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क्लर्क के हाथों में तिहाड़ जेल की 'कमान', फिर कैसे दुरुस्त होगी व्यवस्था ?

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Published : Dec 25, 2021, 7:30 PM IST

Updated : Dec 25, 2021, 7:40 PM IST

दिल्ली के तिहाड़ जेल (Tihar Jail) के स्टाफ द्वारा गड़बड़ी के मामले लगातार बढ़ने लगे हैं. इसका सबसे बड़ा कारण जेल में तैनात कर्मचारियों (prison staff in tihar) एवं अधिकारियों की हायरार्की (निम्नतम से उच्चतम तक की एक व्यवस्था) का डिस्टर्ब होना है. अधिकांश जेल अधिकारी दिल्ली सरकार के क्लर्क (Delhi Government) हैं.

tihar-jail
तिहाड़ जेल

नई दिल्ली : तिहाड़ जेल (tihar jail) में बीते एक साल के दौरान कई ऐसे कांड हुए. जिसने प्रशासन की व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं. जेल अधिकारियों पर जहां कैदी की हत्या ( prisoners murder in Tihar Jail) का आरोप लगा तो वहीं सुकेश चंद्रशेखर (Sukesh Chandrashekhar) ठगी मामले में जेल अधिकारियों की गिरफ्तारी हुई. इसकी सबसे बड़ी वजह तिहाड़ जेल को इन दिनों अधिकारियों की जगह क्लर्क (clerks working in jail) द्वारा चलाया जा रहा है. यह कहना है तिहाड़ जेल के पूर्व लॉ ऑफिसर सुनील गुप्ता का.

तिहाड़ जेल के पूर्व लॉ ऑफिसर सुनील गुप्ता (Former Law Officer Sunil Gupta) ने बताया कि बीते कुछ वर्षों में जेल के स्टाफ द्वारा गड़बड़ी के मामले बढ़ने लगे हैं. इसका सबसे बड़ा कारण जेल में तैनात कर्मचारियों एवं अधिकारियों की हायरार्की (निम्नतम से उच्चतम तक की एक व्यवस्था) का डिस्टर्ब होना है. यहां पर जेल कैडर वाले कुछ ही अधिकारी बचे हैं. अधिकांश जेल अधिकारी दिल्ली सरकार के क्लर्क (Jail Officer Delhi Government Clerk) हैं, जो जेल प्रशासन की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाल रहे हैं. पहले जेल में नई भर्ती वाले दानिक्स अधिकारी पोस्ट होते थे, जिन्हें अपना करियर बनाना होता था. वह जेल की व्यवस्था को बेहतर करने के बारे में लगातार सोचते थे, लेकिन अब यहां पर 50 वर्ष से ऊपर के अधिकारी पोस्टिंग पर आते हैं. उन्हें अपना करियर नहीं बनाना होता. वह जेल के बारे में उतनी गभीरता से नहीं सोचते, जिसकी वजह से वहां सिस्टम खराब हो रहा है.

तिहाड़ जेल की व्यवस्था

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सुनील गुप्ता ने बताया कि जेल में सुधार के लिए प्रशासन को कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने की आवश्यकता है. सबसे पहले उन्हें जेल में अपडेटेड जैमर (Updated Jammer in Jail) लगाना चाहिए, जिससे कैदी मोबाइल इस्तेमाल (mobile use in jail) न कर सकें. दूसरा जेल के स्टाफ को परमोशन रेवेन्यू देकर आगे बढ़ाए तो वह जेल को अच्छे से चला सकते हैं. दिल्ली सरकार (delhi government) से भेजे जाने वाले क्लर्क के मुकाबले उन्हें जेल की अच्छी जानकारी होती है. तीसरा सबसे महत्वपूर्ण कदम सुपरिटेंडेंट की पोस्टिंग है. क्लर्क को सुपरिटेंडेंट लगाने की जगह पैरामिलिट्री फोर्स से डेपुटेशन पर अधिकारी को लाकर उन्हें यह पद देना चाहिए. सीआरपीएफ, बीएसएफ, तमिलनाडु फोर्स आदि से सुपरिटेंडेंट लाना चाहिए.

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उन्होंने बताया कि जेल में भ्रष्टाचार (corruption in jail) को हटाने के लिए सबसे पहले साफ छवि के अधिकारी को सुपरिटेंडेंट लगाना चाहिए. सुपरिटेंडेंट साफ छवि का होगा तो उसके मातहत काम करने वाले कर्मचारी भी भ्र्ष्टाचार करने से पहले 10 बार सोचेंगे, अभी के समय में जेल के भीतर अधिकांश ऐसे लोगों को लगाया गया है, जिनके खिलाफ कोई न कोई शिकायत होती है. इसे एक पनिशमेंट पोस्टिंग बना दिया गया है. जेल प्रशासन का प्रमोट अधिकारी अगर सुपरिटेंडेंट लगने लायक नहीं है तो वहां सीआरपीएफ, आईटीबीपी, तमिलनाडु फोर्स के साफ छवि वाले अधिकारी को नियुक्त करना चाहिए.

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तिहाड़ जेल में बड़े कांड

  • जेल के भीतर अधिकारियों के निर्देश पर अंकित गुर्जर नामक कैदी की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई.
  • सुकेश चंद्रशेखर मामले में तिहाड़ जेल के दो सुपरिटेंडेंट, दो डिप्टी सुरिटेंडेंट, एक असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट और कई अन्य कर्मचारी गिरफ्तार हुए.
  • चंद्रा बंधुओं की मदद के मामले में तिहाड़ जेल के अधिकारियों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने दर्ज की एफआईआर
  • मंडोली जेल में बंद सुनील उर्फ टिल्लू ने मोबाइल इस्तेमाल कर गैंगस्टर गोगी की हत्या के लिए साजिश रची और 24 सितंबर को रोहिणी कोर्ट में इसे अंजाम दिलवाया.
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Last Updated :Dec 25, 2021, 7:40 PM IST
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