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Gay Marriage Case: समलैंगिक शादी पर अभिषेक बनर्जी बोले-हर किसी को जीवनसाथी चुनने का अधिकार

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Published : Apr 21, 2023, 9:16 AM IST

Updated : Apr 21, 2023, 9:25 AM IST

समलैंगिक शादियों को कानूनी मान्यता संबंधी मामले पर टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बेवजह इस मामले में देरी कर रही है.

TMC Leader Abhishek Banerjee on Gay Marriage Case says everyone has right to choose a life partner
समलैंगिक शादी के मामले पर अभिषेक बनर्जी बोले-हर किसी को जीवनसाथी चुनने का अधिकार

कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता अभिषेक बनर्जी ने शुक्रवार को समलैंगिक शादियों को कानूनी मान्यता देने की पैरवी की और कहा, 'हर किसी को अपना जीवनसाथी चुनने का अधिकार है.' उन्होंने केंद्र सरकार पर इस मामले को जानबूझकर लटकाने का आरोप भी लगाया. बनर्जी ने कहा, 'मामला अदालत में विचाराधीन है, इसलिए मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा. लेकिन मुझे लगता है कि प्यार का कोई धर्म, जाति या पंथ नहीं होता है. चाहे वह पुरुष हो या महिला, हर किसी को अपना जीवनसाथी चुनने का अधिकार है.'

  • #WATCH | "Everyone has the right to choose their own respective life partner, love has no limit. If I want to choose a life partner of my choice, if I'm a man & I'm fond of man, if I'm a woman, I'm fond of woman...hopeful SC will rule in favour of ethos we take pride in": TMC Gen… pic.twitter.com/jEuAyK4OnK

    — ANI (@ANI) April 21, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सरकार द्वारा समलैंगिक शादियों को कानूनी मान्यता देने के अनुरोध वाली याचिकाओं पर सुनवाई में सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को पक्ष बनाए जाने की अपील को लेकर शीर्ष अदालत में हलफनामा दायर करने के सवाल पर बनर्जी ने कहा कि सरकार इस मामले को जानबूझकर लटका रही है. उन्होंने कहा, 'ऐसे हथकंडे बेवजह मामले को लटकाते हैं. अगर वे राय लेने के बारे में इतने गंभीर थे, तो पिछले सात वर्षों में ऐसा कर सकते थे. वे इस मामले को बेवजह लटकाए रखना चाहते हैं.'

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बता दें कि उच्चतम न्यायालय में बृहस्पतिवार को मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष समलैंगिक विवाह के लिए कानूनी मंजूरी के अनुरोध वाली याचिकाओं पर सुनवाई हुई. इस दौरान समलैंगिक विवाह के प्रतिकूल प्रभावों पर बहस हुई. यह भी कहा गया कि समलैंगिक जोड़े अपने बच्चों की उचित देखभाल नहीं कर सकते. वहीं, समलैंगिक विवाह से बच्चों पर पड़ने वाले प्रभावों पर भी गौर किया गया. इस मामले की सुनवाई अभी जारी है.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Apr 21, 2023, 9:25 AM IST
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