ETV Bharat / bharat

नाइजीरिया : ईसाइयों का समूल नाश करने पर तुले आईएस आतंकी

author img

By

Published : Dec 6, 2020, 4:21 PM IST

नाइजीरिया में नरसंहार कोई नई बात नहीं है. बोको हराम के आतंकी बेगुनाह लोगों को अपना शिकार बना रहा है. उसका मुख्य निशाना वहां की ईसाई आबादी है. नाइजीरिया की सरकार किस हद तक उसे रोकने में कामयाब हो पाएगी, यह आने वाले समय में ही पता चल पाएगा.

genocide of christians in nigeria
बरसों से जारी है नरसंहार

हैदराबाद : नाइजीरिया के आतंकी संगठन बोको हराम ने गत मंगलवार को 110 बेगुनाह किसानों को मौत के घाट उतार दिया. इस आतंकी संगठन का नाम सुनते ही अफ्रीका के लोगों के सामने खौफ का मंजर मंडराने लगता है. यह आतंकी संगठन आज से ही नहीं बल्कि बहुत पहले से ही नरसंहार जैसी घटनाओं को अंजाम देता आया है.

  1. नाइजीरिया में पिछले सप्ताह 110 किसान और मछुआरे, जब अपनी फसल काट रहे थे तब इस आतंकी संगठन ने उनपर हमला बोल दिया. इस हमले में करीब 110 किसानों और मछुआरों को मौत के घाट उतारा गया था.
  2. जबरन वसूली का विरोध करने पर इस आतंकी संगठन ने गारिन क्वाशेबे में नरसंहार किया.
  3. 110 किसानों के नरसंहार की घटना के बाद नाइजीरियाई राष्ट्रपति मुहम्मदु बुहारी ने पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है.
  4. जो खबर मिली है उसके मुताबिक बोको हराम का अकेला बंदूकधारी, जो जबरन किसानों पर पैसे देने और खाना बनाने के लिए दबाव बना रहा था. जब वह खाने का इंतजार कर रहा था तभी मौका पाकर किसानों ने उसे बंदी बना लिया और उसकी रायफल छीनकर उसे शौचालय में बंद कर दिया.
  5. कुछ समय बाद किसानों ने उसे सुरक्षाकर्मियों को सौंप दिया.
  6. अफसोस की बात यह रही कि सुरक्षाकर्मियों ने उन किसानों को कोई सुरक्षा मुहैया नहीं कराई.
  7. इसका बदला लेने के लिए आतंकी संगठन बोको हराम के सदस्यों ने कुछ समय बाद उन किसानों पर हमला बोल दिया.
  8. बता दें, कुछ वर्षों में नाइजीरिया में बोको हराम की आतंकी घटनाएं बढ़ी हैं. क्योंकि इस्लामिक चरमपंथी और तथाकथित कट्टरपंथी मुस्लिम फुलानी आदिवासी देश पर अपना प्रभुत्व स्थापित करना चाहता है. इसी वजह से वह निर्दोषों का अपहरण और हत्या करता है.
  9. अगस्त में दक्षिणी नाइजीरिया के कडुआ में हुए आतंकी हमले मे पांच ईसाई समुदायों को निशाना बनाया गया था. जिसमें कम से कम 33 लोग मारे गए थे.
  10. वहीं, जुलाई में दो अलग-अलग घटनाओं में बंदूक और हथियारों से लैस हमलावरों ने करीब 50 लोगों को भी मौत के घाट उतारा था.
  11. इसके अलावा साल 2020 के पहले 7 महीनों में इन चरमपंथियों ने नाइजीरियाई इसाइयों के करीब 1400 से अधिक लोगों की भी हत्या की थी.
  12. बता दें, नाइजीरिया ओपन डोर की 2020 वर्ल्ड वॉच सूची में 12वें स्थान पर रहा, जहां ईसाई सबसे ज्यादा उत्पीड़न झेलते हैं.

