ETV Bharat / bharat

Ukrainian Minister In India : रूस के साथ खड़े होने का मतलब है इतिहास के गलत पक्ष के साथ होना : यूक्रेन की मंत्री जापारोवा

author img

By

Published : Apr 12, 2023, 11:19 AM IST

कीव और नई दिल्ली के बीच घनिष्ठ सहयोग पर जोर देते हुए, यूक्रेन के उप विदेश मंत्री एमिन जापारोवा ने भारत को 'विश्वगुरु' कहा.उन्होंने कहा कि यूक्रेन वास्तव में चाहता है कि भारत उसके करीब आए. इतिहास में हमारे अलग-अलग पन्ने थे लेकिन अब यूक्रेन स्वतंत्रता प्राप्त कर रहा है.

Ukrainian Minister In India
जापारोवा ने विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी के साथ बातचीत की.

नयी दिल्ली : यूक्रेन की प्रथम उप विदेश मंत्री एमिन जापारोवा ने मंगलवार को कहा कि रूस के साथ खड़े होने का अर्थ इतिहास के गलत पक्ष के साथ होना है और उनका देश भारत के साथ घनिष्ठ संबंध चाहता है. जापारोवा ने यहां एक प्रमुख 'थिंक-टैंक' को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान के साथ यूक्रेन के संबंध भारतीय हितों के खिलाफ नहीं हैं. पाकिस्तान के साथ उनके देश के सैन्य संबंध करीब तीन दशक पहले शुरू हुए थे.

उप विदेश मंत्री ने यूक्रेन में युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि भारत एक वैश्विक नेता और जी-20 के मौजूदा अध्यक्ष के रूप में शांति स्थापित करने में अहम भूमिका निभा सकता है. इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई की कि भारतीय अधिकारी शीघ्र ही यूक्रेन का दौरा करेंगे. उन्होंने कहा कि भारत के दृष्टिकोण में परिवर्तन आ रहा है और उसे यूक्रेन के साथ नए संबंध बनाने में कुछ समय लग सकता है और ये संबंध 'व्यावहारिक एवं संतुलित दृष्टिकोण' पर आधारित होने चाहिए.

पढ़ें : Ukraine Minister: यूक्रेन की उप विदेश मंत्री भारत पहुंचीं

जापारोवा ने कहा कि मुझे लगता है कि मेरे जो सुझाव हैं, वे भारत के साथ बेहतर और गहरे संबंध बनाने के लिए हैं...मैंने पहल की है और अब सामने वाले को अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करनी है. रूस और भारत करीबी सहयोगी रहे हैं. भारत ने अब तक यूक्रेन पर रूसी हमले की निंदा नहीं की है और उसका कहना है कि इस संकट को कूटनीति और बातचीत के जरिए हल किया जाना चाहिए. रूस द्वारा पिछले साल 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला शुरू करने के बाद, जापारोवा उस देश से पहली नेता हैं, जिन्होंने भारत की यात्रा की है.

विश्व मामलों की भारतीय परिषद (आईसीडब्ल्यूए) में अपने संबोधन से पहले, जापारोवा ने विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी के साथ बातचीत की. लेखी ने एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने और जापारोवा ने पारस्परिक हित के द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया. उन्होंने कहा कि यूक्रेन को मानवीय सहायता बढ़ाने का आश्वासन दिया गया. जापारोवा ने बैठक को 'सार्थक' बताया. उन्होंने कहा कि रूस के अकारण हमले के खिलाफ यूक्रेन के प्रयासों पर मंत्री को जानकारी दी. विभिन्न क्षेत्रों में, विशेष रूप से संस्कृति में द्विपक्षीय सहयोग को गहरा करने पर चर्चा की.

पढ़ें : For Peace In Ukraine: यूक्रेन में शांति के लिए जिनपिंग से मिलेंगे मैक्रॉन और यूरोपीय संघ की अध्यक्ष

भारत के खिलाफ चीन के आक्रामक व्यवहार के संबंध में पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में जापारोवा ने कहा कि किसी भी देश की क्षेत्रीय अखंडता पर सवाल उठाने वाली कोई भी आक्रामकता बहुत बड़ी चिंता का विषय है. उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल को भी यूक्रेन आने का आमंत्रण दिया. यह उल्लेख करते हुए कि भारत के साथ यूक्रेन संबंध बढ़ाना चाहता है. जापरोवा ने कहा कि भारत बड़ी भूमिका निभा सकता है. हम संप्रभु देशों के फैसलों का सम्मान करते हैं. भारत भी अन्य देशों के साथ संबंध बना रहा है. यह आपको तय करना है, यह आपके लाभ के लिए है.

उन्होंने कहा कि यूक्रेन भारत के साथ महत्वपूर्ण सैन्य प्रौद्योगिकियों और विशेषज्ञता को साझा करने के लिए तैयार है. जापारोवा ने महात्मा गांधी के सिद्धांतों का भी जिक्र किया और कहा कि उन्होंने बिना हिंसा के अधिकारों के लिए लड़ने का आह्वान किया था. जापारोवा ने कहा कि हमारे राष्ट्रपति लगातार कह रहे हैं कि हमें दूसरों के अधिकारों का हनन किए बिना अपने अधिकारों के लिए लड़ना होगा. कई मायनों में भारत और यूक्रेन के बीच बहुत समानता है. हमारे द्विपक्षीय संबंधों में प्रगाढ़ता के लिए काफी अवसर हैं. यह हमारी बातचीत में केवल एक शुरुआत है.

पढ़ें : Finland joins NATO : यूक्रेन युद्ध के लिए रूस को झटका, फिनलैंड नाटो में शामिल

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की भारत में जी-20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करना चाहेंगे. जेलेंस्की ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए जी-20 के बाली शिखर सम्मेलन को संबोधित किया था. पिछले साल फरवरी में संघर्ष शुरू होने के बाद से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ-साथ यूक्रेनी नेता वोलोदिमीर जेलेंस्की से कई बार बात की. पिछले साल चार अक्टूबर को जेलेंस्की के साथ फोन पर बातचीत में मोदी ने कहा था कि मुद्दे का 'कोई सैन्य समाधान नहीं' हो सकता और भारत शांति प्रयासों में योगदान देने के लिए तैयार है.

पढ़ें : रूस-यूक्रेन संघर्ष से 'हार्ड पावर' की प्रासंगिकता की पुष्टि हुई : सेनाध्यक्ष पांडे

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.