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त्रिपुरा में अभिषेक बनर्जी समेत पांच टीएमसी नेताओं पर केस दर्ज

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Published : Aug 11, 2021, 1:33 PM IST

Updated : Aug 11, 2021, 7:39 PM IST

त्रिपुरा पुलिस ने पुलिस अधिकारियों के साथ वाद-विवाद मामले में अभिषेक बनर्जी, कुणाल घोष समेत तृणमूल कांग्रेस के पांच नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. इन पर अतिरिक्त एसपी और एसडीपीओ के साथ कथित रूप से दुर्व्यवहार करने और ड्यूटी में बाधा पहुंचाने का आरोप है.

Tripura Police
Tripura Police

अगरतला : त्रिपुरा पुलिस ने अपने अधिकारियों के साथ वाद-विवाद मामले में अभिषेक बनर्जी, कुणाल घोष समेत तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के पांच नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. इन पर अतिरिक्त एसपी और एसडीपीओ के साथ कथित तौर से दुर्व्यवहार करने और ड्यूटी में बाधा पहुंचाने का आरोप है.

त्रिपुरा पुलिस ने जिन नेताओं पर केस दर्ज किया है, उनमें बंगाल के मंत्री ब्रत्य बसु, सुबल भौमिक और प्रकाश चंद्र दास भी शामिल हैं. यह एफआईआर पुलिस इन्स्पेक्टर मनोरंजन देवबर्मा ने धलाई जिले के खोवाई थाने में दर्ज कराई है.

एफआईआर के मुताबिक, रविवार को टीएमसी के 14 नेताओं की गिरफ्तारी के बाद मंत्री ब्रत्य बसु और सांसद डोला सेन पार्टी कार्यकर्ताओं का एक समूह लेकर थाने पर पहुंच गए. इसके थोड़ी ही देर बाद अभिषेक बनर्जी भी वहां पहुंचे गए.

आरोप है कि टीएमसी नेताओं ने न सिर्फ पुलिस अधिकारियों को सरकारी काम करने में बाधा डाली, बल्कि उनके साथ बहस भी की. टीएमसी नेताओं के खिलाफ आईपीसी की धारा 186 और 34 के तहत केस दर्ज किया गया है.

टीएमसी सांसद कुणाल घोष ने ट्विटर पर एफआईआर की कॉपी साझा की है.

गौरतलब है कि पिछले हफ्ते त्रिपुरा के धलाई जिले में भाजपा कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं पर हमला किया था, जिसमें टीएमसी के दो नेता घायल हो गए थे. हालांकि, भाजपा ने इन आरोपों का खंडन किया था.

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इस हमले के बाद टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी त्रिपुरा पहुंच गए थे. इस दौरान टीएमसी कार्यकर्ताओं ने पुलिस थाने में हंगामा किया था.

खोवाई जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) किरण कुमार ने बताया कि मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए मंगलवार को तृणमूल नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया, जिन्होंने आठ अगस्त को ड्यूटी कर रहे अधिकारियों के साथ ‘‘बदसलूकी’’ की थी.

एसपी ने कहा, हमने 10 अगस्त को भारतीय दंड संहिता की धारा 186 (लोक सेवकों को उनके सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में बाधा डालने) और 36 (साझा इरादे से) के तहत उनके खिलाफ मामला दर्ज किया. यह प्राथमिकी खोवई पुलिस थाने में प्रवेश से संबंधित है. उन्हें जल्द ही समन किया जाएगा.

तृणमूल कांग्रेस के बंगाल के महासचिव कुणाल घोष ने दावा किया कि त्रिपुरा में सत्तारूढ़ भाजपा उनके खेमे की बढ़ती लोकप्रियता से डर गई है. उन्होंने कोलकाता में पत्रकारों से कहा, हमारे खिलाफ गलत तरीके से मामला दर्ज किया गया है. हम वहां अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से एकजुटता व्यक्त करने गए थे.

घोष का नाम भी प्राथमिकी में दर्ज है. उन्होंने कहा, हमें अपने पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए कानूनी बचाव की व्यवस्था करने का अधिकार है, जिसे त्रिपुरा में बिप्लब देब शासन ने उन्हें देने से मना कर दिया था. शांतिपूर्ण तरीके से लोकतांत्रिक अधिकारों की मांग की तुलना सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा डालने से नहीं की जा सकती.

