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संयुक्त राष्ट्र संघ ने दिल्ली की फर्म को 'खादी' शब्द का अवैध इस्तेमाल करने से रोका

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Published : Jul 1, 2021, 5:31 PM IST

WIPO
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संयुक्त राष्ट्र की नोडल एजेंसी (United Nations nodal agency), विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (World Intellectual Property Organization) ने दुनिया भर में ब्रांड सुरक्षा (brand protection) के लिए ने दिल्ली स्थित एक फर्म को 'खादी' शब्द के अवैध इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी है.

नई दिल्ली : संयुक्त राष्ट्र की नोडल एजेंसी (United Nations nodal agency), विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (World Intellectual Property Organization) ने दुनिया भर में ब्रांड सुरक्षा (brand protection) के लिए ने दिल्ली स्थित एक फर्म को एक डोमेन www.urbankhadi.com का उपयोग करने के खिलाफ निर्देश जारी किया है. इस फर्म ने अवैध रूप से खादी ब्रांड नाम का इस्तेमाल किया है.

विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) के आर्बिट्रेशन (Arbitration) और मध्यस्थता केंद्र (Mediation Center) ने फैसला सुनाया है कि हर्ष गाबा (Harsh Gaba) के स्वामित्व वाली फर्म ओम सॉफ्ट सॉल्यूशंस (Om Soft Solutions) ने www.urbankhadi.com डोमेन नाम को ' गलत तरीके और खादी की सद्भावना से लाभ प्राप्त करने के लिए पंजीकृत और इस्तेमाल किया था.

आदेश में, WIPO ने फैसला सुनाया कि यह कंपनी द्वारा अनुचित लाभ, गलत व्यावसायिक लाभ प्राप्त करने और जनता को यह विश्वास दिलाने के लिए एक व्यवस्थित प्रयास था कि वेबसाइट www.urbankhadi.com खादी इंडिया इससे संबंधित थी.

पैनल ने कहा कि यह स्पष्ट है कि विवादित डोमेन नाम (disputed domain name) में प्रतिवादी का कोई वैध हित नहीं हो सकता है ... कोई भी खादी शब्द का उपयोग तब तक नहीं सकता जब तक कि वह खादी के साथ जुड़ाव की धारणा नहीं रखता.

वैश्विक बौद्धिक संरक्षण अधिकार निकाय ने कंपनी को डोमेन नाम (domain name) खादी और ग्रामोद्योग आयोग (Khadi and Village Industries Commission) को हस्तांतरित करने का आदेश दिया है.अपने आदेश में पैनल ने कंपनी के इस तर्क को खारिज कर दिया कि खादी शब्द को कोई सुरक्षा प्राप्त नहीं है और किसी को भी ब्रांड नाम खादी का उपयोग करने का विशेष अधिकार नहीं है.

दुरुपयोग को रोकने के लिए खादी पंजीकृत

खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) प्रमुख विनाई कुमार सक्सेना (Vinai Kumar Saxena) ने कहा कि WIPO का आदेश न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर भी अपने ब्रांड नाम के उल्लंघन के खिलाफ खादी की लड़ाई को मजबूत करेगा. KVIC खादी की पहचान और वैश्विक लोकप्रियता की रक्षा के लिए सभी उपाय करेगा. KVIC ने खादी ब्रांड के किसी भी दुरुपयोग को रोकने के लिए कई देशों में ट्रेडमार्क 'खादी' को पंजीकृत किया है, क्योंकि इसका हमारे कारीगरों की आजीविका पर सीधा असर पड़ता है.

सक्सेना ने कहा कि WIPO का आदेश व्यक्तियों और फर्मों के लिए खादी ब्रांड नाम का अवैध रूप से उपयोग करने से एक निवारक साबित होगा.

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अदालत ने खादी ब्रांड के अवैध इस्तेमाल पर रोक लगाई

हाल के दिनों में, KVIC ने अपने ट्रेडमार्क खादी के उल्लंघन के खिलाफ कई मामलों में जीत हासिल की है. बीते 4 जून को दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने गाजियाबाद के एक व्यापारी जेबीएमआर एंटरप्राइजेज (JBMR Enterprises) को नकली खादी प्राकृत पेंट के निर्माण और बिक्री से रोक दिया.

इससे पहले 28 मई को भी दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय खादी डिजाइन परिषद (Khadi Design Council of India ) और मिस इंडिया खादी फाउंडेशन (Miss India Khadi Foundation) पर 'खादी' ब्रांड नाम का उपयोग करने पर रोक लगा दी थी.

बीते तीन मई को दिल्ली में एक मध्यस्थता न्यायाधिकरण (Arbitration Tribunal) ने कहा था कि खादी निजी व्यक्तियों या फर्मों (private individuals or firms ) द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला सामान्य नाम नहीं है, हालांकि किसी भी व्यक्ति द्वारा खादी ब्रांड नाम का उपयोग करने से स्थायी रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया था.

इस साल मार्च में दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक फर्म को खादी ब्रांड नाम और चरखा प्रतीक का उपयोग अपने उत्पादों को 'IWEARKHADI' नाम से बेचने से रोक दिया था.

KVIC ने अब तक फैबइंडिया (Fabindia) सहित एक हजार से अधिक निजी फर्मों को अपने ब्रांड नाम का दुरुपयोग करने और खादी के नाम से उत्पाद बेचने के लिए कानूनी नोटिस जारी किए हैं.

गौरतलब है कि खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने फैबइंडिया से 500 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा है, जो बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) के समक्ष लंबित है.

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