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ऑटो-एक्स रेस में हिस्सा लेने वाली इस चार महिलाओं ने दिया महिला सशक्तिकरण का उदाहरण

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 16, 2023, 6:07 PM IST

Updated : Nov 16, 2023, 9:10 PM IST

Horse riding women of Jammu and Kashmir
जम्मू-कश्मीर की घुड़सवार महिलाएं

श्रीनगर की चार महिलाओं ने ऑटे एक्स रेस में अपनी सफलता का ऐसा परचम लहराया कि वे 'घुड़सवार' महिलाओं के नाम से लोकप्रिय हो गईं हैं. इन्होंने अपने राज्य की दूसरी महिलाओं के लिए एक उदाहरण स्थापित किया. इन महिलाओं ने ईटीवी भारत से बात करते हुए अपने जीवन के अनुभवों के बारे में बताया. Horsewomen of Kashmir, Auto-X race, women empowerment, Jammu Kashmir News.

ऑटो-एक्स रेस में हिस्सा लेने वाली महिलाएं

श्रीनगर: जाने-माने उर्दू शायर राहत इंदौरी के एक शेर 'शाखों से टूट जाएं वो पत्ते नहीं हैं हम, आंधी से कोई कह दे कि औकात में रहे' का जिक्र करते हुए कश्मीर की चार घुड़सवार महिलाओं ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत की. उन्होंने अपने जीवन में आने वाली चुनौतियों के बारे में बात करते हुए अपने अनुभवों को साझा किया. वे दूसरों के लिए रोल मॉडल बन गईं, उन्हें हॉर्सवुमेन के तौर पर में जाना जाने लगा है.

दृढ़ इच्छाशक्ति और दृढ़ संकल्प इन घुड़सवार महिलाओं से जुड़े हैं. इसके अतिरिक्त, हाल ही में ऑटो-एक्स रेस में प्रतिस्पर्धा करके, घाटी की चार घुड़सवार महिलाओं- सबा रेशी, डॉ. उज़मा फ़ाज़ली, हेनान खान और मेहरीन शाहदाद ने घाटी की अन्य महिलाओं के लिए एक उदाहरण स्थापित किया है. श्रीनगर के पीर बाग की एक डिजिटल बैंकर रेशी ने कहा कि 'जब मैं छोटी थी, तो मेरे छोटे भाई ने मुझे ड्राइविंग सिखाई.'

उन्होंने आगे कहा कि 'मैंने खुद को कभी भी ऑटो रेसिंग में भाग लेते नहीं देखा, क्योंकि यहां कश्मीर में ऐसे अवसर कभी नहीं थे. हालांकि, मैंने ऑटो-एक्स रेस में प्रवेश किया, जब यह कश्मीर में आयोजित की गई थी. रेस के दौरान, गाड़ी चलाते समय मुझमें जोश भर गया.' उन्होंने आगे कहा कि 'मैंने पहले मारुति 800 चलाई और अब मैं फोर्ड एंडेवर सहित कई अन्य कारें चलाती हूं.'

रेशी ने कहा कि 'वाहन कोई भी चलायें, लेकिन पूरे मन से चलायें. जब लोग किसी महिला ड्राइवर के बारे में अनावश्यक टिप्पणियां करते हैं, तो मुझे कभी डर नहीं लगता. लोग यह कहकर मजाक उड़ाते हैं कि गाड़ी चलाते समय हेलमेट कौन पहनता है, लेकिन प्रतियोगिता के दौरान सुरक्षा सावधानियां जरूरी हैं. रेस के लिए बड़ी और स्वचालित कारों से भी बचना चाहिए.'

अपने कार्य-जीवन संतुलन के संबंध में उन्होंने कहा कि 'विवाहित लोगों के रूप में, घर और बच्चों के प्रति हमारी ज़िम्मेदारियां हैं. इसके बावजूद, अपनी रुचियों के लिए समय निकालना महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे आपको खुश करते हैं. हालांकि यह कठिन है, ख़ुशी अंदर से आती है. इस सब ने मुझे भी बहुत प्रभावित किया, साथ ही कई अन्य महिलाओं को भी. सबसे पहले मेरी सराहना करने वाली मेरी बेटी थी.'