नरसंहार

  1. नरसंहार पर तुले आतंकी संगठन बोको हराम ने 2012 के बाद से नाइजीरिया में नरसंहार पर चेतावनी जारी की थी.
  2. बता दें, कम से कम 27 हजार हत्याओं के साथ यह दुनिया में सबसे घातक नरसंहार समूह बन चुका है. वहीं, बोको हराम ने अब इस्लामिक स्टेट पश्चिम अफ्रीका प्रांत में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने की प्रतिबद्धता जताई है.
  3. बोको हराम के नरसंहारों को देखकर लगता है कि ये जानबूझकर किए गए हैं.

फुलानी जिहाद

  1. 19वीं शताब्दी में फुलानी जिहाद ने सोकोतो सल्तनत के जरिए उत्तरी नाइजीरिया में इस्लाम का प्रसार किया.
  2. हवास को धर्मांतरण के लिए मजबूर किया गया. पश्चिम अफ्रीका में अब 25 मिलियन फुलानी हैं. वहीं, नाइजीरिया में पंद्रह मिलियन हैं.
  3. फुलानी सेना ने नाइजीरिया में 2016 से लेकर अब तक 2000 से अधिक ईसाइयों की हत्या की है. ये सिर्फ चुनिंदा ईसाइयों को ही मारते हैं. इसलिए इसे नरसंहार कहा जाता है. वे एक धार्मिक समूह के सदस्यों को ही निशाना बनाते हैं.
  4. नरसंहार से इंकार करने वालों ने फुलानी मुस्लिमों द्वारा ईसाइयों के खिलाफ नरसंहार को पारंपरिक विधर्मी-किसान संघर्ष के रूप में समझाया.
  5. साल 2000 के बाद से ये संघर्ष बहुत घातक हो गए हैं. फुलानी सेना अब ट्रकों से AK-47 लेकर पहुंचते हैं.
  6. नरसंहार करते हुए उन्होंने अब पूरे ईसाई गांवों का ही सफाया कर दिया है. ये केवल ईसाइयों को ही मारते हैं. इससे इतर वे मुस्लिम गांवों और मुसलमानों को अकेला छोड़ देते हैं.
  7. अपराध को "नरसंहार" कहने से फर्क पड़ता है. अमेरिकी कांग्रेस और यूरोपीय संसद के प्रस्तावों, जो आईएसआईएस का नरसंहार कर रहे थे, उनकी सेना की हार को लामबंद कर दिया.
  8. इस बात के पर्याप्त प्रमाण नहीं हैं कि राष्ट्रपति बुहारी और नाइजीरियाई सरकार फुलानी नरसंहारों का समर्थन करते हैं, लेकिन बुखारी नरसंहारों के लिए एक सिर्फ एक दर्शकमात्र बने रहे. उनकी सरकार ने उन्हें रोकने के लिए पर्याप्त काम नहीं किए.
  9. बोको हराम और फुलानी जिहादी जिन इलाकों में सक्रिय हैं, वहां गरीबी बहुत ज्यादा है, लेकिन चारागाह भूमि के लिए गरीबी और हिंसक विस्तार नरसंहार का बहाना नहीं है. इन नरसंहारों को रोकना होगा.

तबाही

1. नरसंहार की जांच के लिए एक यूएन कमीशन ऑफ इन्क्वॉयरी को नाइजीरिया जाना चाहिए.

2. आयोग को यूएन मानवाधिकार परिषद और यूएन सुरक्षा परिषद को रिपोर्ट भी करना चाहिए.

3. नाइजीरिया में चर्चों को नरसंहारों पर चेतावनी देने और रिपोर्ट करने के लिए मानवाधिकार केंद्र बनाने चाहिए.

4. नरसंहार को रोकने के लिए राजनयिक मिशनों को नाइजीरियाई सरकार से ठोस कार्रवाई करने का आग्रह करना चाहिए.

5. नाइजीरियाई कानून प्रवर्तन अधिकारियों को अपराधियों पर नज़र रखने और गिरफ्तार करने में मदद की जानी चाहिए.

