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किसान मोर्चा की बैठक में तय होगा आंदोलन का भविष्य, एजेंडा में MSP समेत अजय मिश्रा टेनी मुद्दा भी शामिल

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Published : Dec 4, 2021, 7:35 AM IST

Updated : Dec 4, 2021, 1:00 PM IST

तीनों कृषि कानूनों की वापसी के बाद भी किसानों का आंदोलन जारी है. किसान आंदोलन (Farmer movement) के दौरान राकेश टिकैत (Farmer Leader Rakesh Tikait) ने नया नारा दिया है. 'एमएसपी अभी नहीं तो कभी नहीं यही'. किसान नेता राकेश टिकैत साफ कर चुके हैं कि जब तक केंद्र सरकार एमएसपी की गारंटी को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाती है तब तक आंदोलन वापस नहीं होगा.

Today there will be an important meeting of United Kisan Morcha on Singhu border
आज होगी सिंघू बार्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की अहम बैठक

नई दिल्ली/गाजियाबाद: सिंघु बॉर्डर पर आज संयुक्त किसान मोर्चा की महत्वपूर्ण बैठक है. बैठक में किसान मोर्चा के अंतर्गत आने वाले तमाम किसान संगठनों के नेता शामिल होंगे. माना जा रहा है कि आज सिंघु बॉर्डर पर होने वाली संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक किसान आंदोलन का भविष्य तय करेगी. बैठक में शामिल होने के लिए ग़ाज़ीपुर से किसान नेता राकेश टिकैत सिंघु बॉर्डर के लिए रवाना हुए हैं. इस बीच टिकैत ने एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने बैठक में शामिल किये जाने वाले मुद्दों के बारे में बताया. इसमें अजय मिश्रा टेनी मुद्दा भी शामिल है.

  • आज की बैठक में MSP, अजय मिश्रा टेनी, किसानों पर मुकदमें और किसानों का मुआवज़ा ये सभी मुद्दे शामिल हैं। भारत सरकार जब तक चाहेगी तब तक ये आंदोलन चलता रहेगा: आज संयुक्त किसान मोर्चा की होने वाली बैठक पर BKU प्रवक्ता राकेश टिकैत pic.twitter.com/qMMfqQ63Qv

    — ANI_HindiNews (@AHindinews) December 4, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

टिकैत ने ट्वीट किया, 'आज की बैठक में MSP, अजय मिश्रा टेनी, किसानों पर मुकदमें और किसानों का मुआवज़ा ये सभी मुद्दे शामिल हैं. भारत सरकार जब तक चाहेगी तब तक ये आंदोलन चलता रहेगा. आज संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होने वाली है.'

कृषि कानूनों की वापसी के बाद संयुक्त किसान मोर्चे में फूट की खबरें सामने आ रही हैं. किसान मोर्चे में दो गुट बनते हुए नजर आ रहे हैं, जिसमें से एक गुट चाहता है कि कृषि कानूनों की वापसी हो चुकी है तो अब आंदोलन भी खत्म होना चाहिए, जबकि दूसरा गुट एमएसपी की गारंटी ना मिलने तक आंदोलन को जारी रखने की बात कर रहा है. हालांकि किसान नेता राकेश टिकैत ने किसान मोर्चे में किसी भी गुटबाजी से इनकार करते हुए कहा है किसान मोर्चा एक था एक है और एक रहेगा.

किसान आंदोलन को लेकर राकेश टिकैत का कहना है कि अब ऐसा महसूस हो रहा है कि आंदोलन समाधान की तरफ आगे बढ़ रहा है. आंदोलन को जारी रखना सरकार के ऊपर निर्भर करता है सरकार जब समाधान करना चाहेगी तब आंदोलन खत्म हो जाएगा. उम्मीद है कि जल्द किसानों की तमाम समस्याओं का समाधान सरकार द्वारा किया जाएगा.

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किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आज होने वाली संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में आंदोलन को किस तरह से आगे चलाना है इस पर चर्चा होगी. टिकैत ने कहा कि अगर केंद्र सरकार किसानों की समस्या का समाधान कर किसान आंदोलन को समाप्त नहीं कराना चाहती है तो ऐसे में आंदोलनकारी किसानों का खर्चा और बढ़ जाएगा. क्योंकि अब ठंड का मौसम आ रहा है टेंट ठीक करने पढ़ेंगे.

किसान आंदोलन की भावी रूपरेखा/कार्ययोजना तय करने के लिए शनिवार को यहां सिंघु बार्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की अहम बैठक होगी. किसान नेताओं ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर समिति गठन के वास्ते केंद्र को पांच नाम भेजे जाएं या नहीं-इस पर कोई भी फैसला इस बैठक में किया जाएगा क्योंकि उन्हें सरकार से कोई औपचारिक संदेश नहीं प्राप्त हुआ है.

इससे पहले टिकैत ने ट्वीट किया, 'आज बैठक में आंदोलन आगे कैसे बढ़ेगा और सरकार बातचीत करेगी तो कैसे बातचीत करनी है, इसपर चर्चा होगी. हरियाणा में मुख्यमंत्री, अधिकारियों और किसानों की कल बात हुई, जिसमें प्रदर्शन से संबंधित मामलों को वापस लेने पर सहमति बनी परन्तु मुआवजे पर सहमति नहीं बनी.'

इस बैठक में प्रदर्शनकारी किसानों की लंबित मांगों पर चर्चा होगी जिनमें फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी, किसानों पर दर्ज मामलों की वापसी, आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों के लिए मुआवजा आदि शामिल हैं. एसकेएम की कोर समिति के सदस्य दर्शनपाल ने एजेंसी से कहा, 'हमारी कल 11 बजे अहम बैठक है. हमारी लंबित मांगों पर चर्चा के साथ ही एसकेएम आंदोलन की भावी कार्ययोजना तय करेगा.

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चूंकि हमें एमएसपी पर पांच किसान नेताओं के नाम सौंपने का औपचारिक संदेश अबतक नहीं मिला है इसलिए हम बैठक में तय करेंगे कि हमें उसे (सरकार को) नाम भेजने हैं या नहीं.' केंद्र ने एमएसपी एवं अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए मंगलवार को एसकेएम से पांच नाम मांगे थे. हालांकि बाद में एसकेएम ने एक बयान में कहा था कि उसके नेताओं को केंद्र से इस मुद्दे पर फोन आये थे लेकिन कोई औपचारिक संदेश नहीं मिला है. केंद्र तीन कृषि कानून वापस ले चुका है.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Dec 4, 2021, 1:00 PM IST
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