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हैदराबाद नाबालिग गैंगरेप : कोर्ट ने एक आरोपी को चार दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा

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Published : Jun 9, 2022, 7:33 AM IST

जुबली हिल्स रेप केस में जुवेनाइल जस्टिस कोर्ट में बुधवार को बहस खत्म हो गई है. तीन नाबालिग आरोपियों को हिरासत में लेने के लिए पुलिस की ओर से दायर याचिका पर जुवेनाइल जस्टिस कोर्ट में सुनवाई चल थी.

हैदराबाद नाबालिग गैंगरेप
हैदराबाद नाबालिग गैंगरेप

हैदराबाद : जुबली हिल्स रेप केस में जुवेनाइल जस्टिस कोर्ट में बुधवार को बहस खत्म हो गई है. तीन नाबालिग आरोपियों को हिरासत में लेने के लिए पुलिस की ओर से दायर याचिका पर जुवेनाइल जस्टिस कोर्ट में सुनवाई चल थी. किशोर अपराधियों की हिरासत पर जुवेनाइल जस्टिस कोर्ट गुरुवार को अपना फैसला सुनाएगी. जुबली हिल्स रेप मामले में मंगलवार को दो अन्य नाबालिगों को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस दोनों को बाल सुधार गृह ले गई.

एक आरोपी के लिए चार दिन की हिरासत: अदालत ने जुबली हिल्स नाबालिग लड़की बलात्कार मामले में सउदुद्दीन को चार दिन की पुलिस हिरासत में रखने की अनुमति दी. हालांकि, जुबली हिल्स पुलिस ने 7 दिन की हिरासत मांगी थी. नामपल्ली कोर्ट ने केवल 4 दिन की हिरासत की अनुमति दी. जुबली हिल्स पुलिस गुरुवार को चंचलगुडा जेल से सादुद्दीन को हिरासत में लेगी. पुलिस गुरुवार से 12 जून तक सादुद्दीन से पूछताछ करेगी. कोर्ट ने पुलिस को इस महीने की 12 तारीख को 4 बजे सादुद्दीन को नामपल्ली कोर्ट में पेश होने का कहा है.

जुबली हिल्स पुलिस ने मामले में सादुद्दीन के साथ पांच नाबालिग लड़कों को किशोर गृह भेज दिया. इस महीने की 5 तारीख को तीन नाबालिग लड़कों को किशोर गृह में ले जाया गया था. इसी मामले में मंगलवार को दो अन्य नाबालिगों को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस दोनों को बाल सुधार गृह ले गई. तीन नाबालिग आरोपियों को हिरासत में लेने के लिए पुलिस की ओर से दायर याचिका पर जुवेनाइल जस्टिस कोर्ट में सुनवाई चल थी. किशोर अपराधियों की हिरासत पर जुवेनाइल जस्टिस कोर्ट गुरुवार को अपना फैसला सुनाएगी. जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड, जिसने दलीलें सुनीं, कल फैसला करने की संभावना है.

इससे पहले पुलिस ने मंगलवार को बताया था कि एक बालिग सहित पांच आरोपी यौन उत्पीड़न में शामिल थे. एक आरोपी एक विधायक का बेटा बताया जा रहा है जिस पर छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया गया है. सामूहिक दुष्कर्म में शामिल चार किशोरों में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के एक नेता का बेटा शामिल है, जो एक सरकारी निकाय का प्रमुख है. अपराध सरकारी ड्यूटी के लिए किराए पर लिए गए इनोवा वाहन में किया गया था. पुलिस ने पहले कहा था कि पांच आरोपियों में से तीन नाबालिग हैं.

पढ़ें: हैदराबाद गैंगरेप मामला : विधायक का बेटा समेत सभी आरोपी गिरफ्तार

पुलिस आयुक्त सी.वी. आनंद ने हालांकि मंगलवार रात एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जिन आरोपियों के बारे में पहले बताया गया था कि उनमें से एक बालिग है, वह वास्तव में बालिग होने से 18 महीने से कम का है. उन्होंने कहा था कि उनके पास सामूहिक दुष्कर्म करने वालों के खिलाफ मजबूत सबूत हैं. पुलिस प्रमुख ने कहा था कि उन पर एक विशेष अदालत में मुकदमा चलाया जाएगा और उन्हें कम से कम 20 साल की सजा या मौत तक आजीवन कारावास या यहां तक कि मौत की सजा का सामना करना पड़ सकता है.

इन आरोपों में मुकदमा, जानिए कितनी हो सकती है सजा : पांचों आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376डी (सामूहिक बलात्कार), 323 (चोट पहुंचाना), धारा 5जी के साथ 6, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पोक्सो), 366 और 366ए (अपहरण) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 के तहत मामला दर्ज किया गया है. छठा चाइल्ड इन कॉन्फ्लिक्ट विद लॉ (सीसीएल) दुष्कर्म में शामिल नहीं था, लेकिन उसने कार में पीड़िता को किस किया. उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 354, 323 और पोक्सो अधिनियम की धारा 9 जी के साथ 10 के तहत मामला दर्ज किया गया है. उसे 5-7 साल की कैद हो सकती है. सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि वे पब के बाहर लड़की का पीछा कर रहे थे.

ये है मामला : पुलिस के मुताबिक 28 मई को नाबालिग लड़की दोस्त के साथ पब गई थी. चूंकि उसकी सहेली जल्दी चली गई थी, इसलिए पार्टी के दौरान उसकी एक लड़के से दोस्ती हो गई. उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर उसे घर छोड़ने का वादा किया. लड़की के साथ करीब आठ लड़के दो कारों में पब से निकले. वे रास्ते में एक पेस्ट्री की दुकान पर रुके और बाद में जुबली हिल्स में कार खड़ी कर दी, जहां 3-5 लड़कों ने एक कार में उसका यौन उत्पीड़न किया. बाद में उन्होंने उसे वापस पब में छोड़ दिया.

घटना का पता तब चला जब लड़की के पिता ने उसकी गर्दन पर चोट के निशान देखे और उसके बारे में पूछताछ की. उसने उसे बताया कि एक पब में पार्टी करने के बाद कुछ लड़कों ने उस पर हमला किया. पीड़िता के पिता की शिकायत पर पुलिस ने 1 जून को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था. इसे शुरू में शील भंग करने का मामला माना गया था लेकिन पीड़िता का बयान दर्ज करने के बाद पुलिस ने आईपीसी की धारा 376 जोड़ दी.

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