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जीत से उत्साहित ममता-योगी को देंगी टक्कर, जानिए क्या है सोशल मीडिया प्लान?

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Published : Sep 19, 2021, 5:37 PM IST

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यूपी में भाजपा की घेराबंदी में जुटी तृणमूल कांग्रेस को अब एक स्वदेशी एप का साथ मिला है और पार्टी के नेता इस एप के जरिए हिंदी भाषियों से जनसंपर्क स्थापित कर रहे हैं. वहीं, हाल के कुछ दिनों में तृणमूल नेताओं व समर्थकों की इस एप पर तेजी से संख्या बढ़ी है.

लखनऊ : पश्चिम बंगाल में सत्ता की हैट्रिक लगाने के बाद तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (cm mamata benerjee) अब आगामी यूपी विधानसभा चुनाव (UP assembly election-2022) में भाजपा की घेराबंदी करने में जुट गई हैं. वहीं, पार्टी के सियासी रणनीतिकार प्रशांत किशोर अब दीदी की सियासी परिधि को पश्चिम बंगाल के भौगोलिक क्षेत्र के बाहर विस्तार देने को अन्य दलों के नेताओं से संपर्क स्थापित करने के साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफार्मों (social media platform) के जरिए यह प्रचारित करने में लग गए हैं कि वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (pm narendra modi) को अगर कोई टक्कर दे सकता है तो वो केवल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैं. दरअसल, बंगाल विधानसभा चुनाव में पीएम मोदी के नेतृत्व में प्रचार को बंगाल पहुंचे भाजपा नेताओं और मंत्रियों की फौज को धराशाई कर सत्ता की हैट्रिक लगाने के बाद से ही ममता बनर्जी के हौसले बुलंद हैं और अब अपनी पार्टी का विस्तार करने के लिए अन्य राज्यों के चुनावों में भी बढ़-चढ़कर आगे आ रही हैं. इसी कड़ी अगले साल यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा की घेराबंदी ( for BJP siege) को दीदी ने अब एक स्वदेशी एप का सहारा लिया है.

सोशल मीडिया पर भाजपा को पटखनी देने की तैयारी

इधर, यूपी विधानसभा चुनाव से पहले स्वदेशी माइक्रोब्लॉगिंग कू एप (Koo App) पर अभी से सियासी सरगर्मी देखने को मिल रही है. हाल ही ममता बनर्जी की सियासी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के करीब 31 बड़े नेता कू एप से जुड़े. वहीं, इन नेताओं का कू एप से जुड़ना ही इस ओर इशारा कर रहा है कि अब दीदी की तृणमूल कांग्रेस खुद को एक मजबूत विपक्ष के रूप में पेश करने के साथ ही सोशल मीडिया पर भाजपा को पटखनी देने की तैयारी शुरू कर दी है और इसके लिए पार्टी ने स्वदेशी माइक्रोब्लॉगिंग एप कू (Koo App) को अपना नया ठिकाना बनाया है. इधर, यूपी विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के सारे नेताओं व कार्यकर्ताओं के कू एप पर जुड़ना ये संकेत देते हैं कि पार्टी की नजर इस क्षेत्रीय भाषा वाले प्लेटफॉर्म के जरिए मतदाताओं के बीच अपनी पैठ जमाने पर है. गौर हो कि इस महीने की शुरुआत में ही तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी के सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी ने कू एप को ज्वाइन किया है. इसके बाद से ही पार्टी के कई नेताओं और समर्थकों का कू एप पर आने का सिलसिला लगातार बढ़ता ही जा रहा है.

क्षेत्रीय भाषाओं व बोलियों पर फोकस

पार्टी सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बंगाल उपचुनावों के बाद सीधे उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव पर अपना फोकस करने वाली हैं. साथ ही पार्टी अबकी यूपी में किस्मत आजमाने को उम्मीदवार उतारेगी. लेकिन हिंदी भाषियों के बीच तृणमूल की पहुंच बढ़ाने को पार्टी ने क्षेत्रीय भाषाओं व बोलियों पर फोकस करने का निर्णय लिया है. और तो और अपने इस फॉर्मूले को सही तरीके से अप्लाई करना भी शुरू कर दिया है. अभिषेक बनर्जी (abhishek banerjee) के कू एप पर आने के बाद जिन 31 बड़े नेताओं ने कू एप पर अपना अकाउंट बनाया है, उनमें मलय घटक (molay ghatak), शोभनदेव चट्टोपाध्याय (Shobhanadev Chattopadhyay), चंद्रिमा भट्टाचार्य (Chandrima Bhattacharya), इंद्रनील सेन ( Indranil Sen), रथिम घोष और मनोज तिवारी ( Manoj Tiwari) शामिल हैं. इन सब के अलावा भारी संख्या में तृणमूल कांग्रेस के समर्थक भी इस एप पर जुड़ अपने नेताओं को फॉलो कर रहे हैं.

एक करोड़ से अधिक यूजर्स

खैर, तेजी से लोकप्रिय हो रहे इस स्वदेशी माइक्रोब्लॉगिंग साइट कू ऐप ने हाल ही में एलान किया था कि उसके एक करोड़ से अधिक यूजर्स हो गए हैं. इसमें से करीब आधे यूजर्स हिंदी भाषी बताए जा रहे हैं. ऐसे में यह स्पष्ट हो गया है कि बड़ी संख्या में यूपी के लोग कू एप से जुड़े हैं और हिंदी में अपनी बात रख रहे हैं.

इधर, तृणमूल नेताओं के साथ ही अन्य विपक्षी पार्टियों के बड़े नेता भी तेजी से इस एप का हिस्सा बन रहे हैं. हाल ही में बसपा के दिग्गज नेता व पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने भी इस एप पर अपना आधिकारिक अकाउंट बनाया है. इसके अलावा आरजेडी के नेता तेज प्रताप यादव ने भी कू ज्वाइन किया है. वहीं, इस स्वदेशी एप पर पहले से ही आप के यूपी प्रभारी संजय सिंह, आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के ओमप्रकाश राजभर, अरविंद राजभर और अरुण राजभर सक्रिय हैं.

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