6. नाइजीरियाई पुलिस और सेना को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए और मानव अधिकारों के उल्लंघन के लिए कड़ाई से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए.

7. पश्चिम अफ्रीका के आर्थिक समुदाय (ECOWAS) द्वारा समन्वित अभियान जिहादियों को हराने के लिए अफ्रीकी संघ, यूएस, नाटो, संगठन फॉर इस्लामिक कोऑपरेशन और यूएन द्वारा समर्थित होना चाहिए.

जिहाद

  1. फुलानी के सशस्त्र आतंकवादी ईसाई ग्रामीणों को जबरदस्ती बाहर निकाल रहे हैं.
  2. लेकिन हमलों में आज एक बड़ा अंतर आ चुका है. इन हमलों में घातक राइफलों और मशीनगनों का उपयोग किया जाता है.
  3. ईसाई लोगों के गावों को आग के हवाले करने के लिए उनके पास नए-नए हथियार और केमिकल भी हैं.
  4. वे पेट्रोल बम में केमिकल का इस्तेमाल कर रहे हैं.
  5. बता दें, इन हमलों में इन रसायनों के सबूत भी देखे गए हैं.
  6. ये केमिकल सिर्फ छत को ही नहीं बल्कि पूरी इमारत को क्षतिग्रस्त कर देते हैं.
  7. नाइजीरिया में ईसाइयों पर लगातार हो रहे हमले एक अघोषित जिहाद का एक हिस्सा है.

हिंसा का पैमाना

  1. इन हमलों का पैमाना काफी चिंताजनक है.
  2. एक साल से भी कम समय में इन हिंसक हमलों में 5,100 से अधिक नाइजीरियाई मारे गए हैं.
  3. गैर-सरकारी संगठन के आकड़ों की मानें तो हर दिन करीब 5 ईसाइयों की मौत हो रही है.
  4. द ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स (2019) के अनुसार फुलानी आतंकवादियों ने सिर्फ 2018 में ही 2 हजार से अधिक लोगों की हत्या की. इस घटना ने उन्हें बोको हराम के आतंकवादियों की तुलना में छह गुना घातक बना दिया.

धार्मिक आयाम

1.अमेरिकी राज्य विभाग ने 2020 में नाइजीरिया की रिपोर्ट में धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के लिए उसे 'विशेष चिंता का देश' के रूप में नामित किया है.

2. धार्मिक और पारंपरिक नेताओं और पूजा घरों पर आपराधिक हमलों की कई रिपोर्टें आई थीं.

3. 2019 में अपहरण की सैकड़ों घटनाएं हुईं. मीडिया ने फिरौती और कैथोलिक पुजारियों की हत्या के लिए अपहरण की कई घटनाओं को उजागर भी किया था.

नरसंहार

  1. नाइजीरिया अपने कमजोर ईसाई समुदायों की रक्षा के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रहा है.
  2. सुरक्षा के अभाव में ग्रामीण अपनी सुरक्षा के लिए स्वयं हथियार उठाने को मजबूर हैं, जो हमलों और विद्रोह का एक दुष्चक्र बना सकता है.
  3. लेकिन, जब तक लोग असुरक्षित महसूस करते हैं और सरकार उन्हें सुरक्षा प्रदान नहीं करती, तब तक वे अपनी रक्षा करते रहंगे.
  4. हथियारबंद फुलानी आतंकवादियों के अपहरण और अपराध की ओर बढ़ते ही अराजकता लगातार बढ़ती जा रही है.
  5. अब एके-47 के साथ उनमें से कई लोग ऐसे हैं जो डाकू और अपहरण करने लगे हैं. वहीं, जब वे गांवों पर हमला नहीं करते हैं, तो वे रुपयों के लिए लोगों का अपहरण कर रहे हैं.
  6. शायद ही ऐसा कोई सप्ताह हो, जब ईसाई गांवों पर हमलों की कोई रिपोर्ट न आती हो.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.