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Chhattisgarh Naxal Attack: गर्मियों में इसलिए बढ़ जाते हैं नक्सलियों के हमले !

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Published : Apr 26, 2023, 11:21 PM IST

Maoist attack in Summer months
गर्मियों में इसलिए बढ़ जाते हैं नक्सलियों के हमले

छत्तीसगढ़ में चुनावी साल में नेताओं पर नक्सली हमले का खतरा मंडरा रहा है. वैसे भी हर साल गर्मी का मौसम आते ही नक्सलियों का आतंक बढ़ जाता है. नक्सल एक्सपर्ट मानते हैं कि गर्मी के मौसम में नक्सली ज्यादा एक्टिव हो जाते हैं. आईये जानते हैं इसके पीछे की वजह.Maoist attack in Summer

रायपुर : गर्मी के मौसम में जंगल झाड़ियां साफ रहती है. नक्सली जंगल में दूर तक नजर रख सकते हैं. इसके अलावा उन्हें मूवमेंट के लिए लंबा समय मिल जाता है. हाल ही में बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी के काफिले और 26 अप्रैल को दंतेवाड़ा में नक्सलियों के हमले इसे साबित भी कर दिया है. इन दिनों नक्सली टीसीओसी (टैक्टिकल काउंटर ऑफ ऑफेंसिव कैंपेन) सप्ताह मना रहे हैं. दंतेवाड़ा में इसे लेकर दो ट्रेनें रद्द की गईं तो वहीं सुरक्षबलों को अलर्ट किया गया. बावजूद इसके दंतेवाड़ा की घटना होने के पीछे एसओपी (स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर्स) के पालन में चूक की बात सामने आ रही है. हालांकि इस पर अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.

छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों पर हमलों की संख्या का विश्लेषण

साल कुल शहीद सुरक्षाकर्मी गर्मी में शहादत

2013 36 14 (38.88%)

2014 64 27 (42.18%)

2015 41 19 (46.34%)

2016 35 20 (57.14%)

2017 59 44 (74.57%)

2018 57 29 (50.87%)

2019 19 12 (63.15%)

2020 37 23 (62.16%)

2021 45 35 (77.77%)

2022 10 5 (50%)

इस साल अब तक हुई बड़ी घटनाएं:

• 11 फरवरी : दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने पूर्व सरपंच रामधर की गला रेतकर हत्या कर दी.

• 10 फरवरी : नारायणपुर के छोटे डोंगर में भाजपा के जिला उपाध्यक्ष सागर साहू की गोली मारकर हत्या की गई.

• 5 फरवरी : बीजापुर जिले के आवापल्ली इलाके के एक गांव में मंडल अध्यक्ष नीलकंठ कक्केम को नक्सलियों ने मारा था.

• 16 जनवरी : कांकेर में भाजपा नेता बुधराम करटाम की संदिग्ध मौत हुई थी.उनका शव घर से कुछ दूर सड़क किनारे मिला था.

गर्मियों में ही हिंसक घटनाओं को अंजाम देते हैं नक्सली: नक्सल एक्सपर्ट वर्णिका शर्मा के मुताबिक ''गर्मी के मौसम में नक्सली ज्यादा हिंसक घटनाओं को अंजाम देते हैं. इसकी वजह भी है. क्योंकि गर्मी के मौसम में जंगल झाड़ियां साफ रहती है. नक्सली जंगल में दूर तक नजर रख सकते हैं. इसके अलावा उन्हें मूवमेंट के लिए लंबा समय मिल जाता है. जिस वजह से गर्मी के मौसम में नक्सली अधिकतर बड़ी और हिंसक घटनाओं को अंजाम देते हैं.''

यह भी पढ़ें- दंतेवाड़ा में बड़ा नक्सली हमला, 10 DRG जवान शहीद

गर्मियों में अब तक हुए नक्सली हमले:

23 मार्च 2021: नारायणपुर में नक्सलियों ने आईडी से जवानों की बस को उड़ा दी जिसमें 5 जवान शहीद हो गए जबकि 10 घायल हुए थे.

21 मार्च 2020 : सुकमा के मीनपा हमले में 17 जवान शहीद हुए.

28 अप्रैल 2019 : बीजापुर में नक्सलियों ने पुलिस जवानों पर हमला किया. 2 पुलिस जवान शहीद हो गए और एक ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हो गया.

9 अप्रैल 2019 : दंतेवाड़ा में चुनाव प्रचार के लिए जा रहे भाजपा विधायक भीमा मंडावी के साथ 4 सुरक्षाकर्मी नक्सली हमले में शहीद हुए थे.

19 मार्च 2019 : छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सली हमले में उन्नाव के रहने वाले सीआरपीएफ जवान शशिकांत तिवारी शहीद हो गए.

24 अप्रैल 2017 : छत्तीसगढ़ के सुकमा में लंच करने को बैठे जवानों पर घात लगाकर हमला हुआ, जिसमें 25 से ज्यादा जवान शहीद हो गए.

1 मार्च 2017 : सुकमा में रोड ओपनिंग के काम में जुटे सीआरपीएफ के जवानों पर घात लगाकर हमला हुआ. इस हमले में 11 जवान शहीद और 3 से ज्यादा घायल हुए.

11 मार्च 2014 : झीरम घाटी के पास एक इलाके में नक्सलियों ने एक और हमला किया, जिसमें 15 जवान शहीद हुए और एक ग्रामीण की भी मौत हुई.

12 अप्रैल 2014 : बीजापुर और दरभा घाटी में आईईडी ब्लास्ट में 5 जवानों समेत 14 लोगों की मौत हो गई थी.

29 जून 2010 : नारायणपुर जिले में सीआरपीएफ के जवानों पर हमला. इस हमले में पुलिस के 27 जवान शहीद हुए.

17 मई 2010 : दंतेवाड़ा से सुकमा जा रहे एक यात्री बस में सवार जवानों पर बारूदी सुरंग लगाकर हमला .12 विशेष पुलिस अधिकारी सहित 36 लोग मारे गए थे.

6 अप्रैल 2010 : दंतेवाड़ा जिले के तालमेटाला में सुरक्षाकर्मियों पर हुआ हमला देश का सबसे बड़ा नक्सली हमला है. इसमें सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद हुए थे.

15 मार्च 2007 : छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने पहली बार 15 मार्च 2007 को बीजापुर जिले के रानीबोदली कैंप पर हमला किया था. इस हमले में 55 जवान शहीद हो गए थे.

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