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सरकार ने मेडिकल ऑक्सीजन परिवहन के नियम किए आसान

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Published : Sep 21, 2021, 7:42 PM IST

केंद्र सरकार ने पेट्रोलियम और विस्फोटक क्षेत्रों से संबंधित औद्योगिक सुरक्षा नियमों (industrial safety rules) में बड़े बदलावों की घोषणा की. औद्योगिक और मेडिकल ऑक्सीजन भरने और भंडारण से संबंधित नियमों को भी सरल बनाते हुए आईएसओ टैंकरों (ISO tankers) के माध्यम से तरल ऑक्सीजन के परिवहन की अनुमति दी. वरिष्ठ संवाददाता कृष्णानंद त्रिपाठी की ये खास खबर.

सरकार ने मेडिकल ऑक्सीजन परिवहन
सरकार ने मेडिकल ऑक्सीजन परिवहन

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने मंगलवार को पेट्रोलियम और विस्फोटक क्षेत्रों से संबंधित औद्योगिक सुरक्षा नियमों (industrial safety rules) में बड़े बदलावों की घोषणा की. साथ ही कोविड -19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर औद्योगिक और मेडिकल ऑक्सीजन भरने और भंडारण से संबंधित नियमों को भी सरल बनाते हुए आईएसओ टैंकरों (ISO tankers) के माध्यम से तरल ऑक्सीजन के परिवहन की अनुमति दी.

कोरोना की दूसरी लहर के मद्देनजर, उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT), वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने पेट्रोलियम संयंत्रों की स्थापना, विस्फोटक निर्माण सुविधाओं, खतरनाक सामग्रियों के परिवहन और भंडारण, सिलेंडर भरने और भंडारण परिसर आदि से संबंधित औद्योगिक नीतियों की व्यापक समीक्षा की.

पिछले साल सितंबर में, सरकार ने कोविड -19 से निपटने के लिए कमी वाले क्षेत्रों में चिकित्सा ऑक्सीजन की तत्काल आवश्यकता को पूरा करने के लिए आईएसओ टैंकरों के माध्यम से तरल ऑक्सीजन के परिवहन की अनुमति दी थी. अब घरेलू क्षेत्रों में आईएसओ कंटेनरों के माध्यम से क्रायोजेनिक संपीड़ित गैसों जैसे ऑक्सीजन, आर्गन, नाइट्रोजन, एलएनजी आदि के परिवहन की अनुमति देने के लिए संशोधित नियमों में प्रावधानों को शामिल किया गया है.

सरकार ने कहा, 'यह तरल ऑक्सीजन को ज्यादा मात्रा वाले क्षेत्रों से कमी वाली जगहों पर ले जाने और सड़क, रेल और जलमार्ग से इन गैसों के परिवहन को बढ़ावा देने में मदद करेगा. यह परिवहन लागत के साथ-साथ समय को भी कम करेगा.'

इसके अलावा, सरकार ने व्यापार करने में आसानी को बढ़ाने के लिए कुछ अन्य नियमों को भी सरल बनाया है. ये नियम मोटे तौर पर तीन क्षेत्रों स्थिर और गतिशील दबाव वाहिकाओं, कैल्शियम कार्बाइड और अमोनियम नाइट्रेट के उत्पादन, भंडारण व परिवहन से संबंधित हैं.

औद्योगिक सुरक्षा नियमों में बदलाव
एसएमपीवी नियमों के मामले में सरकार ने लाइसेंस प्राप्त परिसर के प्रमाणन, परीक्षण, निरीक्षण और सुरक्षा ऑडिट से संबंधित कार्य करने के लिए तीसरे पक्ष यानी जांच एजेंसी की सेवाएं लेने की इजाजत दे दी है. परीक्षण और प्रमाणन के लिए आवश्यक न्यूनतम अनुभव को 10 वर्ष से घटाकर 5 वर्ष कर दिया.

इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि ऐसी औद्योगिक इकाइयों के लिए जिन्हें खतरनाक सामग्रियों के भंडारण, भरने और परिवहन के लिए स्थानीय अधिकारियों से लाइसेंस या अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करना आवश्यक है, एनओसी जारी करने की समय सीमा दो महीने कर दी गई है. यदि जिला अधिकारी दो महीने के भीतर आवेदन पर निर्णय नहीं लेते हैं, तो एनओसी जारी माना जाएगा.

सरकार ने डुप्लीकेट लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवेदन जमा करने की आवश्यकता को भी समाप्त कर दिया है. सिस्टम जनरेटेड ऑनलाइन कॉपी अधिकारियों द्वारा स्वीकार की जाएगी.

PESO ने कैल्शियम कार्बाइड के भंडारण से संबंधित संशोधनों में लाइसेंस अवधि की वैधता को 3 से बढ़ाकर 10 वर्ष कर दिया है. डुप्लीकेट लाइसेंस ऑनलाइन जेनरेट किया जा सकता है और फीस का भुगतान भी ऑनलाइन किया जा सकता है.

कैल्शियम कार्बाइड के भंडारण के लिए परिसर की निगरानी के लिए, परिसर के भू-मानचित्रण के प्रावधान को नियमों में शामिल किया गया है जिसे केंद्र और राज्य के अधिकारियों के साथ साझा किया जाएगा.

पढ़ें- कोविड-19: तरल ऑक्सीजन के लिए आईएसओ कंटेनरों को मिली मंजूरी

अमोनियम नाइट्रेट के भंडारण और संचालन से संबंधित नियमों को भी सरल बनाया गया है. लाइसेंसधारी को एक स्थान से दूसरे स्थान पर अमोनियम नाइट्रेट के हस्तांतरण की अनुमति दी गई है. यह छोटे गोदामों में अमोनियम नाइट्रेट के भंडारण की भी अनुमति देता है.

अमोनियम नाइट्रेट संयंत्रों में अग्निशमन सुविधाओं की स्थापना से संबंधित नियमों को सरल बनाया गया है. सरकार ने जिला प्राधिकारियों और खान सुरक्षा महानिदेशक से अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) प्राप्त करने का समय भी 6 माह से घटाकर 3 माह कर दिया है.

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