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कृषि कानूनों का विरोध करने वाले किसानों की जीत शीर्ष प्राथमिकता : सिद्धू

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Published : Jul 24, 2021, 9:29 PM IST

पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) के नवनियुक्त अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने शनिवार को कहा कि उनके लिए संयुक्त किसान मोर्चा की 'जीत' शीर्ष प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि केंद्र के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान जहां भी उन्हें बुलाएंगे वह नंगे पांव उनसे मिलने वहां पहुंच जाएंगे. पढ़ें पूरी खबर...

सिद्धू
सिद्धू

चंडीगढ़ : पंजाब कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने शनिवार को कहा कि उनके लिए संयुक्त किसान मोर्चा की 'जीत' शीर्ष प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि केंद्र के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान जहां भी उन्हें बुलाएंगे वह नंगे पांव उनसे मिलने वहां पहुंच जाएंगे. बता दें, संयुक्त किसान मोर्चा केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों का संघ है. किसान पिछले वर्ष नवंबर से कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं.

सिद्धू ने चमकौर साहिब में संवाददाताओं से कहा, 'मैं संयुक्त किसान मोर्चा की जीत को शीर्ष प्राथमिकता मानता हूं. मैं पिछले एक वर्ष से किसान आंदोलन को पवित्र बताता रहा हूं. '

इससे पहले राज्य कांग्रेस प्रमुख बनने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनका चमकौर साहिब में जोरदार स्वागत किया. बता दें, चमकौर साहिब पंजाब के मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का विधानसभा क्षेत्र है. पार्टी समर्थकों ने सिद्धू के काफिले पर फूल बरसाए. सिद्धू ने कई धार्मिक स्थलों का भी दौरा किया.

मोरिंडा में उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि किस तरह से हमारी सरकार बड़े पैमाने पर उनकी सहायता कर सकती है. देखिए, बढ़ती महंगाई, पिछले 25 वर्षों से घटती पैदावार और आय ने किसानों को आंदोलन के लिए बाध्य किया है. यह हमारी मंशा है कि इस सामाजिक आंदोलन को आर्थिक ताकत में परिवर्तित होना चाहिए.' उन्होंने कहा कि आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में उन्होंने अपने घर पर काला झंडा लगाया था. उन्होंने कहा, जब भी वे मुझे बुलाएंगे, मैं उनका आशीर्वाद लेने नंगे पांव जाऊंगा.

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सिद्धू ने धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी, बिजली शुल्क और नशे का खतरा जैसा मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा, गुरु साहिब की बेअदबी मामले में हर पंजाबी न्याय चाहता है. उन्होंने कहा कि लोग नशे के कारोबार में संलिप्त बड़े नामों के बारे में जानना चाहते हैं. सिद्धू ने कहा, हम बिजली 18 रुपये प्रति यूनिट क्यों खरीदें जब यह दो रुपये प्रति यूनिट उपलब्ध है. जब हम जानते हैं कि प्रति वर्ष सौर ऊर्जा की दर में 20 फीसदी की कमी आ रही है तो पंजाब प्रति यूनिट सात से 18 रुपये क्यों खरीद रहा है? इसे नेशनल ग्रिड से क्यों नहीं खरीदा जाना चाहिए? हमें इन सब सवालों के जवाब देने हैं. सिद्धू ने कहा कि पार्टी के पास 18 बिंदुओं वाला एजेंडा है.

सिद्धू ने दिए कई बयान

सिद्धू ने अपनी ताजपोशी के दौरान कई बयान दिए. एक बयान यह भी दिया कि विरोधियों को उनके दफ्तरों से बाहर निकाल देंगे. उनके इस बयान के कई मायने निकाले गए. जहां पंजाब के कांग्रेसी कार्यकर्ता काफी खुश हुए कि अब उन्हें पंजाब कांग्रेस भवन आने के लिए अनुमति की जरूरत नहीं पड़ेगी. उनकी समस्याओं का समाधान होगा. क्योंकि पंजाब में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा हुआ था ऐसे में सिद्धू के इस बयान ने एक नई ऊर्जा उनमें पैदा कर दी है लेकिन क्या इससे कांग्रेस का उद्धार होगा या नहीं यह आने वाला समय ही बताएगा.

कांग्रेस के विधायक बरिंदरमीत ने कहा कि 15 अगस्त से वह भी अपना बिस्तरा कांग्रेस भवन में लगाएंगे. उन्होंने कांग्रेस के विधायकों और मंत्रियों से अपील की है कि वह भी 3 घंटे लोगों और कार्यकर्ताओं की समस्याएं सुनें. उनके लिए समय निकालें, ताकि पंजाब के जो मुद्दे हैं उनको संजीदगी के साथ सुलझाया जा सके. उन्होंने कहा कि मुद्दों को तभी सुलझाया जा सकता है जब संजीदगी के साथ सरकार संगठन दोनों मिलकर मजबूती के साथ काम करे.

चीम ने सिद्धू पर कसा तंज

इस मामले को लेकर विरोधी दल के नेता हरपाल चीमा ने नवजोत सिंह सिद्धू पर तंज कसते हुए कहा कि तीन बार अमृतसर की जनता ने उन्हें संसद में भेजा वहां पर उन्होंने पंजाब के कोई मुद्दे नहीं उठाए. 75% गैरहाजरी उनकी संसद में रही. वहीं पंजाब विधानसभा में जब वह मंत्री नहीं रहे तो उसके बाद वह विधानसभा आए ही नहीं इससे साफ जाहिर होता है कि उनका टारगेट सिर्फ कुर्सी था जब तक कुर्सी नहीं मिल रही थी तब तक सरकार के खिलाफ लगातार ट्वीट करके बोलते जा रहे थे और जब कुर्सी मिल गई है तो अब अपनी लाफ्टर चैलेंज वाली बातें कर रहे हैं.

सिद्धू को प्रधान बनाने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला : भाजपा

भारतीय जनता पार्टी पंजाब के प्रवक्ता अनिल सरीन ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू चाहे पार्टी ऑफिस में बैठें या फिर सड़कों पर आएं पर 2022 में कांग्रेस की सरकार का जाना तय है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को क्या लगता है कि जब चुनावों को बहुत ही कम समय रह गया है, तो ऐसे में नवजोत सिद्धू को लाकर कांग्रेस पंजाब में कोई कमाल कर पाएगी. क्या नवजोत सिंह सिद्धू कोई अलादीन का चिराग है, पिछले साढे़ 4 सालों में कांग्रेस ने जनता के साथ किए कोई भी वादे पूरे नहीं किए. यहां तक कि नवजोत सिंह सिद्धू जब मंत्री रहे तो ढाई साल तक उन्होंने एक भी काम नहीं किया. इसलिए नवजोत सिंह सिद्धू के प्रधान बनने से पंजाब की राजनीति में कोई खास फर्क नहीं पड़ने वाला.

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