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UPTET Paper Leak : भाजपा विधायक का भाई है राय अनूप प्रसाद

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Published : Dec 3, 2021, 5:50 PM IST

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राय अनूप प्रसाद यूपी टीईटी पेपर लीक डिजाइन फोटो

उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (UPTET) 2021 पेपर लीक मामले में अब नया खुलासा हुआ है. यूपी एसटीएफ की जांच में पता चला है कि राय अनूप प्रसाद बिहार की भाजपा विधायक रश्मि वर्मा (Rai Anup Prasad Rashmi Verma UPTET) का भाई है. बता दें कि राय अनूप प्रसाद की कंपनी को यूपीटीईटी परीक्षा के पेपर (rai anoop prasad uptet paper leak) छापने का ठेका दिया गया था.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (UPTET) 2021 पेपर लीक मामले में बिहार की भाजपा विधायक रश्मि वर्मा के भाई की संलिप्तता उजागर हुई है. यूपी एसटीएफ (UP STF) की जांच में पता चला है कि परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने राय अनूप प्रसाद की कंपनी को परीक्षा के पेपर छापने का ठेका दिया गया था. जांच के दौरान यह भी पता चला है कि राय अनूप प्रसाद बिहार की भाजपा विधायक रश्मि वर्मा का भाई है. एसटीएफ की पूछताछ में सामने आया है कि रसूख के दम कर बिना नियमों को पूरा किए ही, यूपीटीईटी परीक्षा के पेपर की छपाई का ठेका दे दिया गया था.

खास बात यह भी है दिल्ली की प्रिंटिंग प्रेस RSM Finserv LTD का मालिक राय अनूप प्रसाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह क्षेत्र गोरखपुर का है. यहां के एक नामी गिरामी सियासी परिवार से इसका ताल्लुक है. एसटीएफ ने पेपर लीक के कुछ घंटों बाद ही अनूप प्रसाद राय को गिरफ्तार कर लिया था. उसके बाद से ही लगातार पूछताछ जारी है. इस दौरान जांच टीम ने उसके मोबाइल फोन को भी सर्विंलास पर रखा. जिसमें, उसके बारे में कई जानकारियां सामने आई हैं.

उल्लेखनीय है कि राय अनूप प्रसाद की बहन रश्मि वर्मा (Rai Anup Prasad Rashmi Verma UPTET) बिहार की नरकटियागंज विधानसभा से भाजपा की विधायक हैं. पिछले साल अक्टूबर में 25 लाख रुपये रंगदारी मांगे जाने का मामले के बाद भाजपा विधायक रश्मि वर्मा चर्चा में आईं थीं. चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे में रश्मि ने अपने खिलाफ तीन आपराधिक मुकदमे दिखाए हैं. अनूप के परिवार का एक सदस्य आईएएस भी है.

यूपीटीईटी परीक्षा पर एसटीएफ की पड़ताल (UPTET STF Probe) में सामने आया है कि परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने हाथ से लिखित प्रश्नों की सूची एजेंसी को उपलब्ध कराई थी. जानकारों की मानें तो, प्रश्नपत्र छापने वाली एजेंसी ने काम मिलने के बाद टाइपिंग का काम स्कूली छात्रों को दे दिया था. प्रिंटिंग, प्रूफ रीडिंग, डिजाइनिंग, पैकिंग की जिम्मेदारी भी इन्हीं को दी गई. जांच में सामने आया है कि एजेंसी के पास मैनपावर भी नहीं थे.

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कर्मचारियों की भर्ती प्रश्नपत्र छापने का ऑर्डर मिलने के बाद शुरू की गई. प्रश्न पत्र को हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू व संस्कृत में टाइपिंग के लिए स्कूल और कॉलेज के छात्र-छात्राओं को अनियमित तरीके से बुलाया गया था. इस मामले में एजेंसी के निदेशक राय अनूप प्रसाद और परीक्षा नियामक प्राधिकारी के सचिव संजय उपाध्याय को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया है.

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