उन्होंने कहा कि 'आज के युग में ड्राइविंग बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए मैंने अपनी मां से सीखा.' श्रीनगर के शिवपोरा की निवासी डॉ. फाजली ने कहा कि 'मुझे कार चलाने में मजा आता है. यह एक अद्भुत बात है कि अब घाटी में पर्याप्त संख्या में महिला ड्राइवर हैं. हालांकि लोगों के दृष्टिकोण को बदलने में समय लगता है, लेकिन हाल के वर्षों में समाज में काफी बदलाव आया है.'

रेस में अपनी भागीदारी के संबंध में उन्होंने टिप्पणी की कि 'हम अभी वहां गए थे. हमने समय परीक्षण दौड़ के संबंध में बहुत सारी जानकारी प्राप्त की, जिसमें तैयारी की आवश्यकता भी शामिल थी. मेरे परिवार और बच्चों ने मुझे प्रोत्साहन दिया. जब केवल एक ही धारणा हो तो चीजें सरल होती हैं. यह मुझे गर्व से भर देता है. आपको गाड़ी चलानी चाहिए, लेकिन जिम्मेदारी से.'

श्रीनगर के राज बाग में रहने वाली हेनान खान एक व्यवसायी महिला हैं. उन्होंने कहा कि 'मुझे लगा कि मैं सबसे अच्छी ड्राइवर हूं, लेकिन डॉ. उज़्मा, सबा और मेहरीन भी काफी अच्छी गाड़ी चलाती हैं. रेस के दौरान मेरे बच्चे मेरे साथ थे और वे मुझे तेज़ गाड़ी चलाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे थे. इसके अलावा, मेरे जीवनसाथी ने मुझे कुछ उपहार दिये.' उन्होंने कहा कि 'मैं 12वीं कक्षा से ही गाड़ी चला रही हूं.'

खान ने कहा कि 'हम अन्य काम कर सकते हैं, हम गाड़ी क्यों नहीं चला सकते? किसी व्यक्ति के जुनून अतिभारित नहीं होते. एक बार मैंने अपनी सतर्कता के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक दुर्घटना होने से बचा ली, और मैं सुरक्षित रही और उसके बाद मैंने गाड़ी चलाना जारी रखा.' अपने परिवार के प्रोत्साहन के बारे में उन्होंने टिप्पणी की कि 'मुझे महिला ड्राइवरों के बारे में लोगों के पूर्वाग्रहपूर्ण विचारों पर बहुत गुस्सा आता था.'

उन्होंने कहा कि 'मैं उनकी मान्यताओं के पीछे के तर्क को समझ नहीं सकी. ड्राइविंग एक प्रतिभा है, तो यदि आपके पास पहले से ही अन्य कौशल हैं, तो इसका उपयोग क्यों न करें? मेरे दिवंगत ससुर ने मेरी हताशा को महसूस करते हुए मुझे बताया कि कार का टायर कैसे बदला जाता है और तब से मुझे कभी कोई समस्या नहीं हुई.' श्रीनगर के शालीमार इलाके की मेहरीन एक आईटी पेशेवर के रूप में काम करती हैं.

उनका कहना है कि 'जब मैंने पहली बार श्रीनगर में गाड़ी चलाना सीखा, तो मेरे पास हरे रंग की जिप्सी थी. इसलिए मैं काफी मशहूर थी. मुझे कई लोग चिढ़ाते थे. वे मेरी कार के पीछे तेजी से गाड़ी चलाते थे और कभी-कभी उसे पंचर कर देते थे. हालांकि, मुझमें स्वयं समाधान निकालने की मानसिक क्षमता थी. मैं अक्सर टायर ठीक करती हूं.'

उन्होंने आगे कहा कि 'उसके बाद, मैं उच्च शिक्षा और नौकरी के लिए अमेरिका चली गई. मैंने वहां यातायात अनुशासन और बाएं हाथ से ड्राइविंग कौशल सीखा. वापस लौटने पर, मैं यहां खुद को ढालने में कामयाब रही, भले ही ऐसा करना चुनौतीपूर्ण था. कश्मीर में गाड़ी चलाना काफी चुनौतीपूर्ण है, जहां कई लोग कानून की अवहेलना करते हैं. मैंने अमेरिका में सभी शीर्ष कारें चलाई हैं और मुझे लगता है कि प्रौद्योगिकी सुरक्षा के लिए एक वरदान है.'

Last Updated :Nov 16, 2023, 9:10 PM IST
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