अगरतला : त्रिपुरा के उनाकोटी जिले के कुमारघाट में गैंगरेप (Kumarghat gang rape) की घटना में पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया है. विपक्षी दल इस घटना में भाजपा के एक मंत्री के बेटे के शामिल होने का आरोप लगा रहे हैं. वहीं, भाजपा ने मंत्री भगवान दास के बेटे के खिलाफ मनगढ़ंत बयान देने पर विपक्ष पर जमकार निशाना साधा है.
'ईटीवी भारत' से बात करते हुए पुलिस के सूत्रों ने कहा कि कल रात पुलिस ने बप्तू दास और राजेश मालाकार नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया. इससे पहले इस मामले में चार गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, जिसमें पापिया देब नाम की एक महिला भी शामिल है. दुष्कर्म का केस 20 अक्टूबर को फातिक्रोय पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था. पीड़िता का मेडिकल चेकअप करने के साथ बयान दर्ज किया गया था.
पुलिस ने एक बयान में कहा कि 'शुरुआती जांच से पता चलता है कि पीड़ित लड़की को उसकी सहेली ने बहकाया और कुमारघाट पर एक किराए के घर में ले गई जहां पार्टी चल रही थी. लड़की को एक कमरे में ले जाया गया और उसे शराब पिलाई गई. इसके बाद, लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया.' पुलिस ने यह भी कहा कि आरोपियों के खिलाफ विशेष सबूत मिलने के बाद गिरफ्तारियां की गईं.
बयान में कहा गया है कि 'पुलिस जांच के लिए फोरेंसिक तकनीकों का उपयोग कर रही है. एकत्र किए गए सबूतों के आधार पर पुलिस ने मामले के संबंध में 6 (छह) लोगों को गिरफ्तार किया है.'
भाजपा ने साधा निशाना : उधर, इस केस में भाजपा नेता के बेटे का नाम उछाले जाने को लेकर पार्टी ने निशाना साधा है. सूचना एवं सांस्कृतिक मामलों के मंत्री सुशांत चौधरी ने भाजपा प्रदेश पार्टी कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 19 अक्टूबर को कुमारघाट पर दुष्कर्म की घटना हुई जो नहीं होनी चाहिए. लेकिन सीपीआईएम और कांग्रेस ने सिर्फ ध्यान आकर्षित करने के लिए उस मामले में मंत्री भगवान दास (minister Bhagaban Das) के बेटे को शामिल करने के लिए एक दुर्भावनापूर्ण अभियान शुरू किया है.
उन्होंने कहा कि 'हम देख रहे हैं कि विपक्षी राजनीतिक दल क्या कह रहे हैं. उस दुष्कर्म के मामले में त्रिपुरा पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया. पुलिस ने मंत्री भगवान दास के बेटे को गिरफ्तार नहीं किया क्योंकि वह इस घटना में शामिल नहीं था. यह सीपीआईएम और कांग्रेस जैसे विपक्षी दल द्वारा दिया गया एक मनगढ़ंत बयान था जिसने मंत्री, उनके परिवार और हमारी पार्टी के नाम को बदनाम करने के लिए एक दुर्भावनापूर्ण अभियान चलाया. हम विपक्षी दलों के इस तरह के जघन्य कदम की कड़ी निंदा करते हैं.'
विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए मंत्री ने कहा कि प्राथमिकी में मंत्री के नाम का कोई नाम नहीं है, पीड़ित और उसके परिवार ने भी मंत्री के बेटे का नाम नहीं लिया है.
उन्होंने कहा कि 'मंत्री का बेटा 10 अक्टूबर से राज्य से बाहर था. जिनकी पहुंच जनता तक नहीं है वह ऐसी गतिविधियां कर मंत्री और उनके परिवार की छवि खराब करने करने की कोशिश कर रहे हैं. पुलिस ने साफ तौर पर कहा है कि इसमें मंत्री के बेटे की संलिप्तता नहीं है.' उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में लोग सीपीआईएम और कांग्रेस जैसे राजनीतिक दलों को खारिज कर देंगे.
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