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गोवा के चुनावी रण में उतरेंगे ममता और केजरीवाल, आखिर 'पीके' चाहते क्या हैं?

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Published : Oct 28, 2021, 8:10 PM IST

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिए गोवा पहुंच गई हैं. वहां दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी लगातार कैंप कर रहे हैं. बीजेपी के विरोध करने पहुंचे ममता और केजरीवाल गोवा से क्या हासिल करना चाहते हैं. इस रस्साकशी में किसका नुकसान होगा? पढ़ें रिपोर्ट

mamta banerjee Goa assembly election 2022
mamta banerjee Goa assembly election 2022

हैदराबाद : गोवा में भी अगले साल चुनाव होने हैं . गोवा में नेताओं के आना-जाना शुरू हो गया है. सितंबर में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गोवा वालों को सात वचन देकर आए तो अक्टूबर में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) भी तीन दिवसीय राजनीतिक प्रवास पर गोवा पहुंच गई. तृणमूल कांग्रेस भी गोवा में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है और ममता बनर्जी इसके लिए पिच तैयार करने में जुट गई हैं.

प्रशांत किशोर के मंत्र पर अमल कर रहे हैं : ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल दोनों आई पैक (I-PAC) वाले प्रशांत किशोर के दिए गुरुमंत्र पर अमल कर रहे हैं. सितंबर में अरविंद केजरीवाल ने यूथ के लिए जो 7 घोषणाएं कीं, वह भी प्रशांत किशोर के परंपरागत गुरुकुल से निकला आइडिया हैं. पीके बिहार चुनाव में सात निश्चय और बंगाल चुनाव में दीदी के 10 अंगीकार, तमिलनाडु में स्टालिन के 7 वचन और महाराष्ट्र में शिवसेना वचननामा वाला फंडा सफल तरीके से आजमा चुके हैं.

mamta banerjee Goa assembly election 2022
गोवा के चर्च में प्रेयर करते अरविंद केजरीवाल.

पीके की सलाह पर गोवा पहुंचे दो मुख्यमंत्री : बताया जाता है कि पीके ने ममता बनर्जी के साथ 5 साल का करार किया है. वह आम आदमी पार्टी के भी सलाहकार हैं. उन्होंने दोनों दल के मुखिया को एक और मंत्र दिया है, वह है छोटे राज्यों में सत्ता हासिल करना. इस मकसद में भले ही तृणमूल और आम आदमी को सत्ता नहीं मिले, मगर नए राज्य में एंट्री करने के बाद राष्ट्रीय पार्टी का तमगा मिल जाएगा, फिर वे केंद्र की राजनीति ऊंचा दर्जा हासिल कर लेंगे. तृणमूल कांग्रेस गोवा के अलावा त्रिपुरा को भी अपना कार्यक्षेत्र बना रही है तो आम आदमी पार्टी ने उत्तराखंड और पंजाब को अपने मिशन के लिए चुन रखा है. इस बीच पीके फिलहाल गोवा में बैठकर टीएमसी के लिए ज्यादा फोकस कर रहे हैं.

ममता और केजरीवाल करेंगे कांग्रेस का नुकसान : प्रशांत किशोर के दोनों क्लाइंट गोवा में भिड़ जाएंगे तो किसी न किसी का नुकसान तो जरूर करेंगे. इस आहट से कांग्रेस में बड़ी बेचैनी है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के गोवा दौरे पर सबसे अधिक नाराज बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी हैं. आशंका जताई जा रही है कि ममता बनर्जी गोवा में कांग्रेस के विधायक और कार्यकर्ताओं को ही तोड़ेगी. गोवा के पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री लुइसिन्हो फलेरियो 29 सितंबर को ही टीएमसी में शामिल हो चुके हैं.

mamta banerjee Goa assembly election 2022
अधीर रंजन का आरोप है कि ममता कांग्रेस को तोड़ने गोवा जा रही हैं.

वैसे अधीर रंजन चौधरी की आशंका में दम है : अधीर रंजन का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस का गोवा में कोई संगठन नहीं है तो वह किस भरोसे चुनाव लड़ने जा रही हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि गोवा के विधायकों को पैसे के बल पर खरीदा जा सकता है. ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में लूट का पैसा गोवा में लुटा रही हैं. ममता के खास सिपहसलार सांसद सौगात राय का कहना है कि अगर कोई कांग्रेस से टीएमसी में शामिल होगा तो हम कैसे उनको रोक सकते हैं. उनका कहना है कि उनकी पार्टी न सिर्फ गोवा में बल्कि अन्य राज्यों में भी चुनाव लड़ेगी.

2017 चुनाव के बाद कांग्रेस को ही झटका लगा था : गोवा में 40 विधानसभा सीटें हैं, सरकार बनाने के लिए किसी भी दल को 21 सीट की जरूरत होगी. 2017 में गोवा विधानसभा चुनाव के बाद भी वहां जमकर खेल हुआ था. तब 16 विधायकों के साथ कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी. निर्दलीय विधायकों के समर्थन से 14 सीटें जीतने वाली भाजपा ने सरकार बना ली. फिर कांग्रेस टूट गई. अब वहां की विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की संख्या पांच है.

mamta banerjee Goa assembly election 2022
2017 में पहले मनोहर पर्रिकर सीएम बने, इसके बाद प्रमोद सावंत ने कमान संभाली.

अब बात गोवा की, जो 2022 में पॉलिटिकल लैब बनेगा : 2017 में गोवा में कुल11,11,692 वोटर थे, जिनमें से 9,17,832 लोगों ने मतदान किया था. बीजेपी की सीटें कम हुई थीं मगर उसे सर्वाधिक 32.5 प्रतिशत वोट मिले थे. पिछले चुनाव में आम आदमी पार्टी को गोवा में 6.3 फीसद वोट मिले थे. एबीपी और सी-वोटर सर्वे के अनुतार अभी तक माहौल बीजेपी के पक्ष में है. उसे 24 से 28 सीटें मिल सकती हैं. कांग्रेस के खाते में 1 से 5 सीटें जा सकती हैं. आम आदमी पार्टी के खाते में 3 से 7 सीट और अन्य के पास 4 से 8 सीटें हो सकती हैं. सर्वे के अनुसार, बीजेपी को 38 प्रतिशत, कांग्रेस को 18 प्रतिशत, आम आदमी पार्टी को 23 प्रतिशत और अन्य को 21 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं. यानी भले ही गोवा में कुल सीटों की संख्या कम हो, वहां तृणमूल कांग्रेस की गुंजाइश बन सकती है.

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