त्रिपुरा के खोवई जिले में ‘कोविड-19 के नियमों का उल्लंघन’ करने के आरोप में रविवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कम से कम 14 नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था. इनमें वे कार्यकर्ता भी शामिल हैं जो एक दिन पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं के कथित हमले में घायल हो गए थे.

इसके तुरंत बाद, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी अगरतला पहुंचे और गिरफ्तार पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने के लिए खोवई रवाना हुए. इन पार्टी कार्यकर्ताओं को एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें जमानत मिल गई थी.

अभिषेक बनर्जी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे हैं और उन्हें पार्टी में उनके बाद दूसरे नंबर पर माना जाता है.

पुलिस ने बताया कि रात सात बजे रात्रि कर्फ्यू लगने के बाद यात्रा करते हुए कोविड-19 से जुड़ी पाबंदियों का उल्लंघन करने के लिए तृणमूल के 14 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था. सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में, तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव पूछते नजर आ रहे हैं कि उनके समर्थकों को हमले का सामना करने के बाद क्यों गिरफ्तार किया गया?

पार्टी के कार्यकर्ताओं को जमानत मिलने के बाद वह उसी दिन ही कोलकाता लौट आए थे.

डायमंड हार्बर से पार्टी के सांसद ने अगरतला से रवाना होने से पहले ट्वीट किया था कि वह पार्टी के घायल कार्यकर्ताओं को अपने साथ कोलकाता ला रहे हैं, जिन्हें त्रिपुरा में चिकित्सकीय उपचार देने से मना कर दिया गया है.

उन्होंने ट्वीट किया था, अगरतला तृणमूल कांग्रेस के सभी कार्यकर्ताओं को जमानत दे दी गई है, जिन्हें त्रिपुरा में गिरफ्तार किया गया था. सत्यमेव जयते. मैं उन्हें अपने साथ कोलकाता ला रहा हूं क्योंकि उन्हें चोट आई हैं और उन्हें चिकित्सकीय उपचार नहीं दिया गया. बिप्लब देब आप कोशिश करते रहें, लेकिन आपके सभी संसाधन कम पड़ जाएंगे. मेरे शब्दों को याद रखना.

कोलकाता में घायल कार्यकर्ताओं से एसएसकेएम अस्पताल मिलने पहुंची तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने दावा किया था कि गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं को कई घंटों तक मूलभूत सहायता और पानी तक नहीं दिया गया.

इस महीने की शुरुआत में डायमंड हार्बर से सासंद के काफिले पर भी पूर्वोत्तर राज्य के गोमती जिले में हमला किया गया था, जब वह त्रिपुरेश्वरी मंदिर के दर्शन करने गए थे.

पूर्वोत्तर राज्य में तृणमूल कांग्रेस के नेता सुबल भौमिक ने दावा किया कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ बदसलूकी की गई और उन पर उन अपराधों का झूठा आरोप लगाया जो उन्होंने नहीं किए.

भौमिक ने कहा, हमने पुलिस अधिकारियों के काम में व्यवधान नहीं डाला. 48 घंटे बाद उन्होंने धारा 186 के तहत हम पर मामला दर्ज करने का इरादा किया. ये आरोप निराधार है और राजनीतिक फायदे के लिए पुलिस प्रशासन का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है.

इस बीच, भाजपा के विधायक एवं पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदू अधिकारी ने तृणमूल सुप्रीमो के उन आरोपों को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि कार्यकर्ताओं को बुनियादी चिकित्सकीय सहायता और पानी नहीं दिया गया था. उन्होंने कहा कि ये आरोप निराधार हैं और उन्हें झूठ बोलने का सर्वोच्च पुरस्कार मिलना चाहिए.

अधिकारी ने कहा, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख के इन निराधार आरोपों का खंडन करते हूं कि कि उनके कार्यकर्ताओं को त्रिपुरा में एक गिलास पानी तक नहीं दिया गया. उनसे खुद को प्रतिष्ठित मिथ्या-श्री पुरस्कार (झूठ के लिए पुरस्कार) प्रदान करने का अनुरोध करता हूं. कृपया इस अनुरोध को स्वीकार करें ....

Last Updated : Aug 11, 2021, 7:39 PM IST
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