ETV Bharat / bharat

रूस-यूक्रेन तनाव घटने के संकेत, इसके बावजूद अमेरिका ने दी चेतावनी

author img

By

Published : Feb 15, 2022, 6:50 PM IST

रूस और यूक्रेन के बीच भले ही तनाव (Ukraine Russia crisis) जारी हो, लेकिन कुछ ऐसे भी संकेत मिलने शुरू हो गए हैं, जिसके आधार पर कहा जा सकता है कि युद्ध की नौबत शायद न आए. इसमें जर्मनी ने विशेष पहल की है. रूस के विदेश मंत्री यह कह चुके हैं कि वह बातचीत जारी रखने के लिए राजी हैं. रूस ने कुछ सैन्य टुकड़ियों को सीमा से हटाने का भी ऐलान किया है. हालांकि, अमेरिका समेत कई देश अब भी आशंकित हैं. पढ़ें पूरी खबर.

representational image ukraine
सांकेतिक तस्वीर यूक्रेन

मास्को : रूस ने मंगलवार को कहा कि सैन्य अभ्यास में हिस्सा ले रहीं कुछ सैन्य टुकड़ियां अपने सैन्य अड्डे के लिए लौटना शुरू करेंगी. हालांकि, रूस ने वापसी का ब्योरा नहीं दिया है, लेकिन इससे यह उम्मीद जगी है कि शायद रूस की योजना यूक्रेन पर हमला करने की न हो. यह ऐलान रूसी विदेश मंत्री के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने संकेत दिए थे कि उनका देश उन सुरक्षा संबंधी समस्याओं पर बातचीत जारी रखने के लिए राजी है, जिसने यूक्रेन संकट को जन्म दिया. तनाव पनपने के हफ्तों बाद रूस के रुख में यह परिवर्तन दिखा. (Ukraine Russia crisis).

हालांकि अब भी पश्चिमी देशों के अधिकारी यह चेतावनी देना जारी रखे हुए हैं कि रूस किसी भी क्षण यूक्रेन पर हमला कर सकता है और वह सैन्य साजो सामान सीमा की ओर ले जा रहा है. अभी यह भी स्पष्ट नहीं है कि रूसी रक्षा मंत्रालय ने जिन सैन्य टुकड़ियों को वापस लेने की बात की है, वह कहां तैनात हैं और उसमें कितने सैनिक हैं. इस ऐलान के बाद विश्व बाजार समेत रूसी मुद्रा रूबल के भाव में उछाल देखने को मिला है. हालांकि यूक्रेन के नेता रूस की इस घोषणा पर संदेह जता रहे हैं.

यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने कहा, 'रूस लगातार कई तरह के बयान दे रहा है. यही वजह है कि हमने नियम बनाया है कि हम सुनी हुई बातों पर विश्वास नहीं करेंगे. हम देखने के बाद विश्वास करेंगे.' यूक्रेन की सीमा पर रूस ने 1,30,000 से अधिक सैनिक तैनात कर दिए हैं, जिसने हमले की आशंका को जन्म दिया. हालांकि रूस यूक्रेन पर हमले की मंशा से इनकार करता रहा है, लेकिन यूक्रेन के पूर्व, उत्तर और दक्षिण में बड़ी संख्या में सैनिक तैनात करके वह पास में ही बड़ा युद्धाभ्यास भी करता रहा है.

आशा की नई किरण के साथ कूटनीतिक घटनाक्रम की झड़ी लग गई है. जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने कीव में यूक्रेन के नेताओं से बातचीत करने के एक दिन बाद मास्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने की योजना बनाई. उधर, रूस के सबसे कड़े यूरोपीय आलोचकों में से एक पोलैंड के विदेश मंत्री भी रूसी विदेश मंत्री सर्जेई लावरोव से मिलने के लिए मंगलवार को मास्को में थे. यूक्रेन के विदेश मंत्री ने अपने इतालवी समकक्ष की मेजबानी करके बातचीत की.

दरअसल मास्को गारंटी चाहता है कि नाटो यूक्रेन और पूर्व सोवियत संघ के अन्य देशों को अपना सदस्य नहीं बनाएगा. वह यह भी चाहता है कि नाटो के सदस्य देश यूक्रेन में हथियारों की तैनाती पर रोक लगाएं और पश्चिमी यूरोप से अपने सैनिक वापस लें. पुतिन ने कहा कि पश्चिमी देश रूस को अंतहीन वार्ता में फंसा सकते हैं. पुतिन ने सवाल किया कि क्या अभी भी समझौते पर पहुंचने का अवसर है. लावरोव ने कहा कि उनका मंत्रालय अमेरिका और उसके सहयोगियों को रूस के मुख्य अनुरोधों को दरकिनार करने की अनुमति नहीं देगा. उधर, व्हाइट हाउस की प्रमुख उप प्रेस सचिव कारीन जीन-पियरे ने कहा कि अगर रूस सकारात्मक रूप से बातचीत का विकल्प चुनता है तो कूटनीति का रास्ता उपलब्ध रहेगा.

यूक्रेन की सीमा के नजदीक रूस के सैनिकों की बढ़ती गतिविधियों पर पश्चिमी देश करीबी नजर रखे हुए हैं. इस बीच, युद्ध टाले जा सकने के बारे में क्रेमलिन से मिले संकेतों से उत्साहित यूरोपीय नेता अंतिम क्षणों की कूटनीति के लिए मंगलवार को क्षेत्र के लिए रवाना हुए. यूक्रेन को लेकर हफ्तों से बढ़ते तनाव के बाद, सोमवार को सुर कुछ बदला, जब रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने संकेत दिया कि मास्को इस संकट का कारण रही सुरक्षा शिकायतों के बारे में वार्ता जारी रखने को तैयार है.

लावरोव की टिप्पणी को पश्चिमी देशों के लिये राष्ट्रपति पुतिन के संदेश के रूप में देखा जा रहा है. साथ ही इससे युद्ध टलने का भी संकेत मिला है. हालांकि, अमेरिका, ब्रिटेन और उनके अन्य सहयोगी देश पहले ही कह चुके हैं कि रूसी सैनिक बुधवार तक यूक्रेन तक पहुंच सकते हैं.

ये भी पढे़ं : ukraine crisis : भारतीयों को देश छोड़ने की सलाह

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.