या विचारधारा, जैसे कि राष्ट्रवाद, का पालन करेंगे, जैसा कि आज इस देश में हो रहा है. यदि आप अन्याय की स्थितियों में बेपरवाह हैं, तो आपने अत्याचारी का पक्ष चुना है .

उन्होंने कहा कि 16 या 17 साल के किशोर जुलूसों में तलवारें और बंदूकें लहरा रहे हैं और यह वह देश नहीं है जिसका सपना डॉ. अंबेडकर या समाज सुधारक बसवन्ना ने देखा था. अभिनेता ने यह भी कहा कि मणिपुर में हिंसा हमें दिखाती है कि सांप्रदायिक युद्ध समाज को कैसे प्रभावित कर सकता है. आज जब आप मणिपुर को देखते हैं, तो ये घाव हमें बताते हैं कि सांप्रदायिक युद्ध या हिंसा हमारे लिए क्या लेकर आई है.

सबसे अधिक पीड़ित कौन है, महिलाएं, बच्चे, भविष्य. क्योंकि ये घाव मांस से भी गहरे हैं. क्या हमने इससे नहीं सीखा जब मैं जुलूसों में 16-17 साल के युवाओं को तलवारें और बंदूकें लहराते हुए देखता हूं, तो मेरा दिल रो पड़ता है. उनके पास सपने नहीं हैं. वे नहीं जानते कि भविष्य में उनके लिए क्या होगा. किसने उनका ब्रेनवॉश किया और हम इसके बारे में चुप क्यों हैं? राज ने पूछा.

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उन्होंने हाल की घटना की ओर इशारा किया जिसमें एक शिक्षक ने कथित तौर पर छात्रों से एक विशेष समुदाय के बच्चे को पीटने के लिए कहा था. एक शिक्षक को आठ अंक प्राप्त करने का साहस कैसे हुआ? दूसरे समुदाय के लड़कों ने एक साल के बच्चे को थप्पड़ मारा. और क्या यही वह देश है, भारत का भविष्य, अंबेडकर या बसवन्ना या किसी ने इसकी कल्पना की थी?' राज यहां डीसी किझाकेमुरी स्मारक व्याख्यान दे रहे थे.

पीटीआई

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